मई १८, २०१८. मैथिली जिन्दाबाद!!
दरभंगा आ रोसड़ाक दूरदर्शन रिले केन्द्र बन्द करबाक अफवाह मात्र थिक, एकर खुलाशा सरकारक बदलल नीति सँ अन्जान आ बिना अध्ययन कएने गोटेक सज्जन द्वारा सामाजिक संजाल पर प्रसार भारतीक एकटा आदेशक पत्र केँ वायरल बनाकय कयल जेबाक बात सोझाँ देखायल अछि।

सोशल मीडिया पर वायरल भऽ रहल चिट्ठी जाहि सँ अफवाह पसरबाक काज भेल
एहि सम्बन्ध मे आधिकारिक वेबसाइट तथा अन्य संचार माध्यम सँ देल गेल सूचना अनुरूप वर्तमान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधनक सरकार बनिते २०१४ मे सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय द्वारा देल गेल आदेश अनुरूप प्रसार भारती द्वारा एनालौग सिस्टम केँ २०१७ केर डेडलाइन (अन्तिम लक्षित समय) केर भीतर बन्द करबाक छल। चूँकि एनालौग सिस्टम केर लो पावर ट्रान्समिटर द्वारा बेसी सँ बेसी एकटा चैनल मात्र प्रसारित कयल जा सकैत अछि, ताहि कारण एकरा डिजीटल ट्रान्समिशन द्वारा प्रतिस्थापित करबाक ध्येय सँ बन्द करबाक योजना देल गेल अछि।
एहि सम्बन्ध मे, संपादक प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा देल गेल फेसबुक स्टेटस स्वतः सब बात राखि रहल अछिः
क्षमा मलय भाइ, विजयदेवजी, शुभनारायण झा समैध, चन्दनकुमार झा जी व अनेकानेक मैथिल सामाजिक अभियन्ता, साहित्यकार, संचारकर्मी व हितचिन्तक लोकनि!
भारत मे डिजिटलाइजेशन करबाक दौड़ सब केँ ज्ञाते अछि। लोवर पावर ट्रान्समिटर केर युग आब नहि रहि गेल अछि। डीटीएच, सेट-टप-बक्स, पेड चैनल सर्विसेज आदिक जमाना, केबल डिस्ट्रीब्युटर मार्फत हरेक चैनल केर प्रसारण आदिक युग थिक।
एहि लिंक पर पढि सकैत छी जे सरकार कियैक एनालौग ट्रान्समिशन प्वाइन्ट्स केँ बन्द कय रहल अछि। ट्रान्समिशन केन्द्र बन्द करबाक धारणा उपरोक्त आदेश मे नहि देल गेल अछि, बल्कि एलपीटी ट्रान्समिटर केँ बन्द करबाक बात कहल गेल अछि। एहि प्रविधि मे प्रयुक्त इलेक्ट्रिसिटी आ टेलिफोन पर्यन्त डिसकनेक्ट करबाक बात कहल गेल अछि। सरकार अपन नीति अनुसार कार्य करैत एहि रिले केन्द्र सभ केँ अपना तरहें बजट मे कयल जा रहल प्रावधान मुताबिक आधुनिकीकरण केर योजना चला रहल अछि।
पढू सरकारक नीति, जे २०१७ धरि समस्त एलपीटी ट्रान्समिटर – एनालौग सिस्टम बन्द कय डिजिटल ट्रान्समिटर लगेबाक प्रसार भारतीक बहुत पहिनेक निर्णय सम्बन्ध मे विस्तार मे चर्चा कय रहल अछिः
https://www.thehindubusinessline.com/economy/policy/prasar-bharati-to-phase-out-dds-analogue-terrestrial-transmitters/article9881208.ece
पढूः https://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/dd-shuts-down-analog-transmission/articleshow/62482921.cms (बस सन्दर्भक लेल, जाहि सँ सरकारक नीतिगत निर्णयक जनतब भेटत।)
क्षमा एहि लेल सेहो मंगलहुँ जे एना कौआ कान लेने उड़ि गेल ताहि मे हमहुँ-अहाँ एना बौआयब त पार लगयवला नहि अछि, आइ-काल्हि सूचना तकनीक बहुत अद्यतन व्यवस्थाक संग सम्बन्धित निकाय द्वारा सब बातक समुचित सूचना प्रवाह करैत अछि। तखन हम सब अपन क्षुद्रता सरकार केँ लताड़य मे, गिराबय मे, अनेरौ लेल आलोचना कदापि नहि करी। ओतेक समय बरु सम्बन्धित पदाधिकारी सँ बातचीत करैत पुनः उच्चाधिकारी तक बात बुझबाक चेष्टा करी। खासकय जे संचारकर्म मे लागल छी हुनका त विशेषाधिकार भेटल अछि जे तुरन्त एहि सम्बन्ध मे जानकारी ली, अधिकारीक बात रेकर्ड करी आ तखन कोनो बात – आगाँ सूचना प्रसार करी। ई नैतिक काज हेतैक।
ओना, हम कनिकबा देखि सकल छी। दूरदर्शनक पेज कुल २७२ गोट एलपीटी ट्रान्समिटर बन्द करबाक निर्णय आ डायरेक्टर जेनरल द्वारा आदेश पारित करा सम्बन्धित सब निकाय संग पत्राचार केलक अछि। डीडी इंडिया केर वेबसाइट पर एकर जानकारी सेहो कराओल गेल अछिः http://ddindia.gov.in/AboutDD/Documents/List%20of%20272%20transmitters%20ordered%20for%20closure.pdf
किछु समाचार मे सरकार द्वारा अपन गछल बात जे एलपीटी बन्द करब से त पूरा कयल गेल, लेकिन एकरा बदला मे वैकल्पिक व्यवस्था नहि कयल जा सकल सेहो पढलहुँ। एखन आरो अध्ययन कय रहल छी। बात भेटला पर पूरा बात लिखब। लेकिन हमर निवेदन जे अपने लोकनि केँ एना अधूरा बात पर सरकार केँ दूसब शोभा नहि दैछ भाइ।