कतेको वर्ष पछुआ गेल नेपाल मे पर्यटन उद्योग

पाटन दरबारक कृष्ण मन्दिर ध्वस्त ‍- मैथिलीक स्वर्णयुग मल्लकालीन राजा द्वारा १७म शताब्दीमे निर्मित मन्दिर - एतय वर्तमान समय धरि विद्यापतिक रचना सँ दुनु संध्या आरती होइत छल

– सुभाषचंद्र झा, सहरसा। मई ६, २०१५ – मैथिली जिन्दाबाद।

पाटन दरबारक कृष्ण मन्दिर ध्वस्त ‍- मैथिलीक स्वर्णयुग मल्लकालीन राजा द्वारा १७म शताब्दीमे निर्मित मन्दिर - एतय वर्तमान समय धरि विद्यापतिक रचना सँ दुनु संध्या आरती होइत छल
पाटन दरबारक कृष्ण मन्दिर ध्वस्त ‍- मैथिलीक स्वर्णयुग मल्लकालीन राजा द्वारा १७म शताब्दीमे निर्मित मन्दिर – एतय वर्तमान समय धरि विद्यापतिक रचना सँ दुनु संध्या आरती होइत छल

प्राकृतिक रूप सँ सुन्दर नेपाल दुनिया भरिक लोक सब केँ आकर्षित करैत रहल अछि। ताहि कारणे नेपालक 80 प्रतिशत उद्योग-धंधा पर्यटन पर निर्भर अछि। एहि बेर आयल महाविनाशकारी भूकम्प मे नेपालक सब ऐतिहासिक धरोहर नष्ट भय जेबाक कारणे पर्यटन उद्योगक डाँढ टूटि गेल बुझाइछ। नेपाल सरकारक आर्थिक सर्वेक्षन अनुसार सबसँ बेसी युरोप सँ 27.5 प्रतिशत पर्यटक अबैत छल, तहिना अमेरिका सँ 7.6 प्रतिशत लोक नेपाल घूमय लेल अबैत अछि, जाहि सँ एहिठाम रोजगारक सृजन होइत छैक। कहल जाइत अछि जे 2013-14 मे 10 लाख पर्यटक नेपाल आयल। लेकिन भूकम्प मे मंदिर, मठ, स्मारक टूटि गेल। एहेन सन स्थिति मे विदेशी कथी पर अाकर्षित होयत ई चिन्ता केर विषय अछि। हलाँकि पुनर्निर्माणक काज जारी अछि मुदा सब केँ ठीक-ठाक करबा मे दस साल लागि जायत ताहि सँ नेपाल मे पर्यटन उद्योग सेहो दस साल पछुआ गेल बुझाइत अछि।