विराटनगर, मार्च ७, २०१८. मैथिली जिन्दाबाद!!
राष्ट्रीय महिला नाट्य उत्सवक दोसर दिन विराटनगर केर आरोहण गुरुकुल नाटक घर मे पुनः ३ अलग-अलग रंगकर्मी समूह द्वारा ३ गोट एकल नाट्य प्रस्तुति कयल गेल अछि। आजुक पहिल नाटक ‘म रुपियाँ’ शिल्पी कला समूह काठमांडूक कलाकार बंसरी पाण्डे गाँधी द्वारा भारतीय नोटबन्दी केँ चित्रण केलक। कोना एकटा ५०० टकही भारतीय नोट एतेक शानदार अस्तित्व बना लेने रहय जे लोकक क्रय क्षमता केँ परिभाषित करयवला मु्द्रा सँ बढैत-बढैत बड़का नेता, ठीकेदार, सेठ आदिक तिजौड़ी मे कालाधन तक बनि जेबाक सौभाग्य प्राप्त कय लेलक, एतेक तक जे आतंकवादी समूह द्वारा एहि नोटक दुरुपयोग करैत राष्ट्रक अस्मिता तक पर चोट करब शुरू कय देल गेल आर फेर अचानक भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोना एकर अस्तित्व केँ ८ नवम्बर २०१६ केँ रातोरात खत्म कय देलाह – एहि नोटबन्दी सँ आम जनता केँ केहेन परेशानीक सामना करय पड़ल आर फेर ओ नोट अपन अस्तित्व पर सवाल लागैत देखि मानव समाज आ राज्यक जिम्मेवार नेता सँ स्पष्टीकरण माँगैत अपन नव अस्तित्व केँ फेरो कलंकित नहि करय ई सन्देश दैत स्वयं लेखक तथा अभिनय प्रस्तुति करैत बंसरी पाण्डे गाँधी खूब वाहवाही लूटलनि। एहि शो केँ देखबाक लेल विशेष रूप सँ भारतीय राजदूतावासक विराटनगर कैम्प कार्यालय प्रमुख निरज जायसवाल विशेष रूप सँ उपस्थित होएत कलाकार केँ खादा आ प्रतीक चिह्न हस्तान्तरित करैत उत्साहवर्धन कएलन्हि।
आजुक दोसर आ तेसर प्रस्तुति क्रमशः सद्भाव थिएटर काठमांडू एवं ख्वापकिमी कला संस्था नेपाल, काठमांडू द्वारा प्रस्तुत कयल गेल छल। विसंगतक कलाकार महिला रंगकर्मी ज्योती राई तथा बसन्ता सुनुवार (लेखक-निर्देशक) लिखित बरीक कलाकार ज्ञान कुमारी सुनुवार सेहो अपन अभिनय सँ दर्शक लोकनिक भरपूर मनोरंजन कयलीह। हलाँकि नाटकक विषय आ संवाद ओतेक मर्मस्पर्शी नहि होयबाक कारण दर्शक लोकनिक प्रतिक्रिया मे आलोचना बेसी देखल गेल। कार्यक्रमक अन्त मे भेल दर्शक एवं कलाकार बीच अन्तर्क्रिया मे पहिल नाटक ‘म रुपियाँ’ केर प्रशंसा बेसी कयल गेल, जखन कि अन्य दुइ नाटक बीच विसंगत तथा ज्योति राई केर प्रस्तुति केँ दोसर दर्जा आ बसन्ता सुनुवारक बरी केँ तेसर दर्जाक कहैत संवाद आ मर्म केँ स्पष्ट करबा दिस आरो काज करबाक वास्ते विशेषज्ञ लोकनि अपन सुझाव देलनि। आइ देखायल गेल ३ गोट नाटकक प्रायोजन मे नेशनल इंस्टीच्युट अफ टेक्नोलौजी विराटनगर, गोल्डेन अस्पताल विराटनगर, दिव्यरत्ना होटल विराटनगर, द ड्रीमलैन्ड विराटनगर, जानकी पोलीटैंक विराटनगर, छिन्नमस्ता टेक्निकल एजुकेशन एकेडमी राजविराज, रमपम चाउचाउ विराटनगर केर उल्लेखनीय सहभागिता रहल। सम्पूर्ण प्रायोजक वर्गक सहयोग लेल आयोजक संस्था नेपाल संगीत तथा नाट्य प्रज्ञा प्रतिष्ठान एवं सांस्कृतिक संस्थान (राष्ट्रीय नाच घर) सहित सह-आयोजक दहेज मुक्त मिथिला एवं मैथिली सेवा समिति आर आरोहण गुरुकुल केर तरफ सँ भूरि-भूरि प्रशंसा करैत धन्यवाद ज्ञापन कयल गेल छल।
राष्ट्रीय सभा सदस्य एवं रंगकर्म क्षेत्रक संग संस्कृति-भाषा आदिक उत्थान लेल जानल जायवला व्यक्तित्व खेमराज नेपाली, प्राज्ञ दधिराज सुवेदी, कवि विवश पोखरेल, रंगकर्म प्रशिक्षक विरेन्द्र हमाल, भरत गुरागाईं, शिक्षाविद् भगवान् झा, मैथिली सेवा समितिक अध्यक्ष डा. एस. एन. झा, मैथिली विकास अभियानक अध्यक्ष पंकज वर्मा, मैथिली कवि कर्ण संजय, समाजसेवी विवेकानन्द ठाकुर सहित अनेकानेक गणमान्य व्यक्तित्व सभक उपस्थिति औझको नाटक मे देखल गेल। विद्यालयक छात्र-छात्रा सभक अपार भीड़ आबि गेलाक कारण एकटा नाटक केँ पुनर्प्रदर्शन सेहो भेल। दोसर बेरुक प्रदर्शन पहिलुक अपेक्षा खूब बेसी सराहल गेल, एहि सँ कलाकार आ प्रस्तोता सेहो खूब उत्साहित भेलाह। रंगकर्म प्रस्तुतिक संचालन जयत कांछा मिलन कयलनि तहिना राम भजन कामत व सहयोगी द्वारा दर्शक लोकनि केँ नाटक घर केर संस्कार आ शिष्टाचार सँ परिचित करेबाक विलक्षण भूमिकाक निर्वहन होएत रहल। आयोजक संस्थाक प्रमुख रमेश रंजन झा तथा राजेश थापा सेहो सम्पूर्ण अवधि भरि नाटक घर मे संचालन-व्यवस्थापन मे व्यस्त रहलाह। प्रायोजक नेशनल इन्स्टीच्युट अफ टेक्नोलोजीक संचालक भगवान झा द्वारा सम्पूर्ण कलाकार लोकनिक प्रस्तुति पर संछिप्त समीक्षा राखल गेल छल, संगहि ओ अपन चिर-परिचित शैली मे सटीक संबोधन सँ दर्शक सभक भरपूर मनोरंजन सेहो कयलाह।
आजुक अन्तर्क्रिया कार्यक्रम मे मैथिली विकास अभियानक अध्यक्ष पंकज वर्मा द्वारा मैथिली नाटक ‘कथा नहि भेटल’ केर अभिनेत्री प्रियंका झा केर एकटा आरो प्रस्तुतिक मांग कयल गेल जेकर प्रायोजन हुनकहि संस्था द्वारा कयल जायत। विदित हो जे काल्हि ई नाट्य उत्सव केर आखिरी दिन थिक जेकर प्रमुख अतिथि प्रदेश प्रमुख प्रा. डा. गोविन्द तुम्बा हेताह। संगहि काल्हि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस सेहो हेबाक कारण महिला समाजक उल्लेख्य उपस्थिति रहबाक आकांक्षा राजनीतिकर्मी महेश रेग्मी कहलनि। काल्हि समापन उपरान्त सहभागी कलाकार लोकनि केँ सम्मान पत्र सेहो हस्तान्तरित कयल जायत।