विश्व पुस्तक मेला-2018 मैथिली स्टाल – भारत तथा नेपालक प्रकाशन लेल सुवर्ण अवसर

दिल्ली विश्व पुस्तक मेला मे मैथिलीक प्रतिनिधित्व

दिल्ली, दिसम्बर ७, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!

नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा आयोजित 26म नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला, 2018 मे पहिल बेर मैथिली भाषा केँ सेंटर फॉर स्टडीज ऑफ़ ट्रेडिशन एंड सिस्टम्स, नई दिल्ली द्वारा लगायल जा रहल “मैथिली मचान” नाम सँ स्टाल मे प्रतिनिधित्व भेट रहल अछि जाहि मे नेपाल और भारत भरिक मैथिली प्रकाशक/लेखक सँ मैथिली भाषा केर पुस्तक सब आमंत्रित कय एकटा संयोजित मंच तैयार करबाक कोशीश कयल जा रहल अछि ताकि चौदहम सदी सँ लगातार समृद्ध साहित्य केर एक परंपराक अस्मिता विश्वस्तरीय मुकाम हासिल करय।  

एहि मचान सँ मिथिला/मैथिली केर नौ रत्न केँ सेहो सम्मानित करबाक एहि ट्रस्टक योजना अछि, संगहि नव प्रकाशित पुस्तक सभक विमोचन सेहो एहि मैथिली मचान सँ करबाक योजना अछि। एखन धरि जतेक लेखक/लेखिका केँ साहित्य अकादेमी सम्मान सँ सम्मानित कयल गेल अछि हुनका लोकनिक तमाम पुस्तक केँ एक जगह एकत्रित कय ई आगाँक शोध लेल सेहो नव आयाम खोलत ई संभावना प्रबल अछि। 

एहि आयोजनक मूल उद्देश्य ग्रामीण प्रकाशक सबकेँ विशेष रूप सँ सोझाँ आनब आ मैथिली केर ग्रामीण प्रकाशक और लेखक सबकेँ प्रोत्साहन देब सेहो अछि। ग्रामीण प्रकाशक केँ स्तरीय प्रकाशन केर एक नव मंच भेटय, ईहो प्रयास कयल जायत। संगहि पद्मश्री उषाकिरण खान केर ‘पोखरी रजोखरी’ और ‘भामती’ जेहेन चर्चित रचना-ग्रंथ सँ जुड़ल विभिन्न आयोजन एहि पुस्तक मेला मे करबाक योजना बनल अछि। आयोजन संस्थाक संस्थापक अमित आनंद और डॉ सविता झा खान द्वारा मातृभाषा प्रति संवेदना जगेला सँ समाज केर एक पैघ वर्ग केँ लाभ पहुँचबाक संग-संग मुख्यधारा मे सेहो शामिल होयबाक आवश्यकता पर जोर दैत ई बात कहल गेल।

ई प्रयास जनसाधारण केँ शिक्षा सँ जोड़बाक काज सेहो सहजहि करत। मैथिली मातृभाषा केर रूप मे भारत-नेपाल दुइ देशक आपसी बेटी-रोटीक संबंध केँ नहि मात्र जोड़ैत अछि बल्कि एक बहुत जनमानस (तक़रीबन आठ करोड़) केर प्रचलित मातृभाषा सेहो बनि गेल अछि। एहेन स्थिति मे विश्व पुस्तक मेला मे भारत, नेपाल केर लेखक आर प्रकाशक सब केँ एक मंच पर आनब एकटा महत्वपूर्ण पहल मानल जा सकैछ।

पैछला विश्व पुस्तक मेला मे सेहो ट्रस्ट केर तरफ सँ एहने प्रयास कयल गेल छल जखन बहुचर्चित रेडियो कार्यक्रम ‘हेल्लो मिथिला’ जे कान्तिपुर एफएम काठमांडु सँ प्रसारित होएछ तेकर संचालक व मैथिली साहित्यकार धीरेन्द्र प्रेमर्षिक संग मैथिली साहित्य अकादेमी सँ सम्मानित लेखिका लोकनिक संयुक्त प्रस्तुति थीम पवेल्लियन मे मैथिलीक एक आयोजन कयल गेल छल। एहि सँ नेपाल और भारतीय मिथिला (उत्तरी बिहार) केर एक बहुत पैघ आबादीक सदियों सँ – कहू न विद्यापति काल पंद्रहम सदियो सँ पहिने सँ एक सूत्र मे बंधल हेबाक भावना आरो सशक्त रूप सँ उजागर भेल छल।

अपेक्षा अनुरूप एहि बेरक आयोजन पुनः एकटा मीलक पाथर सिद्ध होयत – मैथिली भाषा मे सृजनकार्य आ खास कय पुस्तक प्रकाशन कार्य दुनू देश मे कयल जाएछ – परञ्च कोनो एहेन मंच जे एहि प्रकाशित पोथी सभक बारे मे मैथिली परिदृश्य मे एक ठाम राखय तेकर अभाव खटकैत रहल अछि। ई आयोजन एहि कमी केँ अवश्य पूरा करत – मैथिली जिन्दाबाद केर संपादक प्रवीण नारायण चौधरी अपन प्रतिक्रिया दैत आयोजनक सफलता लेल शुभकामना देलनि अछि।