स्मृति मे आनल गेला प्रसिद्ध साहित्यकार राजकमल चौधरी

१९ जून केँ मनायल गेल राजकमल चौधरी साहित्यकारक पुण्य तिथि

सुभाषचंद्र झा, सहरसा। जून २०, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!

एनसीईआरटी व बीटीसी पाठयक्रम में राजकमल केर रचना पढ़ाई हेतु शामिल करबाक प्रयास जारीः युवा साहित्यकार अरूणाभ सौरभ

स्थानीय सुपर मार्केट स्थित प्रमंडलीय पुस्तकालय सभागार में सोम दिन राजकमल पुण्य तिथि सह कवि सम्मेलन आयोजन कयल गेल । विशिष्ट अतिथि सदानंद झा, प्रो दिलीप चौधरी, युवा साहित्यकार अरूणाभ सौरभ, मुक्तेश्वर सिंह मुकेश, किसलय कृष्ण, श्रीमती विभा झा, भाई शैलेन्द्र शैली द्वारा राजकमल पुण्य तिथि पर हुनक तैल्यचित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि कयल गेल ।

कार्यक्रम केर शुरूआत भैरवी वंदना जय जय भैरवी सँ भेल । तत्पश्चात बीएसई इंटरनेशनल स्कूल केर छात्रा द्वारा स्वागत गान कयल गेल । तत्पश्चात वक्ता अरूणाभ सौरभ कहलनि जे जहिना पटना, इलाहाबाद व इग्नू द्वारा राजकमल चौधरी केर रचना सभ केँ पाठ्यक्रम मे शामिल कयकेँ पढाई कराओल जाएत अछि  तहिना एनसीईआरटी व बीटीसी पाठ्यक्रम मे हुनकर रचनादिक पढाई में शामिल करबाक प्रयास चला रहल छी जे जल्दी पुरा होयत ।

कवि व साहित्यकार भाई शैलेन्द्र शैली कहलनि जे मृत्यु केर पचासम पुण्य तिथि मनाओल जा रहल अछि मुदा जाहि कवि केँ हाशिया पर धकेलि देल गेल छल ओ चमकैत ध्रुवतारा राजकमल केर रचना समाजक लेल आइयो अपन प्रासंगिकता सिद्ध कय रहल अछि । ओ अप्पन माइट पाइन सँ जु़ड़ल करुणा केर कवि व साहित्यकार छलाह । हुनकर लेखनी व्यवस्था में परिवर्तन व्यक्तिवादी नहि सामाजिक होयबाक पक्षधर छलाह ।

मुक्तेश्वर सिंह मुकेश कहलनि जे हुनकर ख्याति जतबे मैथिली रचना में भेलन्हि ओहि स बेसी हिन्दी साहित्य में बहुत कम समय में अप्पन रचना सँ खलबली मचौलनि ।

दिलीप चौधरी कहलनि जे वो आधुनिक कवि, साहित्यकार रहथि जे गाम व महानगर केर अनुभव समान रूप स अप्पन भाषा में स्थान देलनि । कवि सम्मेलन में सियाराम यादव, विभा झा, अविनाश शंकर, शैलेन्द्र शैली, शेखर सुमन, विभा झा, अरूणाभ सौरभ द्वारा एकल कविता पाठ कयलनि ।

श्रीमान गणेश मिश्र केर संयोयकत्व में राजकमल चौधरी केर जयंती 16 दिसम्बर के हुनक प्रतिमा लगयबाक घोषणा कयल गेल । कार्यक्रम केर सफलता में आनंद झा, एंबीशन कैरियर जंक्शन व बीएसई इंटरनेशनल स्कूल केर सराहनीय प्रयास कयलनि । मुखिया गणेश बढई, पंसस पारितोष ठाकुर, गौतम कुमार चौधरी, सुमन झा, पवन झा, चन्दन, विशे तम्बोली, अशोक महतो, संस्कृति मिथिला केर राजकुमार सिंह एवं मदन मोहन ठाकुर आदि उपस्थित छलाह।