डा. रामसेवक झा, झंझारपुर। जून १२, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!
आहंग अपन दुइ नाटक लऽ कय आबि रहल अछि। ग्रीष्मकालीन कार्यशाला मे बच्चा सब केँ लय कय तैयार कएल गेल फणीश्वर नाथ रेनूक कहानी ‘पंचलाइट’ और डॉ. हिरण्य हिमकर केर लिखल तथा निर्देशित नाटक ‘फ़िरदौस’।
फ़िरदौस…. फ़िरदौस……. फ़िरदौस……. फ़िरदौस छैक त एकटा प्रेम कहानी मुदा एहि मे सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक मुद्दा केँ सेहो लेखक बड़े सहजता सँ रखलनि अछि। साहिल मालिक और फ़िरदौस केर प्रेम कहानी 2002-2017 तक केर घटनाक्रम पर सेहो प्रकाश दैत छैक। सामाज, राजनीति और धर्म कोन तरहें प्रेम केँ प्रभावित करैत छैक आर प्रेम केँ आगाँ पहाड़ बनिकय ठाढ भऽ जाएत छैक एकर खूब नीक चित्रण लेखक द्वारा कएल गेल अछि। पढ़ल-लिखल, बुद्धिजीवी समाज सेहो एहि सँ बाहर नहि निकैल पबैछ। साहिल मलिक पढ़ल लिखल पीएचडी धारक हिन्दू ब्राह्मण थिक ओत्तहि फ़िरदौस पढ़ल लिखल और पत्रकार छैक। अहाँ नाटक देखय जरुर पहुँची – 23 जून 2017
साँझ 5 बजे कर्णाटक ऑडिटोरियम मोतीबाग, आर.के.पुरम, सेक्टर-12, नई दिल्ली मे।