सुभाषचन्द्र झा, सहरसा। अप्रैल २०, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!
बीतल मंगल दिन १८ अप्रैल केँ परशुुराम विचार मंचक बैसार संरक्षक राहुल झा केर अध्यक्षता में रामनवमी मैदान में आयोजित भेल जाहि में परशुराम जयंतिक आयोजन हेतु कयल जा रहल तैयारी पर चर्चा कयल गेल । बैठक मे सर्वसहमति स निर्णय लेल गेल जे २८ अप्रैल भगवान परशुराम जयंति पर समस्त ब्राह्मण समाज केर सहयोग सँ भव्य शोभा यात्रा निकालल जायत जे मिथिलांचल केर महान संत सिद्ध साधक बनगाँवक बाबा जी कुटी सँ सहरसा केर मत्स्यगंधा स्थित बाबा लक्ष्मीनाथ गोसाईं परिसर में समापन कयल जायत संगहि प्रतिमा पर माल्यार्पण कय सामाजिक समरसता केर संकल्प लेल जायत जाहि मे समाजक अन्यान्य संगठन सेहो संलग्न रहबाक सहमति देबाक बात कहल गेल अछि। एहि शोभा-यात्रा मे सभक सहभागिता रहत, सभक सामूहिक सहयोग सँ भव्य शोभा यात्रा निकालल जायत ई जानकारी भेटल। बैठक में अमित झा, पुनीत आनंद, झा रूपेश, बनगाँव उत्तरी पंचायताक मुखिया प्रतिनिधि भगवान झा, राहुल कुमार बिल्टु, मिहिर झा, डॉक्टर बोस, चमन झा, आशीष मिश्र, नीतेश मिश्र, रविशकर झा, दीपक चौधरी, सोनू खाँ, संजय झा, आदि मौजूद छलाह।
सूत्र सँ भेटल जानकारी मुताबिक बिहार मे अगड़ा-पिछड़ाक राजनीति मे ब्राह्मण समाज केँ अल्पसंख्यको सँ बदतर महत्व देबाक चलते आन्तरिक क्षोभ देखाएत अछि। अति-घातक विभाजनकारी राजनीति केर परिणाम थिक जे सनातनकाल सँ समाज केँ आगू बढेनिहार ब्राह्मण समाज अपना केँ एहि तरहें प्रताड़ित अनुभूति करबाक लेल बाध्य अछि। ऋषि परशुराम सेहो जखन क्षोभ पेने छलाह क्षत्रिय-अत्याचार सँ त ओ एहि पृथ्वी सँ समस्त क्षत्रिय प्रजाति केँ २१ बेर लोप करबाक प्रण लैत अपन वीभत्स क्रोध आ हिंसक रूप सँ विश्व भरि मे प्रख्यात भेलाह। हुनकर एहि रूप सँ लोक भयातूर भ कतेक प्रार्थना कएलक तखनहि कोप कम भेल। रामचरितमानस मे सेहो एकर वर्णन भेटैत अछि जे परशुराम द्वारा राजा जनक केँ देल गेल शिव धनुष अयोध्या राजकुमार रामचन्द्रजी द्वारा भंग कएला उत्तर एक बेर फेर ओ तामश सँ लाल भऽ गेल छलाह। हुनक क्रोधक कारण समूचा उत्सव मे त्रासक लहैर पसैर गेल छल। तखन शेषावतार लक्ष्मणजी अपन हठ आ चंचल स्वभावक कारण हुनका सँ मुंह लागि गेलाह। ऋषि परशुराम बेर-बेर हुनका बुझेलनि, मुदा लक्ष्मणजी हुनका सँ कनिकबो डेरेबाक बदला हुनका ब्राह्मणक यथार्थ स्वरूप मे एबाक उल्टे उपदेश देबय लागल छलाह। तखन रामचन्द्रजी बीच-बचाव कय केँ अपन यथार्थ परिचय इशारे-इशारा मे देलनि आर अपन इष्टदेव नारायण केँ रामचन्द्रजीक रूप मे देखि परशुरामजी हुनका श्रद्धा-सहित प्रणाम करैत चुपचाप ओतय सँ वापस अपन तपस्या स्थल दिशि चलि देलाह। वर्तमान समय जाहि तरहें अति-राजनीति आ संख्याबलक दंभ सँ ब्राह्मण समाज केँ प्रताड़ित करैत अछि ई जरुर अनिष्ट केँ आमंत्रित करयवला प्रकरण बुझा रहल अछि। एहि तरहक प्रदर्शन सँ ब्राह्मण-ब्रह्मर्षि समाज एकजूटताक प्रदर्शन करबाक अथक प्रयास करैत देखाएत अछि, मुदा विडंबना जे बौद्धिक रूप सँ परिपूर्ण ई समाज एकताबद्ध कहियो नहि भऽ सकल अछि। विगत किछु समय सँ बिहारी प्रशासन द्वारा ब्राह्मण समाजक गोटेक जबान बेटा केँ अपराधी कहि एनकाउन्टर मे मारि देबाक वीभत्स खबैर सेहो सामाजिक संजाल मे अबैत रहल अछि। एहि घड़ी २८ अप्रैल केर शोभायात्राक परिणाम कतय धरि जायत ई एखन कहब मोस्किल अछि।