नामहि सँ स्पष्ट काज व ओकर उद्देश्य वला अभियान ‘मिथिला राज्य निर्माण सेना’ द्वारा निरंतर उपेक्षाक मुद्दा सब पर संघर्ष सँ मिथिलाक जनमानस मे राज्यक आवश्यकता पर नीक जनजागरण होएत देखा रहल अछि। मिथिला राज्य चाही – एहि विन्दु पर मिथिलाक बाहरक लोक केँ कतहु कोनो प्रश्न करैत नहि देखल गेल। अधिकांशतः लोक जे मिथिलाक ऐतिहासिकता सँ परिचित अछि ओकरा ई मांग जायज लगैत छैक, मुदा स्वयं मिथिलाक एकटा खास वर्ग जेकरा अपन अधछिध बौद्धिकता – बिना अध्ययन अथवा ज्ञान हासिल कएने उठ्ठा-उठ्ठी बात करनिहार लेल ई मुद्दा मात्र हास्य-परिहासक विषय बनल देखा रहल अछि।
मिथिला राज्य निर्माण सेना खाली एहि इन्तजार मे नहि अछि जे राज्य बनलाक बादे सब किछु करब…. ई जँ कियो सोचिकय हल्का मे लैत छथि तऽ हुनकर अपन कल्पनाशक्तिक कमजोरी थिकन्हि। ई कहब जे ‘राज्य बनले पर एकर समाधान भेटत’ बाध्यता होएत छैक कारण एतेक रास उपेक्षा पैछला ७ दसक मे देखल गेल अछि जेकर पारावार जुनि पूछू। तैँ, ई बेसीकाल बहुत वक्ताक मुंह सँ निकैल जाएत छैक जे ‘सब समस्याक एक समाधान अपन राज्य मिथिला राज्यक निर्माण’। सब उपेक्षाक सूची बनाउ आ जाहि कोनो सम्बन्धित निकाय वा नियोग वा संस्था वा संगठन सँ संभव हो ओ अहाँ आइयो करेबाक लेल आगू बढू। मिथिला राज्य निर्माण सेना राजनीतिक दल आ ओकरा अपन जीवन सौंपि चुकल कार्यकर्ता सब केँ सेहो आइना देखबैत छैक जे ‘कतेक भैर दिन नमो-नमो करब? कतेक सोनिया-राहुल केर गुणगान मे अपन कैरियर बनेबाक खोखला ख्वाब देखब? कतेक सुतैत-उठैत जातिगत आधार पर वोटक गणना आ फूट डालो शासन करो सनक जघन सामाजिक अपराध करब?’ – एहेन अनेक विन्दुपर मिथिला राज्य निर्माण सेना मुद्दा उठा-उठाकय समाज केँ जगा रहल अछि। चाहे कटिहार केर गंगा-कोसी दियारा क्षेत्रक बाढि-कटान पीड़ित केर विस्थापनक मुद्दा पर संघर्षशील आ जुझारू युवा नेता विक्टर झा केर आमरण अनशन खत्म भेलापर मिरानिसे केर घोषणा मे जनमानस केँ स्वराज्यक महत्वक चेतनाक बात हो अथवा हरदी दुर्गास्थान मे आयोजित लोरिक केर जीवनपर बनल मैथिली लघुफिल्म ‘इतिहास’ केर मुहूरत समारोहपर निज अस्मिता आ इतिहास केँ मेटाबयवला बिहारी राजनीति सँ चेतना पेबाक मिरानिसेक गोहार हो – चाहे साहित्यांगन केर वार्षिकोत्सव मे साहित्यकार – लेखक सब सँ अपन निजता – ऐतिहासिकता – स्वशासन केर मुद्दापर कलम भाँजबाक आ क्रान्तिकारी साहित्य सृजना सँ जन-गण-मन मे मिथिला केँ जीबित रखबाक स्वस्फूर्त प्रेरणाक मिरानिसे आह्वान हो – हमरा नजरि मे मिरानिसे बिल्कुल सही दिशा मे लक्ष्य २०१९ सेमी फाइनल आर २०२०-२१ फाइनल शो केर हिसाब सँ जा रहल अछि।
निरंतर २०१३ सँ २०१७ केर छोट समयांतराल मे अत्यल्प साधनक संग मड़ौसी मिथिला लेल जाहि तरहक सोच एहि नवगठित युवा समूह द्वारा भेल अछि तेकर प्रशंसा होयब स्वाभाविके छैक। आर मुन्डे-मुन्डे-मतिर्भिन्नाक आधारपर जेकर प्रशंसा होएत छैक ओकरे कुचिष्टा सेहो लोकमानस मे होएत छैक। लेकिन काज करनिहार समूह एहि सब द्वंद्व केँ गीता मे देल कृष्ण-उपदेश अनुसार कात करैत मात्र आ मात्र अपन कर्म पर दृष्टि रखैत बढैत चलैत अछि। फलक स्पृहा केँ वर्ज्य मानि कृष्ण मोक्ष प्राप्तिक बाधक बतौने छथि। अतः मिथिला राज्य निर्माण सेना पूर्ण निःस्पृह भाव सँ फलक अपेक्षा बिना केने आगू बढि रहल अछि। यैह मिथिलाक इतिहास लेल स्वर्ण अक्षर मे लिखय योग्य बात भेल।