एक अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रसंग सामने आयल किछु दिन पूर्व जखन डीडी मैथिलीक मांग पर आदरणीय अजित आजाद भाइजी – हमरा लोकनिक अग्रज आ सच्चा मार्गदर्शक अपन निर्देश दैत एहि सम्बन्ध मे समुचित डेग उठेबाक आह्वान कएलनि…. एक सँ बढिकय एक दिग्गज ओहि आह्वान केर समर्थन मे फेसबुकिया सहमति आर क्रान्ति मे संग देबाक हामी सेहो भरलनि….. मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा संस्थागत निर्णय सेहो दिग्गज लोकनिक आह्वान पर ई लेल गेल जे अपन सब सांसद सँ पत्राचार करैत सूचना तथा प्रसारण मंत्री – मंत्रालय धरि ई मांग केँ अग्रसर करी, पत्र सेहो ड्राफ्टिंग भऽ गेल आर ताहि समय मे तत्कालीन सूचना-प्रसारण मंत्री जावड़ेकर जी संग मिरानिसे प्रतिनिधिमंडलक भेंट केर दस्तावेज मोन पड़ल जाहि मे मंत्रीजी ई कहिकय रिझेबा मे सफल भेल छलाह जे एक राज्य मे नीति अनुरूप एक्के टा क्षेत्रीय प्रसारण केन्द्र या तऽ भाषाक आधार पर या फेर ओहि राज्यक क्षेत्रीयता-स्थानीयताक समग्रताक आधार पर देल जाएछ आर बिहार मे डीडी-बिहार केर स्थापना एहि क्रम मे कैल जा चुकल अछि, तैँ डीडी मैथिली केर मान्यता बिहार मे दोसर चैनल होयत आर ई संभव नहि अछि। निस्सन्देह डीडी बिहार पर मैथिली भाषाक स्थिति ऊपर समीक्षा करैत एकर कार्यक्रम मे बढावा आनबा पर मंत्रीजी ध्यान देता। परिणाम सेहो आयल। आइ विभिन्न मैथिली धारावाहिक, गीत-संगीत कार्यक्रम व अन्य कार्यक्रम मे मैथिलीभाषी विद्वान्-अभियानी लोकनिक समावेशिकताक निर्णय डीडी बिहार आर समस्त आकाशवाणी केन्द्र केँ मंत्रालय द्वारा विशेष निर्देशन दैत प्रसार भारतीक माध्यम सँ कैल गेल।
आब आन्दोलनात्मक कार्यक्रम करैत कोनो मांग प्रति सरोकारवाला व राज्यक ध्यानाकर्षण करब त ई देखय पड़ैत छैक जे हासिल अधिकार केर उपयोग कोन हद तक भेल, भऽ रहल अछि आर ओहि मे आरो कि सब संभावना अछि जे तत्काल प्रभाव सँ जनमानसक हित लेल कारगर भऽ सकैत अछि। एहि क्रम मे दरभंगा आकाशवाणी द्वारा मैथिलीक कार्यक्रमक उपेक्षा, तेकर विरोधक इतिहास आ ताहि पर आकाशवाणी केन्द्रक सुनबाई ई सब निरीक्षण करब स्वाभाविके छल। पता चलैत अछि जे दरभंगा रेडियो स्टेशन द्वारा विगत मे नहि केवल मांग केँ ठुकरायल गेल बल्कि जेहो हासिल छल तेकरो वैमनस्यतापूर्वक दमन करबाक कुत्सित कार्य सब प्रशासनक हस्तक्षेप सँ होमय लागल। गोटेक पब्लिक ओपिनियन्स केर मानल जाय तऽ एतय किछु रास मैथिल पदाधिकारी सेहो जे छथि ओ अपन वर्चस्व केँ बचाकय रखबाक लेल अमैथिल अधिकारी संग पूर्वाग्रह सँ भरल डेग उठेबा मे सहयोगी बनलाह। व्यवहारिक तौरपर सेहो देखल जाय तऽ नीति-निर्देशनक उल्टा दिशा मे सेहो कतेको प्रकारक क्रियाकलाप सब जिम्मेदार अधिकारी – कर्मचारी द्वारा कैल गेल।
सवाल उठैत छैक जे ‘डीडी मैथिली’ केर मांग बड सोहनगर लागल, साहित्यांगनक कार्यक्रमक दौरान झंझारपुर मे ई मांग उठल आर अजित भाइ एकरा विस्तार देलनि आर फेर मिथिलाक विभिन्न कोण धरि ई मांग पहुँचि गेल…. लेकिन हासिल सुविधाक लाभ कतेक दूर धरि कारगर अछि, ओहि मे देखल गेल कमजोरी केँ दूर करबाक लेल कोनो प्रयास कियैक नहि, नागरिक सरोकारक विभिन्न बात पर जेना हमरा लोकनिक समाज मात्र कविता-कथा आ परोक्ष चर्चा धरि सीमित रहि जाएत अछि ओतबा पर एहि मामिला मे चुप्पी राखि फेर डीडी मैथिली कोनो काजक होयत…. आर प्रसार भारतीक नीति-नियमन विरुद्ध एकरा कोना स्थापित करबाक सपना पूरा कैल जाय… आदि बात मन मे घूमल। चर्चा चलल त अजित भाइ मधुबनी आकाशवाणीक स्थापनाक एकटा आरो गूढ रहस्यमयी चर्चा सेहो उठा देलनि। कहलैन जे उद्घाटन शिलालेख सब सेहो लगा देल गेल, लेकिन आइ धरि ओ केन्द्र अधर मे लटकल अछि। आब सोचू! पहिने सँ गछल आ भेटल अधिकार सेहो अहाँ ठीक सऽ उपयोग नहि कय पाबि रहल छी, तखन देखा-देखी सपना डीडी मैथिली केन्द्र धरि पहुँचि जाएत अछि। एहि पर बेर-बेर मनन करू!
“आकाशवाणी दरभंगा मैथिलीक बढ़ावा लेल स्थापित भेल छल। हर भाषा क्षेत्र लेल आकाशवाणी बनल छल। चेन्नईक आकाशवाणी तमिल, कोलकाताक आकाशवाणी बांग्ला के प्रमुखता देने अछि। एहि अर्थ मे दरभंगाक आकाशवाणी पर दबाव देब आवश्यक अछि। एक दिनक धरना आवश्यक अछि जाहि मे डीडी मैथिलीक मांग सेहो जोड़ल जाय। मधुबनी मे आकाशवाणी निर्माण लेल प्रस्ताव पास भेल छल २० वर्ष पहिने। भवन निर्माण लेल आधारशिला सेहो राखल गेल छल। शिलापट्ट एखनो भेटि सकैत अछि ओतय। मुदा आब नाम सभ मेटा गेल हेतै। रांटी ड्योढ़ी क पाछू । गाछी मे ओ स्थान अछि। तत्कालीन सुचना आ प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद जी शिलान्यास कयने रहथि। दरभंगा आकाशवाणीक उद्घोषक सीताराम शर्मा आ मैथिलीक लेखक दमन कुमार झा जी ओहि समय मे ओतय रहथि।” – अजित भाइ एक सुर मे कथा सब कहैत गेलाह। हम पूछलियैन, “बाद मे कोन कारण सँ काज रुकल? काज रुकय मे कि तकलीफ आयल….? सौराठ मे मिथिला चित्रकला संस्थानक सेहो रिपोर्ट बड गंभीर अछि आर केन्द्रीय विद्यालय लेल जमीन नहि उपलब्ध होयब…. मधुबनीक ई तीन मुद्दा बड़ी बेजोड़ अछि भाइजी।” अजित भाइ कहैत रहलाह, “टाउन हॉल सँ प्रसारण हेबाक बात सेहो दमन जी कहैत छथि। किछुए दिन fm चलल एतय सँ।” आब, आगाँ एकटा सक्षम मस्तिष्कक लोक स्वयं ई बात बुझि सकैत छथि।
आइ ओ फोटो भेटल अछि! अपने सब स्वयं सोचू!