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संस्कृत भाषा व शिक्षा पद्धतिक रक्षा लेल आगू एलाह पं. उमेश

सुभाषचन्द्र झा, सहरसा। जनबरी ३, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!

संस्कृत भाषा केँ समृद्ध करबाक लेल पं. उमेश समर्पित कएलाह अप्पन जीवन, खोललनि संस्कृत पाठशाला – २०१४ मे भेल स्थापना – दर्जनों छात्र करैछ पढाय – आवासीय सुविधा आ निःशुल्क शिक्षादानक व्यवस्था – चैनपुर सब दिन स रहल अछि संस्कृत भाषा के गढ़

sanskrit-vidyalay“गामक धियापुता गली-कुची मे बौआइत-ढ़हनाइत छल, जेकरा ककहरा नहि आबैत छल से बच्चा सबकेर मुखारविन्द सँ आब दुर्गा सप्तशती, रूद्री पाठ, स्वस्ति वाचन आदि सुनय लेल भेटैत अछि। ई सब देखि बहुत आह्लादित छी।” वेदाभ्यास करैत दर्जनो छात्र प्रवीण होएत देखिकय व्यवस्थापक-संचालक सह संस्कृत विद्यालय केर प्रधानाध्यापक पंडित उमेश कुमार झा प्रसन्नताक संग मैथिली जिन्दाबाद समक्ष अपन अनुभूति रखैत छथि ।

भौतिकतावाद केर चकाचौंध सँ अन्हरायल समाज अपन सभ्यता, संस्कृति, रीति रिवाज, परम्परा केँ छोड़ि रहल अछि । एहेन स्थिति मे श्री झा अपन सर्वस्व त्यागि अपन निजी खर्च कय केँ दर्जनो छात्र केँ संस्कृत भाषा मे पढाय करबा रहला अछि जेकर चर्चा पूरे जिला आ विशेष कय केँ एहि इलाका मे सब कियो करैत देखाएत अछि ।

मिथिला केर एहि प्रसिद्ध गाम चैनपुर पूर्वकालहि सँ संस्कृतक विद्वान् लोकनि सँ गौरवान्वित अछि । एहि सूची मे महामहोपाध्य स्व. पंडित गंगाधर मिश्र, पंडित अमृत नाथ झा, पंडित कृष्ण झा, पंडित अर्जुन झा, पंडित बैद्यनाथ मिश्र, पंडित कामेश्वर मिश्र, पंडित फूलकांत झा, पंडित मधुकांत मिश्र मधुकर सहित कतेको ख्याति प्राप्त नाम शामिल अछि ।

पं. उमेश झा द्वारा संचालित उपरोक्त पाठशाला निःशुल्क आवासीय सुविधा सेहो उपलब्ध करबैत अछि । एतय सहरसा, मधेपुरा आ सुपौल जिलाक छात्र शिक्षा ग्रहण करैत अछि । श्री झा कहलनि जे संस्कृत रोजगारोन्मुख भाषा थीक । वर्तमान समय मे संस्कृत भाषा सँ पढ़ल-लिखल लोक केँ नौकरी निश्चित भेटि जाएछ । वर्तमान समय मे सरकारी विद्यालय मे पढाय केर खानापूर्ति मात्र भऽ रहल अछि । ओतहि पंडित विनोदानंद झा पूरा मनोयोग सँ छात्र सबकेँ संस्कृत पढा रहल छथि । छात्रावास देखरेख मुन्नाजी केँ सेहो सराहनीय योगदान अछि । एहि तरहक त्यागपूर्ण कीर्ति सँ मिथिलाक पौराणिक समृद्धि पुनः एहि धरापर लौटैत देखा रहल अछि ई भावना इलाकाक लोक द्वारा सुनय लेल भेटैत अछि।

 

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