राम-जानकी विवाह महोत्सव आ दसरथरूपी राम-मंदिर महंथक विचार

एक हप्ताक लेल त्रेते युगमे छी अनूभुति भेल अछिः राम गिरी, महन्थ राम मन्दिर (अयोध्या दरबार)

– सुजीत कुमार झा, जनकपुर

ram-mandir-mahanthरामजानकी विवाहपञ्चमी महोत्सवमे अयोध्या दरबारक प्रतिनिधित्व राम मन्दिर कएने छल । राम मन्दिरक महन्थ राम गिरी दशरथक भूमिकामे रहथि । एहि भूमिकाक सम्बन्धमे मैथिली जिन्दाबादक लेल सुजीत कुमार झा हुनकासंग बातचीत कएलन्हि ।

प्र. राम जानकीक विवाह सम्पन्न भऽ गेल अपने दशरथजीक भूमिकामे छलियैक, केहेन अनुभव रहल ?

महंथजीः शब्दमे वर्णन नहि कऽ सकैत छी । एक हप्ता लागल जेना हम सभ त्रेते युगमे रही । भगवानक मन्दिरमे रहैत छी मुदा एहेन परमानन्दक अनुभूति आन समय मे भेटब दुर्लभ होएछ ।

प्र. दशरथजीक भूमिका कतेक दिनसँ अपने निर्वाह कऽ रहल छियैक ?

महंथजीः जहिआ सँ राम मन्दिरक महन्थ बनलहुँ अछि तहिए सँ । महन्थ बनय सँ पहिने विवाहक साक्षी रहैत छलहुँ अर्थात् बरियातीरूप मे सहभागी होएत छलहुँ । रंगभूमि मैदानमे होमयवला स्वयंवरमे बहुत सक्रियताक संग सहभागी होएत छलहुँ ।

प्र. तिलकोत्सव आ चतुर्थीक जिम्मेबारी अपनहीके रहैत अछि एहिके कोना तैयारी करैत छियैक ?

महंथजीः हमसभ वर पक्ष भेलहुँ । बेटीवला पर थोड़बाके न सब किछु छोड़ि दैत छियैक । अन्य काजसभमे सेहो सहभागिता जनबैत रहैत छी । फेर हम असगरे थोड़े न छी । बरियातीक जिम्मेबारी श्री राम युवा कमिटी सम्हारने रहैत अछि । तिलकोत्सवक जिम्मेवारी महावीर युवा कमिटी । आओर बहुतरास काज समाजक लोक सम्हारैत छथि । हँ, तखन संयोजकक जिम्मेवारी हमरे रहैत अछि । नहि बरियातीक कोनो प्रकारक दिक्कत होइक चाही आ नहिये सरियातीकेँ । कारण एहि उत्सवपर जे किओ अबैत छथि ओहिमेसँ किछु गोटे बरियाती आ किछु गोटे सरियाती टा रहैत छथि ।

प्र. विवाहपञ्चमीक क्रममे मात्रे जानकी मन्दिरक महन्थकेँ समधि कहैत छियन्हि वा अन्य कालमे सेहो ?

महंथजीः हमरा दुनू गोटे बीच बहुत मधुरगर सम्बन्ध अछि । हमसभ समधि जेकाँ हरेक समय रहैत छी । एक दोसराक सुख आ दुःखमे सहभागी होएत रहैत छी ।

प्र. जनकपुरमे जे भऽ रहल छैक ओ नाटके जेकाँ लगैत अछि ?

महंथजीः जीवन नाटके नहि छैक । अहाँकेँ एना आभास टा होएत अछि । ओना देखल जाय तऽ हम कहैत छी जे अपना सभक जीवन जियब सेहो नाटकहि त थीक । निर्देशक तऽ ऊपर बैसल छथि ।

प्र. स्वयंवरक समय वा विवाहक समय अपने मिथिला अर्थात जानकी मन्दिर गेल छलहुँ मिथिलामे केहन स्वागत भेल ?

महंथजीः अपने जनकजीकेँ ई सवाल पुछितियैन्ह जे तिलकोत्सवमे भार लऽ कऽ अयोध्या दरबारमे आयल छलाह, हुनकर केहेन स्वागत भेल, कोनो त्रुटी तऽ नहि रहि गेल । हम तऽ गदगद छी जानकीसनक पुतहु पाबि । फेर मिथिलाकेर स्वागत केकरोसँ नुकाएल थोड़े न अछि । ओहिठाम तऽ संसारक सर्वोत्तम स्वागत होएते छैक ।

प्र. विवाहपञ्चमी टा मे मात्र स्वागत होएत अछि आ कि अन्य उत्सवमे सेहो ?

महंथजीः हम बेटावला छी एकर अर्थ ई थोड़े होएत छैक जे समधियाना बेर-बेर जाय । हँ, मिथिला दरबारक दुःख-सुखमे सहभागी होएत रहैत छी । हुनकर समाचारसभ बुझैत रहैत छी । एकटा विवाहसँ हमसभ जीवनके बड़का उपलब्धि मानैत छी । ओना आनो-आन जाएत अछि तऽ स्वागत होएत छैक, हम तऽ समधि पड़लहुँ । हमर स्वागत होयब स्वभाविके छैक ।

प्र. एहि प्रकारक उत्सव मनौलासँ कि फाइदा होइत अछि ?

महंथजीः हमसभ फायदा घाटामे नहि जाएत छी । तखन ईहो सत्य अछि जे जनकपुरकेर रामसीताक छोडि़ कय आगाँ नहि बढाओल जा सकैत अछि । एहिठामक विकास होयत रामसीताकेँ लऽ कऽ । संसारभरिक पर्यटक एहिकेर नामपर आओत । जाहिरुपसँ रामजानकी विवाह महोत्सव मनाओल जा रहल अछि, पर्यटककेर लेल बड़का द्वार खोलैत आबि रहल अछि ।

प्र. सात दिनक कार्यक्रम टा कय लेला सँ पर्यटक कोना आओत ?

महंथजीः एक बेर जानकी मन्दिर आ राम मन्दिर लोक चलि आओत तऽ बेर-बेर अयबाक इच्छा हेतैक । एहिठामक कण-कणमे रामसीताक वास छन्हि ई बात सभकेँ बुझल अछि । ५२ कुट्टी आ ७२ कुण्ड ऐतिहासिक अछि । जाहिमे घुमि घुमि कऽ लोक आनन्दित भऽ सकैत अछि । फेर रामजानकीसँ जुड़ल दर्जनों उत्सव साल भैर मनाओल जाएत अछि । जानकी नवमी, झुला, विवाह पञ्चमी, परिक्रमा, राम नवमी आदि प्रमुख उत्सव सभ थीक । एकर अतिरिक्त आरो बहुते उत्सव अछि । अखण्ड राम-धुनि आ सीता-राम मिलन विन्दु फूलबारी, एतेक रास पोखैर – कुण्डक अतिरिक्त जनकपुर केर आसपास आरो बहुते स्थान एहेन अछि जेकर महत्व बुझि पर्यटक स्थलक रूप मे विकास केला सँ पर्यटक लोकनि केर आकर्षण बढत । 

प्र. जनकपुरमे नहि सड़क अछि आ नहि कोनो नीक व्यवस्थापन, एहिसँ पर्यटककेँ कोनो आनल जा सकैत अछि ?

महंथजीः हँ, ई समस्या छैक । ई दुरवस्थाकेँ समाप्त करय पड़त । फेर सभ किछु सरकारेपर छोडि़ देबैक से नहि होयत । विकासक लेल दबाव बनाबय पड़त । जतए-जतए जनता जागल अछि ओहिठाम विकास भेल अछि ।