हैदराबाद मे देसिल बयनाक विद्यापति स्मृति गोष्ठी

विकास वत्सनाभ, हैदराबाद। नवम्बर २८, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

देसिल बयनाक विद्यापति स्मृति गोष्ठी संपन्न :

vsps-hyderabaadमैथिली साहित्यिक प्रतिनिधि मंच देसिल बयना’क विद्यापति स्मृति गोष्ठीक आठम वार्षिकोस्तव दिनांक २०/११/ २०१६ केँ भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, रामचंद्रपुरम, (हैदराबाद) केर कम्युनिटी सेंटर मे संपन्न भेल। कार्यक्रमक शुभारंभ आगंतुक अतिथिक हाथें दीप प्रज्वलन आ आदिकवि विद्यापतिक प्रतिमा ऊपर माल्यार्पणक संग भेल ।

एकर उपरांत श्री जयचंद झा द्वारा गोसाउनिक गीत आ स्वागत गीतक कोकिल प्रस्तुति भेल। एहि कार्यक्रमक मुख्य अतिथि साहित्यकार डा. नारायण झा, विशिष्ट अतिथि श्री बुद्धिनाथ झा आ पुरातत्ववेत्ता भैरवलाल दास रहथि। मंच पर बीएचएल केर सहायक महाप्रबंधक श्री अरुण कुमार झा, संस्थाक संयोजक संस्थापक दयानाथ आ अध्यक्ष चंद्रमोहन कर्ण उपस्थित रहथि।

मंचक संचालन प्रसिद्ध वैज्ञानिक आ संस्थाक उपाध्यक्ष डा. चंद्रशेखर झा केलनि। एहि अवसर पर विद्यापति स्मृति गोष्ठीक स्मारिकाक सातम अर्घ्यक विमोचन सेहो भेल।

संस्थाक संयोजक/संस्थापक श्री दयानाथ झा अपन संबोधन मे विद्यापति पर्वक औचित्य आ एकर पृष्ठभूमि मे रहल मनीषी लोकनिक अवदानक परिचर्चा करैत आदिकविक अजस्र रचना संसारक व्यापकता सँ स्रोता लोकनि केँ परिचय करबैत नवतुरिया केँ आगु आबि साहित्य आ संस्कृति केँ अक्षुण्ण रखबाक आग्रह केलैन । घोघरडीहा सँ आयल मुख्य अतिथि आ मैथिलीक वरिष्ठ कवि/साहित्यकार डॉ. नारायणजी विद्यापतिक रचना आ ओकर प्रभावक सूक्ष्म विश्लेषण करैत हुनक रचना मे निहित समर्पण, सरोकार आ स्नेहक औदार्यताक वर्णन करैत आ विश्वसाहित्यक सन्दर्भ दैत ई सिद्ध केलाह जो कोना विद्यापति साहित्याकाशक भोरुकबा तरेगन सन सदिखन विशिष्ट भ’ एखन धरि प्रेरणाक दिव्य पुंज बनल छथि ।

तहिना विशिष्ट अतिथि आ हैदराबादक प्रवासी मैथिलक ह्रदयसम्राट श्री बुद्धिनाथ झा अपन वक्तव्य मे विद्यापतिक गीत मे निहित अलौकिक प्रेम आ ओकर अनुपम शिल्प पर प्रकाश देलनि। विशिष्ट अतिथि भैरव लाल दास ‘पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन’ केर माध्यम सँ मिथिला पुरातात्विक विशेषता, सामाजिक सामंजस्य आ धरोहरक संरक्षण पर प्रभावकारी प्रस्तुति देलनि।

संस्थाक महासचिव श्री मनोज शांडिल्य संस्थाक बीतल छओ मासक गतिविधि सँ श्रोता केँ अवगत करओलनि आ मातृभाषाक प्रयोग करबाक आग्रह सेहो कएलनि। पहिल सत्रक समापन संस्थाक अध्यक्ष चन्द्रमोहन कर्णक संबोधन सँ भेल। अपन संबोधन मे संस्था केँ सहियोग केनिहारक समस्त लोकनिक प्रति विनम्र आभार प्रकट करैत संस्थाक उद्देश्यक प्रसांगिकताक मादे स्थानीय लोकनिक सक्रिय सहभागिताक आग्रह कएलनि।

संस्थाक उपाध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर झा अपन पांडित्यपूर्ण उद्घोषण सँ एहि सत्र केँ विशेष प्रभावकारी बनौने रहलथि। पहिल सत्रक समापनक उपरांत भोजनावकाश आ पोथीक स्टॉल लग एकटा ‘मिनी मिथिलाक’ प्रत्यक्ष अनुभूति समस्त आगंतुक अतिथि कें ‘देसिल बयना’क प्रशंसा करबा लेल बाध्य भए गेलाह। अहुना मंच सँ साहित्य आब जखन हेराएल सन लगैत अछि तखन एहन अकलबेरा मे मैथिलीक लेल ई बड्ड पैघ उपलब्धि छैक जे मात्र साहित्य पर केन्द्रित भरि दिन कार्यक्रम होइत अछि आ भोर सँ साँझ धरि श्रोता पूर्ण तन्मयता सँ एहि मे रमल रहैत छथि ।

ई कहब अतिशयोक्ति नहि होएत जे ‘देसिल बयना’ ओ अएना अछि जाहि मे आनो सँस्था सब देखि अपन बगए सँवारि सकैत अछि ।

दोसर सत्र मे कवि गोष्ठीक आयोजन उद्भट विद्वान् आ मंचीय परम्पराक शीर्ष पुरुष श्री बुद्धिनाथ झाजीक अध्यक्षता मे भेल । एहि सत्रक आरम्भ संस्थाक सभसँ जेष्ठ सदस्य आदणीय मुनीद्र झा जीक कविता पाठ सं भेल आ एहि क्रम कें आगाँ बढबैत डा. नारायण झा, बुद्धिनाथ झा, मनोज शांडिल्य, विकाश वत्सनाभ, कुमार सौरभ, चंद्र मोहन कर्ण, मोहन मुरारी झा, मीनाक्षी चौधरी, डा.अर्चना झा, प्रियंका, मनोजकुमार झा, शम्भुनाथ झा, जयचंद्र झा समेत लगभग दू गाही कवि/कवियित्री लोकनि अपन-अपन कविता पाठ कएलनि। एहि सत्रक विशेष आकर्षण बुद्धिनाथ झाजीक कविता आ हुनक विलक्षण मंच संचालनक कौशल रहल जे एहि बातक उमेद ठाढ़ करैत अछि जे एखनहुँ मैथिली मे श्रोताक अभाव नहि छैक जँ हिनकहि सन माँजल कवि समक्ष होइथ । एहि सत्रक समापन जयचंद्र झा आ दीपक झा द्वारा गाओल विद्यापति गीत ‘के पतिआ ले जाएत रे मोरा प्रियतम पास’ सँ भेल।

धन्यवाद ज्ञापन संस्थाक उपाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार चौधरी कएलनि। कार्यक्रमक तकनिकी आ साज-सज्जा मे कुमारी स्मृति, स्वप्निल सौरभ, कुमार सौरभ, विकाश वत्सनाभ, अनुषा चौधरी, रजनीश, गौरभ आ अंकितक विशेष सहियोग रहलनि।