डा. लक्ष्मण झा हमर आदर्श छथि। हालहि मैथिली जिन्दाबाद पर मिथिला विभाजन विरुद्ध हुनक आंदोलन पर संस्मरण लिखने रही। हुनकर बहुत रास बात अप्रकाशित रहल अछि। हम संयोगवश 1987 केर बाढ़ि उपरान्त भ्रमणकाल में अपनहि गाम में दर्शन प्राप्त कएलहुँ। ओ साक्षात् देवताक रूप में पृथ्वी पर पूर्ण सादा जीवन उच्च विचार केर गांधीवादी लीक पर देखेलाह। मिथिला राज्य निर्माण सेनाक मिथिला यूनिट संग सब कियो हुनकहि समाधि पर शपथ ग्रहण कएलहुँ। महान समाजवादी मिथिला सोसलिस्ट पार्टीक संस्थापक सेहो छलाह।
पटना हार्डिंग पार्क में जे स्वतंत्रता सेनानी सब केँ झंडा फहराबैत आ गोली खाएत स्मारक जे देखि रहल छी तेकर नायक सेहो महान विचारक आ ताहि दिन पटना साइंस कॉलेज केर छात्र लखन बाबू छलाह, परन्तु संयोगवश झंडा फहरेबाक नियारल दिन बहुत तेज बुखार मे तपैत रहबाक कारण ओ स्वयं ओहि अभियान मे भाग नहि लय सकलाह, बाकी मित्र सब देशक स्वतंत्रताक जुनून मे झंडा फहरेबाक कार्य पूरा कएलनि आ बर्बरी अंग्रेजी हुकुमत द्वारा क्रूरतापूर्ण ढंग सँ घेरिकय गोली मारबाक कारण शहादत प्राप्त केलनि।
मिथिला केर निर्माण भारतीय दर्शन ओ आध्यात्म अनुरूप ओ चाहैत छलाह। कपटपूर्ण राजनीति केर धूर विरोधी छलाह। स्वयं सेहो चुनाव लड़लाह, मुदा आम जनता केँ अपन वोट पैसा व् फुइसक लोभ में फँसैत बेचैत देखलैन, चुनाव हारि गेलाह। तेकर बाद बहुत समय धरि मौनता धारण कय एकांत तपस्या में लागि गेलाह। ओहि काल में मात्र एक दर्जन केर आसपास पोथी सब लिखलैन। वर्तमान समय हुनक आदर्श केर धुरन्धर समर्थक आ प्रचारक भातिज सुमनकान्त झा केर मुताबिक़ बहुत रास लेखनी ओ प्रकाशित करहे नहि देलखिन, तैयो दर्जनों महत्वपूर्ण पोथी पुरे संसार में प्रचलित भेलनि।
वर्तमान समय रसियारी चौक सँ सटले उत्तर कमला बलान पुबारि बान्ह केर कातहि में हुनकर सुंदर दर्शनीय स्मारक स्थल अछि, जतय नित्य सन्ध्या, तर्पण ओ पूजा लेल जल भरल लोटा, फूल आदि राखल जायत छन्हि। हुनकर पहिरन मात्र एक जोड़ा धोती रहैन, खराम पहिरैथ आ हाथ में एकटा लाठी राखथि। बिल्कुल यैह सब वस्तु आइयो महान सन्त लखन बाबूक समाधि स्थल पर राखल जाएछ।
पुरे गाम ओ अन्य ठाम सँ लोक सब हुनकर ओजस्विताक दर्शन करय लेल साल भैर अबिते रहैत छथि। रसियारी गाम में ओनाहू सरस्वती केर कृपा सब पर छैक, मुदा लखन बाबा केर समाधि परका माटि माथ में लोक भाग्य सुधारय वास्ते लेपन करैत अछि।
डा. लक्ष्मण झा कहिकय गेल छथि जे जँ मिथिला केँ राज्य रूप में दुनू देश में मान्यता नहि देल जायत त मिथिला स्वयं एक यूनियन रिपब्लिकन राष्ट्र केर रूप में पुनः ठाढ़ होयत। मिथिला राज्य निर्माण सेनाक दिल्ली यूनिट सहित अन्यत्र सब ठाम हिनक जन्म शताब्दी मनेबाक लेल विचार गोष्ठीक आयोजनक समाचार आह्लादकारी अछि। हमर शुभकामना, संगहि ओहि दिन अपनों जन्मदिन पड़ैत अछि से सौभाग्य आरो बढ़ि गेल अछि।
हरिः हरः!!