किसलय कृष्ण, समाचार सम्पादक। मई २७, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
अप्पन स्वर्ण जयन्ती वर्ष पार क’ चुकल मैथिली सिनेमा आब डेगा डेगी देबाक स्थिति मे आबि गेल अछि। मिथिला मखानकेँ नेशन अवार्ड भेटब सहजहि उत्साहवर्द्धक अछि। नीक बेजाय काज निरन्तर भ रहल अछि । किछु सार्थक काज सभ सेहो सोझाँ आबि रहल अछि । एहने मैथिली मे बनल आ रिलीज लेल तैयार फिल्म केर नाम थीक डमरु उस्ताद ।
रामजानकी फिल्म्सक बैनर तर अनुभवी अनूप कुमार केर निर्देशन मे बनल ई फिल्म लीकसँ हटिके अछि । नारी सशक्तिकरण पर केन्द्रित ई फिल्म मैथिली सिनेमाक एक आओर सार्थक रुप थीक से सहजहि कहल जा सकैछ आ एहि विन्दु पर पुन: चर्चा करब । फिल्म निर्माण लेल सभसँ महत्वपूर्ण कारक पूंजी अछि आ डमरु उस्ताद लेल रामजानकी फिल्म्सक नींव रखलनि बेगूसराय जिलाक बखरी प्रखण्डक शकरपुरा निवासी राजनेता विष्णु पाठक जी । हुनक कहब छनि जे बेगुसराय मिथिला केर अभिन्न अंग थीक, एहि जिलाक सिमरियामे मिथिलाक प्राण बसैत अछि आ मैथिली हमर मातृभाषा थीक आ हम एकर विकास लेल निरन्तर काज करब । चाहे सामाजिक स्तरक काज हो वा आर्थिक राजनितिक । फिल्म केँ श्री पाठक कोनो भाषा केर विकासक मूल आत्मा मानैत छथि जे हम ईमानदार लोक संग निरन्तर मैथिली फिल्मक विकास आ एकर निजगुत स्थापना लेल काज करैत रहब ।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र नई दिल्ली मे राजनितिकर्म संगहि विभिन्न व्यवसाय सँ जुड़ल विष्णु पाठक केँ एहि बातक दुख सेहो छनि जे मैथिलीक काज प्रयोजनसँ बेगूसराय केँ बारि देल जाइछ, मुदा हुनक मानब छनि जे जहिया बेगूसराय आन्दोलित होयत तहिया सरकार के मिथिला राज्य देबहि टा पड़त । सम्प्रति मैथिली फिल्म निर्माण लेल मिथिला मिरर सम्मान सँ सम्मानित श्री पाठक निरन्तर मैथिली फिल्म उद्योग केँ मजबूती देबामे लागल छथि । हुनक अपेक्षा छनि जे डमरु उस्ताद मिथिलाक लोक अवश्य देखथि ।