अरिपनः राम भरोस कापड़ि भ्रमरक मैथिली गीत एल्बम
(नओ गोट बिबिध गीतक भिडियो एल्बम)

लौले सही नेनामे (प्रायः १३-१४ वर्षमे) राम भरोस कापडि़ भ्रमर गीत लिखय लगलाह । जनकपुरक रेलवे स्टेशनपर काँखमे झोरा लटकौने, हाथमे अठपेजिया गीतक पर्ची लेने महिनाथपुर दिशक कोनो पंडितजीकेँ गीत गाबि गाबि ओ पर्चीनुमा किताब बेचैत देखि गीत लिखबाक मोन भेलैन आ तेहने सन गीत लिखि जनकपुरक तत्कालीन हिमाली छापाखानामे छपौलनि । गाममे एकटा दोकानमे बेचबाक हेतु देलखिन आ किछु ओहु रेलवे टिसनबला गबैयाकेँ । बस, गीत लिखबाक यात्राक शुरुआत भेल से आइधरि जारी अछि । समाजिक मर्यादाके भीतर लिखल गीतसभ पत्र पत्रिकामे छपैत रहैत छन्हि – संग्रहोमे आएल छन्हि । तखन मंचपर ततेक नहि जा सकल अछि । आ मंचक लेल चहटगर गीतक मांग प्रायः एकर बाधा रहल । से एक बेर भेलनि । ‘सीता’ नेपाली फिल्मक हेतु एकटा होरी गीत लिखबाक आग्रह कयलकनि अशोक शर्मा । लिखि पठौलनि । मुदा शम्भुजीत बाँसकोटाकेँ नहि अरघलैक ओकर साधु शब्दसभ । हारि कऽ दू अर्थि गीत लिखऽ पडलनि । ‘होरी है, होरी है, होरी है, आजु जनकपुरमे होरी है । कहबाक जरुरति नहि – ओहि वर्ष नेपाली फिल्मी गीतक समीक्षा प्रकाशित भेल तँ दश गोट श्रेष्ठ आ चर्चित गीतमे एकरा सामेल कएल गेल छलैक । ई छैक माया नगरीक माया आ रंग ताल ।
अरिपनमे की अछि !
कयक सालक उधेडबुनक बाद अन्ततः श्री राम भरोस कापडि़ भ्रमरक नओ गीत विविध विषयक गीतक भिडियो एल्बम आएल अछि – अरिपन । फेर एहि ठाम गीतकारक साधु प्रवृति हावी भऽ गेल अछि – नामाकरणमे । आजुक बजार ओहुना कम छैक सीडी , भीसीडी आदिकेँ । ताहि पर पूर्णतः साँस्कृतिक- मांगलिक नाम अरिपन – पता नहि कतेककेँ आकर्षित करतैक । मुदा एहिमे सामेल नओ गीत विविध सामाजिक जीवन तत्वकेँ प्रतिनिधित्व करैत संस्कारी भाषा आ भावक संग आएल अछि । पूर्णतः परिवारिक सरगम । अहाँ कम्प्युटर हो, टी भी हो अथवा प्रोजेक्टरसं देख चाही तँ सीनेमाक पर्दाधरि , एकाग्र चीते एकर आनन्द उठा सकै छी ।
नओ गीतमे तीन दाम्पत्य जीवनक नोक झोक, प्रेम विछोडकेँ देखबैत अछि । एकटा गीत युवासभकेँ ध्यानमे राखि लिखल गेल अछि से उत्तेजनामुलक नहि , सन्देश मुलक अछि । अपनो हँसु आ दोसरोकेँ हँसाउ सन उत्प्रेरणामूलक भाव सँ युवा पीढीक मानसीकताकेँ उद्वोधित करबाक प्रयास कएल गेल अछि । तहिना एक गीत शांत रसमे राखल गेल छैक – मनकेँ भीतर अन्दर दर्द भरल अछि ..। साँसारिक व्यामोहक प्रपंचनाक सुन्दर उपस्थापन एहि गीतमे भेल अछि । एकटा गीत नेनासभक हेतु आएल अछि – रुनझुन रुनझुन बाजे पैजनिया… । एहु गीतमे भाव भंगिमा आ स्वर सभक संगम सँ नेनाक बालपनक मनो विज्ञानकेँ प्रस्तुत करबाक प्रयास कएल गेल अछि । गायक गुरुदेब कामतक स्वरमे एकर स्वरुप आरो निखरल अछि । एकटा गजल अछि । भ्रमरक पूर्वमे प्रकाशित चर्चित गजल छैक । पाबी ने हम इजोरिया तँ अन्हारी छिनत के हम्मर .. । हरिशंकर चौधरीक मधुर स्वर आ उपस्थिति गीतकेँ मार्मिक आ दर्शनीय बनबैत छैक । एहि एलबममे एकटा होरी गीत सेहो छैक जे सामान्यतः होरी गीतक चलताउ परिपाटी सँ भिन्न स्वरुपमे लिखल आ प्रस्तुत कएल गेल छैक । आभास लाभ एकरा स्वर देने छथि ।सभ सँ महत्वपूर्ण आ सम्भवतः पहिल बेर मैथिलीमे राखी गीतक प्रस्तुतीकरण भेल अछि जे काफी रोचक ढंग सँ मिथिलाञ्चलक कुआमे फिल्माओल गेल छैक । रामा मंडल आ रश्मी रानी ई गीत गौने छथि ।
नव की अछि ?
एहि भिडियो एलबममे नवताक बात करी तँ बहुृतरास अछि जाहिमे एकर फिल्मांकनक हेतु लोकेशनक चयनक बात छैक । अधिकांश नेपाली भाषी भिडियो कलाकार सभक संग काठमाण्डूक पहाडी क्षेत्रमे एकर फिल्मांकन भेल छैक । पहाडी आ मैथिली संस्कृतिकेँ समन्वित स्वरुप एहि मैथिली भिडियो एलबममे अद्भूत छटा प्रदर्शित करैत अछि । एकर फिल्मांकनमे एम पाँच कैमराक प्रयोग भेल अछि जे बढका पर्दाक हेतु कएल जाइछ । एकर नृत्य निर्देशक आ सम्पादक नेपाली भाषी क्रान्ती केसी अछि मुदा ओ मैथिली संस्कृतिकेँ विविध पक्षकेँ बुझबाक प्रयास कर्रैत एहि भिडियोकेँ पूर्ण कएलक अछि ।
ई भिडियो कोना उपलब्ध हएत !
एहि भिडियोकेँ बाजारमे उतारबाक हेतु दूगोट माध्यम राखल गेल छैक । एकटा अनलाइन बिक्रीक व्यवस्था । दोसर खुल्ला बिक्री । अनलाइनमे अर्डर दऽ कऽ घर बैसले मंगा सकैत छथि ग्राहक तँ खुल्ला बिक्रीक हेतु सेहो दू गोट प्रविधान राखल गेल छैक । एक एकर राँयल रुपमे विक्री जे बौक्समे राखि सुरक्षित आ संग्रहणीय बनाओल गेल छैक । एक मूल्य रु २५०/– टका छैक जे ग्राहककेँ २००/– टकामे भेटतैक । दोसर सस्ता संस्करण छैक जे पचास टकामे उपलब्ध हएतैक । दुनू संस्करणमे डिभिडी मौलिक आ टिकाउ राखल गेल छैक आ नक्कल करबा सँ रोकबाक हेतु ५०/– टकाबला संस्करणक प्रत्येक प्रतिपर गीतकारक हस्ताक्षर कएल गेल छैक । एकर कभरक डिजाइनकेँ नक्कल करबो सहज नहि छैक । सभ तरहे सुरक्षित , विश्वसनीय आ पारिवारिक मनोरंजनक उत्तम साधनक रुपमे अरिपनक पदार्पण भेल अछि । एहि एलबमक संगीतकार छथि दशरथ चौधरी जे मैथिली क्षेत्रक हेतु नव होएतो उत्तम काज कएने छथि । आशा अछि गीत संगीतक मर्मकेँ बुझनिहार श्रोता, दर्शक अवश्य एहि एलबमकेँ हृदय सँ स्वागत करत ।