पं. सुरेश्वर झा लेल श्रद्धाञ्जलि सभा वाचस्पतिनगर (ठाढी) मे

वाचस्पतिनगर (ठाढी), मधुबनी। मार्च २२, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

sureshwar jha shraddhanjali thadhiआजुक दिन अंधराठाढ़ीक ठाढ़ी गाम मे भामती वाचस्पति समिति द्वारा डॉ. सुरेश्वर झाक स्मृति में श्रद्धांजलि सभाक आयोजन भामती अशोक वाटिका में ओ वाचस्पतिक प्रतिमाक समक्ष कएल गेल।

विदित हो जे विद्यावारिधि पंडित वाचस्पति मिश्र केर प्रतिमा अनावरण समाहरोहक अध्यक्षता महापरिनिर्माण ( मृत्यु ) स मात्र दुइ दिन पुर्व स्वयं माननीय सुरेश्वर झा स्वयं केने छलाह ।

श्रद्धांजलि सभा मे संबोधनक क्रम में समितिक अध्यक्ष श्री रत्नेश्वर झा जी कहला जे प्रतिमा अनावरण समारोहक अध्यक्षीय भाषणक क्रम में ओ स्वयं कहने छला जे सेहन्ता अय जे किछ दिन आर जिबतौ त आरो जगह आर-आर मिथिला विभुतिक प्रतिमा स्थापित करितौं । ठाढ़ी ग्रामवासी ई कथन के गूढ़ रहस्य नय बुझिपेलक आ देखिते-देखिते मैथिली पुत्र सुरेश्वर झा मोक्ष मार्ग पर विदा भ गेलाह ।

पं. सुरेश्वर झा केँ श्रद्धाञ्जलि सभा मे हुनकर स्मृतिक क्रम में ग्रामीण महेश झाक उद्गार उपस्थित जन केँ भावविह्ल कय देलक। हुनक सम्बोधन सँ ज्ञात भेल जे पं. सुरेश्वर झा मैथिली सेवी के खोइज-खोइजकय हुनका लोकनिक व्यक्तित्व ओ कृतित्व केर विस्तृत वर्णन आम जनमानसक समक्ष रखैत छलाह। अपन शोधकार्य ओ पुस्तक लेखन सेहो एहि दिशा मे निरन्तर जारी रखलनि। मैथिलीक पुरुषार्थसंपन्न पुत्र छलाह पं. सुरेश्वर बाबु जे अपन निडर आ उचित वक्ताक छविक कारणे मैथिली साहित्य जगत केर प्रखर सुर्य बनि स्थापित रहलाह। हुनक भौतिक शरीर भले पंचतत्त्व मे आई सदा-सदा लेल अस्त भऽ गेल परन्तु हुनकर स्मृति मैथिली-मिथिलाक कण-कण मे अमरता हासिल कए लेने अछि ।

ग्राणीण सुरेश झा केर कथनानुसार हुनका सँ पहिल साक्षात्कार में हुनकर ई कथन की आहाँ सुरेश छी आ हम सुरेश्वर हुनक हाजिर जबाबी होयबाक जिबैत प्रमाण थीक । तहिना श्रद्धाञ्जलि शब्द अर्पण करैत आनंद नारायण झा कहलैन जे ठाढ़ी ग्राम के वाचस्पतिक जन्मस्थलि आ चन्दा झाक कर्मस्थलीक होयबाक सौभाग्य भेटल आ ताहि कारणे हमरा सब केँ सुरेश्वर झा एहेन मैथिली पुत्र केर दर्शन भेल ।

उपस्थित जन समूह केँ युवा अभियानी राकेश झा जीएस-गुरु केर देल विचार समस्त ग्रामीण केँ बहुते पसीन पड़लैन जे डॉ सुरेश्वर झाक स्मृति में एकटा पुस्तकालय केर स्थापना एहि गाम में कैल जेबाक चाही । सभाक अंत मे दू मिनटक मौन धारण करैत दिव्यात्माक शान्ति लेल ईश्वर सँ प्रार्थना सेहो कैल गेल छल। एहि श्रद्धांजलि सभा में उपरोक्त वक्ता लोकनिक अलावे समितिक स्थानीय संयोजक काशीनाथ झा, सह-संयोजक क्षमाधर झा, अन्य सदस्य मे सुरेश मिश्र, गणेश झा, सुरेन्द्रनाथ झा, सत्यनारायण झा, मिथिलेश झा, आनन्द नारायण झा, महेश झा, व अनेकानेक अग्रणी ग्रामीण सामाजिक व्यक्तित्वक उपस्थिति छल ।

मैथिली जिन्दाबाद पर पूर्वहि मे प्रकाशित समाचार वाचस्पति प्रतिमा अनावरण समारोह सम्बन्धी मे स्पष्ट कैल जा चुकल अछि जे ठाढी गाम मे वाचस्पति केर प्रतिमा स्थापित करबाक प्रेरणादाता मे स्वयं पं. सुरेश्वर झा एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व छलाह जे पूर्वक कोनो ग्रामीण सभा मे समस्त ग्रामीण केँ अपन गामक विभूति सब केँ सम्मान देबाक लेल प्रेरित केने छलाह। समितिक अध्यक्ष श्री रत्नेश्वर झा अपन स्वागत संबोधन मे एहि बात केँ स्वीकार करैत ओहि सभाक अध्यक्षता पर्यन्त निर्वाह कएनिहार पूज्य प्रेरणादाता पं. सुरेश्वर झा केँ बनायल गेल छलन्हि। एहि सभा मे अपन गरिमामयी संबोधनक क्रम मे महात्मा सुरेश्वर बाबु समौल व अन्य गाम मे वाचस्पति दोसर तथा तेसर केर प्रतिमा लगेबाक इच्छा सेहो प्रकट केलनि। लेकिन विधक विधान – ई के जनैत छल जे ओ आइ ई घोषणा करता, हँसैत-हँसैत ओतय सँ जेता आर तेकर दोसरे दिन मे ओ परलोक सिधारि जेताह। आब ई दायित्व समस्त मिथिलावासीक थीक जे हुनकर देखल सपना केँ सब पूरा करय। वैह सत्य श्रद्धाञ्जलि एहि महान् पुरुष लेल होयत।