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मिथिलाक पारंपरिक गीतनाद सह शास्त्रीय गीत-संगीत साँझ

विराटनगर, मार्च १४, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

gitnaad1मैथिली जिन्दाबाद – ‘संपूर्ण मिथिलाक समग्र समाचार’ न्युजपोर्टल द्वारा विराटनगर मे होलीक शुभ अवसर पर शुभकामना आदान-प्रदान करबाक खास प्रस्तुतिक रूप मे ‘मिथिलाक गीतनाद सह शास्त्रीय गीत-संगीत साँझ’ केर आयोजन कैल गेल।

एहि कार्यक्रम मे सुश्री शैली सिंह द्वारा गायनक संग-संग हुनक गुरुवर्ग शास्त्रीय गायन मे महारत प्राप्त विभूति कुमार गिरिजानन्द सिंह एवं अमर नाथ झा द्वारा भाव-विभोर करयवला गायन प्रस्तुति भेल।

gitnaad2मैथिली जिन्दाबाद केर संपादक प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा आयोजित कार्यक्रमक भूमिका पर प्रकाश दैत आमंत्रित कलाकार समूहक संग विशिष्ट अतिथि लोकनिक परिचय करेलाक बाद अमर नाथ झा द्वारा शास्त्रीय गीत केर गायन सँ प्रथम सत्र पूरा कैल गेल छल।

विदित हो जे गढ बनैली राज केर कुमार श्यामानन्द सिंह समान लब्धप्रतिष्ठित शास्त्रीय गीत-संगीत केर ख्याल घरानाक सिद्धहस्त गायक द्वारा प्रशिक्षित दोसर पुस्ताक कलाकार विभूति मे अमर नाथ झा, कुमार गिरिजानन्द सिंह तथा कुमार उदयानन्द सिंह तथा अमर नाथ झा एवं कुमार गिरिजानन्द सिंह केर शिष्या शैली सिंह केर संयुक्त प्रस्तुति विराटनगरवासी लेल एकटा ऐतिहासिक उपलब्धि समान रहल।

gitnaad3अमर नाथ झा केर व्यक्तिगत परिचय मे शास्त्रीय गीत-संगीत मे महारतप्राप्त गायक जे एखनहु ६-७ घंटाक दैनिकी अभ्यास सँ कठिन-सँ-कठिनतम ताल आर लय केँ प्रस्तुत कय सकैत छथि, ओ प्राचीन कला केन्द्र, चण्डीगढ सँ भास्कर उतीर्ण करबाक संग वर्तमान समय मे पर्यन्त पुर्णियाक कौशल किशोर दुबे समान लब्धप्रतिष्ठित संगीत गुरु केर मार्गदर्शन पबैत अपन प्रस्तुति मे निखार आनैत रहैत छथि, आइ २५-३० वर्ष सँ शास्त्रीय गायन मे योगदान दैत आबि रहला अछि, आर एहि विधा केँ अर्ध-पेशाक संग शखक रूप मे सेहो उपयोग कय रहला अछि। हिनकर प्रस्तुति सँ गद्गद् मैथिल समाज एहि पौराणिक विधा केँ आइ धरि बचाकय रखबाक लेल आभार प्रकट करबाक संग एहि प्रेरणाक प्रसार आरो तीव्र स्तर पर करबाक लेल संकल्प लेलनि।

gitnaad4मैथिली सेवा समितिक अध्यक्ष डा. एस. एन. झा द्वारा मिथिलाक गीतनादक परंपरा केँ आयोजन द्वारा संरक्षणक प्रयास केँ भरपूर सराहना करैत एहि आयोजन लेल संपादक प्रवीण नारायण चौधरी केँ प्रशंसा कैल गेल। संगहि मैथिली सेवा समितिक नव कार्यसमिति द्वारा सेहो एहि दिशा मे उपलब्धिमूलक कार्य सब कैल जेबाक भरोसा दैत कार्यक्रमक सफलता लेल शुभकामना देलनि।

कार्यक्रमक दोसर सत्र मे मिथिलाक पारंपरिक गीतनाद केर प्रस्तुति सुश्री शैली सिंह द्वारा कैल गेल जाहि मे बारहमासा, झूम्मैर, सोहर, महेशवाणी, नचारी, बिसहरि गीत सहित विभिन्न प्रस्तुति केँ लयबद्ध करैत प्रस्तुति कैल गेल छल। शैली सेहो प्राचीन कला केन्द्र, चण्डीगढ सँ भास्कर उतीर्ण छथि आर अपन गुरु द्वय अमर नाथ झा तथा कुमार गिरिजानन्द सिंह सँ गीत-संगीत केर शिक्षा सेहो ग्रहण करैत करीब १०-१२ वर्ष सँ एहि क्षेत्र मे निरंतर योगदान दैत आबि रहली अछि। गीतनाद नाम सँ हिनकर सीडी मे बिल्कुल एहि पारंपरिक गीत सबहक सुन्दर संग्रह करैत बाजार मे सेहो उपलब्ध कराओल गेल अछि।

कार्यक्रम मे उपस्थित मधेसी महिला जनजागरण समाजक अध्यक्षा संजू शाह द्वारा एहि प्रस्तुति सब सँ मिथिलाक संस्कृति आ रेबाज कतेक संपन्न छल से ज्ञात हेबाक बात कहल गेल। संगहि ओ अपन शुभकामना दैत राज्य सँ अपील केली जे एहेन सुसंपन्न भाषा मैथिली आ तेकर साहित्य मे लोकगीत व पारंपरिक गीतक विभिन्न विधा आदिक संरक्षण लेल समुचित डेग उठाओल जाय। उपस्थित महिला एवं सज्जनवृंद सँ सेहो सुश्री शाह अपील करैत एहि सब धरोहर केँ रक्षा लेल उचित डेग आगू बढेबाक अनुरोध केली।

एहि सत्रक संचालन स्वयं कुमार गिरिजानन्द सिंह द्वारा कैल गेल जे मिथिलाक पारंपरिक गीतनाद चारि प्रकारक होयबाक बात कहलैन, संगहि एहि सब गीत केँ पूर्वकाल सँ लयबद्ध होयबाक मुदा बिना कोनो संगीतबद्ध कएने मिथिलाक महिलावर्ग द्वारा गेबाक परंपराक बात कहि, ओ एहि विधा पर गंभीर शोध करैत वर्तमान समय मे संगीतक लय संग शैली केँ प्रशिक्षण दैत सीडी तैयार करबाक जानकारी सेहो करौलनि। हुनकर मत मुताबिक आब एहि विलक्षण लोक गायन परंपरा केँ दीर्घकाल धरि जोगायल जा सकैत अछि। कुमार गिरिजानन्द सिंह केर परिचय सेहो कुमार श्यामानन्द सिंह केर शिष्य एवं भातीज केर रूप मे होइत छन्हि। संगहि हिनका द्वारा बनैली रूट्स टू राज तथा पूजाक-पोथी – दुइ प्रसिद्ध पुस्तक सहित विभिन्न मैथिली आलेखादि केर प्रकाशन सेहो करायल जा चुकल अछि। वर्तमान गीतनाद हिनकहि शोधक परिणाम रूप मे वर्तमान मे हमरा लोकनिक सोझाँ मे प्रस्तुत भऽ सकल अछि। एहि कार्यक्रमक संचालन करैत ई सब जानकारी श्री सिंह द्वारा कराओल गेल छल। विदित हो जे हालहि संपन्न मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल पटना मे सेहो हिनका द्वारा एहि विधाक विस्तृत जानकारी कराओल गेल छल जाहि ठाम सँ प्रेरणा पाबि मैथिली जिन्दाबाद द्वारा ई कार्यक्रम विराटनगर मे आयोजित कैल गेल।

शैली सिंह केर गायन मे जेहेन मिठास छल – किछु तहिना तबलावादक मुकेश झा केर तबलावादन मे देखल गेल। शैली स्वयं हारमोनियम सँ धून निकालैत रहलीह तऽ मुकेशक तबला एहि धूनक संग तूक मिलबैत भव्यतम् प्रस्तुति करीब डेढ घंटा धरि दैत रहलाह। मुकेश झा लगभग ३० वर्ष सँ तबला वादनक पेशा मे संलग्न छथि आर हिनकर कला ओ प्रतिभाक सम्मान कतेको ठाम कैल जा चुकल अछि। मध्य मे राखल ‘मिथिलाक गीतनाद’ सत्र कार्यक्रमक मेरुदण्ड समान रहल। शैली स्वयं गुरुदेव कुमार गिरिजानन्द केर निर्देशन व उद्घोषण मे अपन सर्वोत्तम – उत्कृष्ट योगदान सँ दर्शक लोकनिकेँ प्रभावित करैत रहलीह। अन्त मे ओ एकटा समदाउनि तथा होली सँ अपन सत्र केँ विराम देलनि।

कार्यक्रम मे विराटनगर केर मैथिल समाजक अनेकानेक लब्ध प्रतिष्ठित व्यक्तित्व लोकनिक उपस्थिति सँ सब कलाकार व आयोजक आह्लादित छलाह। शुभकामना मन्तव्य दैत फोरम लोकतांत्रिक केर युवा नेता रंजित झा अपन भाषा मैथिली भाषा आर ताहि लेल कैल जा रहल हर प्रयास मे संग रहबाक वचनबद्धता प्रकट केलनि। तहिना रेडियोकर्मी एवं मैथिली सेवा समितिक नवनिर्वाचित कार्यसमिति सदस्य सुश्री राधा मण्डल सेहो अपन शुभकामना संदेश मे एहि दुर्लभ लोपोन्मुख मैथिली गीतनाद केँ एना आयोजन कय बचेबाक कार्य केर सराहना कैल गेल छल। संगहि ओ एहि समस्त गीतनाद केँ अपन रेडियो कार्यक्रम सँ प्रचार-प्रसार करबाक वचन सेहो देलनि।

शैली सिंह केर संग हुनकर मंचीय प्रस्तुति केर विशेष दर्शन लेल स्वयं सासु एवं समाजसेवी श्रीमती अन्नपूर्णा रमा सेहो आयल छलीह। तहिना श्रीमती वन्दना झा – अमर नाथ झा जी केर धर्मपत्नी एहि विशिष्ट आयोजन मे एक दर्शक केर रूप मे सहभागिता देने छलीह। श्रीमती रमा विराटनगर मे एहि आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करैत सब सँ अनुरोध केली जे अपन हेराइत-भोथियाइत संस्कार केँ संरक्षित करबा मे हुनकहि समान सब कियो अपन बेटी-पुतोहु व पुत्रादि केँ प्रेरित करैथ। मिथिलाक बचेनाइ आजुक समय मे ओतबे अनिवार्य अछि जतेक विश्व केर कोनो धरोहरकेँ।

तहिना शैली सिंह केर संग हुनक पूज्य पति चिन्मयानन्द सिंह जे दैनिक भास्कर (पुर्णिया) केर पत्रकार रूप मे सेहो चर्चित छथि, आर हुनका संग आलोक आनन्द समान मैथिली-मिथिला अभियानी सेहो एहि कार्यक्रम मे सहभागी भेल छलाह। चिन्मयानन्द सिंह एहि कार्यक्रमक विशेष क्षण सब केँ अपन कैमेरा मे कैच करैत रहल छलाह। हुनक फोटोग्राफी सेहो एहि कार्यक्रमक शोभा मे सँ एक छल। कुमार गिरिजानन्द सिंह हिनक परिचय करबैत कहैत छथि जे एहि अभियानक सारथि यैह छथि। मैथिली जिन्दाबाद केँ सेहो एहि बातक पूर्ण आशा अछि जे ई अभियान सदैव अहिना आगू बढैत रहत। सामान्यतया मिथिला क्षेत्र मे महिलाक विवाह भेलाक बाद घर-गृहस्थी मे बेसी उलैझ जेबाक कारणे कलाक्षेत्र मे हिनका लोकनिक योगदान क्रमशः घटैत चलि जाएछ, परञ्च एक सुशिक्षित-सुसंस्कृत परिवार मे पत्नी वा पुतोहु केँ कलाक्षेत्र मे एहि तरहें प्रोत्साहन देब सचमुच एहि परिवार केँ अन्य परंपरावादी परिवार सँ अलग रखैत अछि आर एकर भरपूर प्रशंसा काल्हि सभाकाल मे कैल जाएत सुनल गेल।

अन्त मे कुमार गिरिजानन्द सिंह, कुमार उदयानन्द सिंह एवं अमर नाथ झा – सब गुरु भाइ – कुमार श्यामानन्द सिंह केर शिष्य लोकनि सामूहिक रूप सँ बसन्त बहार एवं होली गाबिकय गीतनाद कार्यक्रमक समापन होयबाक घोषणा कएलनि। एहि कार्यक्रमक दरम्यान शैली सिंह केर आवाज मे गाओल दर्जनों गीतनादक सीडी केँ सेहो बिक्री वितरण लेल उपलब्ध कराओल गेल।

कार्यक्रमक समापन सत्र मे समस्त आमंत्रित अतिथि केँ फूलक गुलदस्ताक संग अबीर लगाय होली समान महान् पाबैनिक शुभकामना देल गेल छल। विराटनगर मैथिल समाजक पुरोधा व भीष्म पितामह कहेनिहार पूज्य व्यक्तित्व ईं रमाकान्त झा एवं मैथिली सेवा समितिक अध्यक्ष डा. एस. एन. झा द्वारा सब गोटा केँ सम्मान कैल गेल छल। बाद मे कलाकार – अतिथि – दर्शक सब कियो सामूहिक फोटो खिंचौलनि।

मैथिली जिन्दाबाद केर संपादक प्रवीण नारायण चौधरी समस्त कलाकार एवं अतिथि लोकनि प्रति धन्यवाद ज्ञापन करैत एहि कार्यक्रम केँ समूचा भारत व नेपाल मे प्रचार-प्रसार करबाक वचन दैत शैली केँ विशेष आशीर्वाद दैत हुनकर आगामी कैरियर सेहो ओतबे उत्कृष्ट एवं सुमधुर हो जतेक कि हुनकर स्वर एवं गायन, ताहि लेल शुभकामना दैत कार्यक्रम समापनक घोषणा कएलनि।

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