सहरसा, मार्च १०, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
साभार रूपेश त्योथ, संपादक, मिथिमिडिया एकटा दुखद समाचार अछि जे काल्हि बुध दिन ९ मार्च, २०१६ केँ सुप्रसिद्ध स्रष्टा स्व. प्रबोध नारायण सिंह केर धर्मपत्नी श्रीमती अणिमा सिंह ९३म वर्षक आयू मे गोलोकवासी बनि गेलीह।
विदित हो जे अणिमा सिंह एहि वयोवृद्ध अवस्था मे रहितो मैथिली मासिक ‘मिथिला दर्शन’ केर प्रकाशन पूर्व ओकर प्रूफ देखब नहि बिसरैत छलीह। स्व. प्रबोध बाबु द्वारा स्थापित मिथिला दर्शन एकमात्र मैथिली मासिक अछि जे निरंतर प्रकाशित होएत आबि रहल अछि। संगहि स्व. प्रबोध बाबु केर स्मृति मे प्रबोध साहित्य सम्मान जाहि मे नगदी एक लाख टाकाक संग प्रशस्ति पत्र आर स्मृति चिह्न प्रत्येक वर्ष कोनो एक मैथिल स्रष्टा केँ हुनक आजीवन योगदान वास्ते देल जाएछ, वर्ष २०१६ केर उपरोक्त सम्मान केदारनाथ चौधरी केँ देल गेलनि अछि जे हालहि सम्पन्न मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल पटना मे हस्तान्तरित कैल गेल छल।
श्रीमती अणिमा सिंह केर ई तस्वीर हुनक सुपुत्र डा. उदय नारायण सिंह ‘नचिकेता’ केर फेसबुक सँ साभार लेल गेल अछि, एहि तस्वीर केर पृष्ठभूमि मे स्वयं डा. नचिकेता लिखैत छथि, “विरल चित्र मे सं एक – स्वर्गत प्रबोध बाबूक मातृदेवी श्रीमती जया सिंह आ’ पत्नी श्रीमती अणिमा सिंह दुनू गोटे हमर बालक डाक्टर राजर्षि सिंह (जे एखन ३१ वर्षक भेल छथि) केर संग – कतेको गोटे एहने अणिमा-जी कें देखने हेताह – एखन ९२ वर्षक छथि, एखनहु ‘मिथिला दर्शन’क सभटा अंकक प्रूफ देखैत छथि”। मैथिली जिन्दाबाद एहेन महात्मा नारी आ संपूर्ण परिवार केँ बेर-बेर नमन संग पुण्यात्मा अणिमाजी केँ श्रद्धाञ्जलि अर्पित करैत अछि।
मिथिमिडियाक संपादक एवं युवा कवि – लेखक रूपेश त्योथ ई सूचना दैत कहैत छथि, “आइ मैथिली नोरे-झोरे अछि. ‘मिथिला दर्शन’क प्रतिष्ठाता संपादक डॉ. अणिमा सिंह परलोक गमन क’ गेलीह. 92 बरखक अवस्था मे दिनक 10.40 बजे निज आवास पर चिरनिंद्रा मे चल गेलीह. हिनक निधन सं मैथिलीनेही लोकनि मर्माहत छथि.”
तहिना हुनकहि देल एहि सूचना पर मैथिली-मिथिलाक लगभग सब जानल-मानल चेहरा सब अपन-अपन श्रद्धाञ्जलि अर्पण कएने छथि। निलेश दीपक, पूनम मिश्र, दया नाथ झा, अमर नाथ झा, विद्यानंद झा, राम भरोस कापड़ि ‘भ्रमर’, प्रदीप बिहारी, धीरेन्द्र प्रेमर्षि, अनमोल झा, नारायण झा आदि अपन विभिन्न स्मृतिक संग विदुषी अणिमा सिंह केँ श्रद्धाञ्जलि सुमन अर्पित केने छथि।
धीरेन्द्र प्रेमर्षि हुनका स्मृति मे एना अनैत कहैत छथि, “मिथिला दर्शनमे भूमिकाक अतिरिक्त सेहो मैथिली साहित्यक श्रीवृद्धिमे डा. अणिमा सिंहक महत्त्वपूर्ण भूमिका रहलनि अछि। हुनक मैथिली लोकगीतसङ्ग्रह एक विशिष्ट सामग्रीक रूपमे हमरासभकेँ प्राप्त अछि। हुनका प्रति हार्दिक श्रद्धाञ्जलि अर्पित।”
मैथिली भाषा ओ साहित्य लेल एकटा अविस्मरणीय योगदान देनिहारि लिजेन्ड आब नहि रहलीह – हुनका फेर सँ श्रद्धाञ्जलि आ एहि रिक्त स्थान केँ पूर्ति करबाक लेल पुनः केओ सर्जक ठाढ होएथ ताहि लेल ‘मैथिली’ सँ प्रार्थना!!