मुरारी झा मयंक, बड़गाँव, सहरसा। जनबरी २२, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
मैथिली भाषाक प्रख्यात कवि – मिथिला भाषा रामायण केर रचयिता तथा कविश्वर केर उपनाम सँ ख्याति प्राप्त चन्दा झा जिनक जन्म अपन मामा-गाम सहरसा जिलाक बड़गाँव मे भेल छलन्हि, २० जनबरी, २०१६ केँ हुनकर जन्म जयन्ति दिवस केर रूप मे एहि गाम मे समारोहपूर्वक मनायल गेल अछि।
चंदा झा केर अवतरण तिथि पर गुरूवार केँ बड़गाँव मे संगोष्ठीक आयोजन कैल गेल छल। कार्यक्रमक शुरूआत मे ग्यारह वैदिक लोकनि द्वारा स्वस्ति वाचन करैत दीप प्रज्ज्वलित कय उद्घाटन कैल गेल। संगोष्ठीक अध्यक्षता ओंकार नाथ झा व संचालन चन्द्रशेखर झा कएलनि।
कार्यक्रम मे उपस्थित डा. तारानन्द वियोगी द्वारा कविवर चंदा झा केर जन्मस्थल बड़गांव केर विशेषता पर चर्चा करैत कहल गेल जे हुनकर जीवन आर योगदान सँ वर्तमान पीढी केँ असीम प्रेरणा भेटैत अछि। हुनका मैथिलीक आधुनिक साहित्यक प्रवर्तक मानल गेल अछि। युगपुरुष केर रूप मे चन्दा झा सौंसे मिथिला मे जानल जाएत छथि। सभा मे आमंत्रित विद्वान् वक्ता प्रो. अरविन्द मिश्र ‘निरज’ द्वारा कविश्वर केर व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश देल गेल छल।
डा. महेन्द्र झा कविवर केर मैथिली साहित्य मे योगदान केर चर्चा करैत कहलनि जे कविवर चंदा झा सबसँ पहिने मैथिली भाषा मे रामायण केर रचना केलनि जेकर नाम ‘मिथिला भाषा रामायण’ पड़ल। कविवर द्वारा रचित कृति पुरूष परीक्षा, अहिल्या चरित्र आदि केर रचना सँ मैथिली साहित्य केँ एकटा नव आयाम देबाक महत्वपूर्ण कार्य हिनकहि द्वारा कैल गेल छल।
एहि मौका पर डा. कुलानन्द झा, विनय चौधरी, अरूणाम सौरभ, केपी यादव, पी नंदन, हरेराम मिश्र, अविनाश खां, राज ठाकुर, भीमशंकर झा, मुकेश कुमार मानस, सचिदानन्द झा, राघवेन्द्र झा सहित दर्जनो अन्य बुद्धिजीवि लोकनि उपस्थित छलाह। नव तुरक युवा कवियित्री स्वाति शाकम्भरीक उपस्थिति ओ कविता वाचन सँ कविश्वर केँ भाव श्रद्धाञ्जलि अर्पण कैल गेल छल।
आम जनमानस मे कविश्वर चन्दा झा केर स्मृतिगान सँ अपन मातृभाषाक प्रति आत्मगौरवक बोध तऽ बढबे कएल, संगहि नवतुरिया युवा पीढी मे सृजनशीलताक आधार सँ पहिचानक विशिष्टताक रक्षा प्रति जिम्मेवारीक बोध सेहो भेल। एहि तरहक आयोजन सदिखन एकटा नव उर्जा छोड़ैत अछि, साहित्यक संस्कार समाज केँ सुसभ्य बनबैत अछि, किछु एहने भावना सँ सहभागी दर्शकक बीच एहि समारोहक खूब चर्चा भऽ रहल अछि।