कीर्ति आजाद ‘आजाद’ छथि

विशेष संपादकीय

kirti azadडीडीसीए भ्रष्टाचार मुद्दा पर पैछला ९ वर्ष सँ प्रकाश दैत आबि रहला भारतीय पूर्व क्रिकेट खेलाड़ी सह भाजपा सँ तीन-तीन बेर विजेता दरभंगा-सांसद यानि वन एण्ड ओनली ‘कीर्ति आजाद’ केँ काल्हि भाजपा अनुशासनात्मक कार्रबाई करैत पार्टी सँ सस्पेन्ड कय देलकैन।

कीर्ति आजाद अपन विचार रखबाक तौर-तरीका मे बेवाकीपन लेल मशहूर छथि। हुनकर बेवाकीपन किछु एहने छन्हि जाहि लेल क्षेत्रक जनता सेहो हुनका पर ई आरोप लगबैत छन्हि जे बाजबाक तरीका मे कोनो लैस नहि रहैत छन्हि कीर्ति आजाद केँ। ओनाहू ओ अपनो एहि बात केँ स्वीकार करैत छथि जे हमर भाषा दछिनाहा हेबाक बात सासूरक लोक गलत नहि कहैत अछि। सच ईहो छैक जे मिथिला मे उत्तर सँ दक्षिण आ पूब सँ पच्छिम जायब तऽ कोसे-कोस पर भाषाक बोली मे फरक भेटैत छैक। दक्षिणी मिथिलाक मैथिल ब्राह्मण – भागवत झा आजाद समान प्रखर आर ईमानदार काँग्रेसी नेता ओ पूर्व मुख्यमंत्री समान पिताक पुत्र – सचमुच आजाद जेकाँ अपन जीवनक एहि पड़ाव धरि पहुँचला। ओ सचमुच आइ अपन नीति अनुरूप आजाद हेबाक भावना जाहेर केला अछि।

बात बड खास छैक सेहो नहि, मुदा तीन-तीन बेर दरभंगा समान चुनौतीपूर्ण क्षेत्र सँ ओ विजय हासिल करैत भारतीय संसद मे मिथिलाक नाक बनिकय रहलाह। खुलिकय मिथिला राज्य केर अनुशंसा करैत रहलाह। प्राइवेट पार्टी बिल द्वारा बिहार ओ झारखंड राज्य केर पुनर्संरचना करैत मिथिला राज्य मे कुल २८ जिल्ला राखि भारतीय संघ मे मिथिला समान गौरवपूर्ण ऐतिहासिक – भाषिक – सांस्कृतिक – आध्यात्मिक पहिचान केँ स्थापित करबाक जी-तोड़ प्रयास करैत रहला अछि। हलांकि क्षेत्र मे अछैते पाइ आ योजना देलाक बादो राज्य सरकार मे हिनकर एन्टी लबिंग द्वारा कार्य कतहु तेना भऽ के नहि होमय देल गेल – ताहि लेल सेहो चिट्ठी-पत्री आ कार्रबाई करेबाक कार्य केलनि मुदा ओहो पेपरे मे दम घोंटि रहल अछि तहिना प्रतीत होइत अछि।

तीन-तीन बेर सांसद चुनेला – भारतीय क्रिकेट केर इतिहास मे विश्व कप विजेताक टीम मे नीक पर्फार्मर रहबाक कारणे ‘हिरो’ खेलाड़ीक रूप मे सेहो एकटा प्रसिद्धि छन्हि – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीक एकटा नीक प्रशंसक सेहो रहला अछि; उम्मीद सब केँ छल जे एहि बेर हिनका मंत्री पद भेटतनि। लेकिन लिल्लोह रहि गेल लोक मिथिलाक….. हिनका कोनो सम्मानजनक पद नहि देल गेलनि। मन तऽ तहिये सँ दुःखी सबहक छलैक, हुनको हेब्बे करतैन ई हम कहि सकैत छी। महात्वाकांक्षा भले मुंह खोलिकय नहि बाजय, मुदा भितरे-भितर बड कष्ट दैत रहैत छैक। आइ परिणाम सोझाँ आबि गेल अछि….. आजाद वास्तव मे भाजपा द्वारा आजाद कय देल गेला। आजाद केर भाइ-बंधु आइयो काँग्रेस संग वा अन्य दल संग जुड़ल छथि, आब लोक हिनकर आजादी संग जुड़ाव किछु ओहि दिशा मे देखय लागल अछि। ओना हमर अनुमान कहैत अछि जे कीर्तिजी शीघ्रहि वापसी करता भाजपा मे।

बात भेलैक किछु गड़बड़ हिनको तरफ सँ…. बेसमय पार्टी लाइन सँ बाहर जाय विरोधी पक्षकेँ सबलता देबाक लेल विभीषण केर कार्य करय लगलाह। अरुण जेटली समान साफ-सुथरा छविक नेता आ ताहू सँ बेसी वर्तमान मोदी सरकारक अर्थ मंत्री समान जिम्मेवार पदपर थाल फेकबाक कुत्सित कार्य कयलैन। एखन मोदी सरकार केँ ५ वर्ष चुनौतीपूर्ण होयबाक बात सर्वथा सबकेँ बुझले अछि, तखन खुद एहि दलक जिम्मेवार नेता रहैत बिना प्रयोजनक बात करैत प्रतिकूल समय मे विपक्ष केर सुर मे सुर मिलायब हिनका शोभा नहि दैत छलनि…. लेकिन ई आजाद छथि, आजादीक संग एकटा नीक छवि व ठोस नेताक तौहीनी मे भरपूर भूमिका निर्वाह करय लगलाह जे आखिरकार हिनकर अपन प्रतिष्ठा लेल हानिकारक साबित भेलनि। पार्टी सँ अनुशासनात्मक कार्रबाईक शिकार बनि गेलाह। शत्रुघन सिन्हा सँ हिनकर तूलना करब उचित नहि, कारण ओ सैद्धान्तिक तौर पर फरक मत राखि पोलिसी केँ चुनौती देलाह, मुदा ई कोनो जिम्मेवार व्यक्तित्व आर पद पर अनावश्यक प्रश्न ठाढ केलैन। जखन प्रेस कान्फ्रेन्स करैत भ्रष्टाचारक रहस्य सँ पर्दा उठौलनि तखनहु ग्रेव अफेन्सक मिस्ट्री मे अपन नेताकेँ गाँथिकय रखलैन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीक इशारा – पार्टी लाइन केर इशारा – ई सबटा केँ दरकिनार करैत आजाद आजादी सँ अपन कार्य करैत रहला आर आइ पूर्ण आजाद कय देल गेलाक बाद खुलिकय हवा मे साँस लैत अपन भितरी मनक आवाज लगबैत कहलैन अछि जे ‘हम आजाद छी’।

एम्हर सामाजिक संजाल पर हिनकर आजादी केँ लोक मिश्रित रूप मे लऽ रहल अछि। भाजपा विरोधी सब केँ आब कीर्ति आजाद जी एकटा झुनझुन्ना समान भेट गेलखिन अछि। भाजपा समर्थक हिनकर अनुशासनहीनता सँ खौंझा गेल अछि। आब भाजपा समर्थक सब पर्यन्त हिनका अपन क्षेत्रक प्रति उदासीनता समान भ्रष्टाचारी स्वयं रहबाक बात कहय लागल छन्हि। आत्मनिरीक्षणक पहर हिनको लेल आबि गेलनि अछि। देशक राजनीतिक दिनमान मे कीर्ति आजाद केर आजादी एकटा नव संदेश देत ईहो तय अछि। लेकिन कीर्ति जाहि नैतिकताक परिपोषक रहला अछि ताहि मे न्यायिक जाँच आ अरुण जेटलीक सफाइपूर्वक आजादी होइते पुनः अपन घर वापसी करता से अंदाज हम लगा सकैत छी। ताबत ई आजाद रहैत डीडीसीए पर आरो रहस्य सब सँ पर्दा उठबैथ आर अपन आजादी केँ भरपूर आनन्द लैथ। धरि अरुण जेटली समान व्यक्तित्व पर संदेह करब कम सँ कम आजुक समय मे उचित नहि, ई हमर विचार थीक।

मिथिलाक लोक धरि कीर्तिजी पर विश्वास कायम रखने अछि। सब केँ आस्था छैक जे ई अपन मुद्दा पर कायम रहैत जल्दिये सकारात्मक दिशा मे डेग बढेता। सांसद केर रूप मे अपन कार्य अत्यन्त कुशलता सँ करैत रहता। पार्टीक डेग सँ मन केँ छोट नहि करता। वरन् अपन कर्तब्यनिर्वहण करबाक लेल ‘आजाद’ होयबाक बात प्रमाणित करता।

हरिः हरः!!