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काजक घड़ी मे मैथिलक एकजुटता अकाट्य होइत अछि, एखन दिल्ली आरो दूर अछि!!

विशेष संपादकीय

amar nath jha multipleमैथिली जिन्दाबाद पर १९ अगस्त, २०१५ बुध दिन संपन्न बिहार सम्मान समारोह केर विषय मे तीन-तीन बेर समाचार प्रकाशित कैल जा चुकल अछि। पहिल बेर एहि विषय मे सामाजिक संजाल द्वारा जानकारी मैथिली साहित्य महासभाक सह-संस्थापक तथा भाजपा पुर्वाञ्चल मोर्चा दिल्लीक मंत्री अमर नाथ झा जी द्वारा भेटल छल। ओ दिन-१ सँ एहि विन्दु पर बहुत जायज प्रश्न उठौलनि जे आखिर साहित्यिक संस्थाक उपयोगिता राजनीतिक लाभ लेल कियैक कैल जायत। हुनकर एहि प्रश्न केँ सब कियो जायज मानिकय एहि महत्वपूर्ण विन्दु पर अपन-अपन विचार रखैत दिल्ली सरकारक निन्दा तक केलक।

दोसर बेर पुन: एहि कार्यक्रमक बारे ध्यानाकर्षण भेल जखन मैथिली-मिथिला अभियानी मिथिलाक सुप्रसिद्ध गायक कुञ्जबिहारी मिश्र केर अपडेट केँ शेयर करैत दिल्लीवासी लेल एकटा नीक सुअवसर महान गायक केँ सुनबाक बात कहलैन। मैथिली जिन्दाबाद केर तरफ सँ श्री कुञ्जबिहारी मिश्र सँ सम्पर्क करबाक प्रयास कैल गेल छल, ई जनबाक लेल जे आयोजकवर्ग मे सँ के आ कोना मधुबनी धरि हुनका समान महत्वपूर्ण गायक केँ सहभागी बनेबाक लेल सम्पर्क केलनि तिनकर लेल धन्यवाद ज्ञापन करैत अपन संदेश मैथिली जिन्दाबाद केर पाठक लेल ओ पठबैथ। दुर्भाग्यवश कुञ्जबिहारी भाइ केर तरफ सँ कोनो जानकारी उपलब्ध नहि भऽ सकल।

maithili bhojpuri4तथापि कार्यक्रम संपन्न भेलाक बाद मैथिली-मिथिला मे स्थायी रूप सँ डूबकी लगेनिहारक फोटो आ फन केर जानकारी जखन भेटब शुरु भेल आ संगहि एकरूपता सँ सबहक पोस्ट मे कार्यक्रमक आलोचना देखबाक लेल भेटय लागल तखन ई विश्वास बढि गेल जे अमरनाथ जी द्वारा उठायल प्रश्न वास्तव मे गंभीर छल आ एकर दुष्परिणाम भेल जे एहि कार्यक्रमक चौतरफा आलोचना भऽ रहल अछि। आखिर अहाँ एकटा भाषा व साहित्य प्रति लक्षित संस्था केर कार्यक्रम करैत छी, ताहि मे भीड़ जुटेबाक लेल प्रसिद्ध गायक केँ आमंत्रित करैत छी, आरो गंभीरता प्रदान करबाक लेल बिहार केर अस्मिता सँ जुड़ल विभिन्न व्यक्तित्वक सम्मान सेहो करैत छी, मुदा सब केँ एकठाम बजाकय ओकर मताधिकार करबाक स्वतंत्र अधिकार केँ प्रभावित करबाक कूचेष्टा करैत छी तऽ ई ओहिना भेल जेना सौंसे खीरा खाकय पेनी तीत खेबाक कूस्वाद मुंह मे उत्पन्न होइत अछि।

अमर नाथ झा स्वयं एकटा राष्ट्रीय दल सँ जुड़ल नेतृत्वकर्ता आ मैथिली भाषा, साहित्य, संस्कृतिक संग राज्य आन्दोलन सँ जुड़ल जुझारू अभियानी सेहो छथि। तहिना आम आदमी पार्टी सँ जुड़ल नेतृत्वकर्ता लोकनि सेहो मैथिली भाषा, साहित्य, संस्कृतिक विभिन्न अभियान संग जुड़ल सक्रिय अभियानी लोकनि सेहो छथि। वर्तमान समय मे निरज पाठक केँ दिल्ली मे भाजपा पुर्वाञ्चल मोर्चा जेकाँ एकटा आप पूर्वाञ्चल मोर्चाक मनोनीत पदेन अधिकारी सेहो बनायल गेल छन्हि। अमर नाथ झा, निरज पाठक आ विभिन्न मैथिली-मिथिला सँ जुड़ल कार्यकर्ता लोकनिक निजी राजनीतिक मंच भले अलग-अलग छन्हि, मुदा मैथिली-मिथिला लेल ओ सब हरेक समय अन्तरहीन एकरूपता मे एक्कहि ठाम देखाइत रहला अछि। ई नीक संस्कृति कम सँ कम दिल्ली मे मैथिली-मिथिला लेल उज्ज्वल भविष्यक निर्धारण करैत रहल अछि। यैह कारण छैक जे एकदम छोट अवधिक सूचना पर अहाँ दिल्ली मे कोनो तरहक कार्यक्रम राखू तऽ लोकक जुटेनाय-जुटनाय समस्या नहि रहि जायत। हलाँकि एहि एकजुटता मे कतहु-न-कतहु आपसी खींचतान सेहो किछेक अपरिपक्व छौंड़ा-माँरड़िक नर्ह्रा-हेलला सँ होइत छैक, मुदा अन्ततोगत्वा सब एक्कहि ठाम ढूइसो लड़ैत पहुँचिये जाइत अछि। ताहि हेतु वर्तमान कार्यक्रमक सैद्धान्तिक आलोचना मे अमर नाथ झा असगरो जे मोर्चा सम्हारला तेकरा राष्ट्रीय मिडिया द्वारा सेहो समुचित स्थान आ सम्मान भेटब अपना आप मे एकटा अविस्मरणीय उदाहरण मानल जा सकैत छैक।

आलोचनाक प्रत्यालोचना मैथिल बंधुगण मे अति शीघ्र होइत छैक। प्रसिद्ध साहित्यकार आ अभियानी अजित आजाद द्वारा जगह-जगह एकटा उपमा सुनय लेल भेटैत अछि, मैथिल केर खण्डी बुद्धि रहितो युधिष्ठीर समान दावी जे हस्तिनापुर मे पाँच भाइ पाण्डव, मुदा अन्यत्र कौरव केर एक सौ एक भैयारी सहित पाँच पाण्डव जोड़ि कुल १०६ भैयारी छी, मैथिल केर खासियत यैह छैक। दिल्ली मे सेहो आपसी प्रतियोगिता लेल मैथिली साहित्य महासभा सँ मैथिली-भोजपुरी अकादमी एक डेग आगाँ बढिकय किछु करत, सत्ता हाथ मे छैक तऽ ओकरा अपना तरहें दुरुपयोग सेहो कय सकैत अछि, मुदा छी हम सब १०६ भैयारी, ई मानिये कय सबकेँ चलय पड़त। मुदा शिखन्डी टाइप आलोचक सेहो होइत अछि, करत किछुओ नहि, भाँजी दूबगली मारत। अहाँकेँ सेहो चढा देत, ओकरो चढा देतैक आ बीच मे मजा लैत रहत। ना! शिखन्डी टाइप आलोचक या छूछ-आलोचक केर तऽ विरोध हेबाके चाही। करनिहार केर सम्मान अहाँ नहियो करबैक तऽ आम जनमानस मे ओकर कीर्तिक पताका फहरेबे करतैक। शास्त्रक वचन छैक, “त्याग सँ कैल कीर्ति अमरता केँ प्राप्त करैत अछि”।

हम करयवला सबहक बेर-बेर आदर करी, ई बहुत जरुरी अछि। खासकय मैथिली भाषा ओ साहित्य जाहि तरहें निज राज्य मे हासिया पर राखि देल गेल अछि, ताहि नितीश कुमार समान नेतृत्वकर्ता केँ दिल्ली मे ओकर प्रखरताक अनुभूति करायब, कतेक पैघ कूटनीतिक सफलता थिकैक से सोचय योग्य विषय भेल। ताहि पर सँ ई नैतिकताक पाठ जे भले अहाँ अपन राज्य मे मैथिली भाषा ओ साहित्य केर सेवा मे रत लोक केँ सम्मान देलियैक वा नहि, दिल्लीक दिलवाली भूमि पर आम आदमी पार्टीक सरकार ओकरा सम्मान दैत अछि। सकारात्मकता केँ एनाहू ग्रहण कैल जा सकैत अछि। हालहि संपन्न मैथिली साहित्य महासभा दिल्लीक पहिल व्याख्यानमाला मे अहाँ गोआक राज्यपाल केँ अध्यक्षता देलहुँ, मुदा दिल्ली सरकारक नुमाइंदगी लेल शायद आमंत्रण पत्र तक देबाक लेल आयोजक केँ समय नहि भेटल वा सोच नहि बनल, जखन कि जनताक चुनल सरकार थिकैक आ मैथिली केर विशालता सँ भिज्ञ बनेबाक लेल ई जरुरी अछि जे दिल्लीक कोनो भी कार्यक्रम मे अहाँ केन्द्र सरकार तथा दिल्ली सरकारक नुमाइंदगी कराउ। पता अछि, मैथिली माध्यम सँ मैथिलीभाषी विद्यार्थी केँ शिक्षा देबाक लेल पूर्वहि केर शीला-दीक्षित-सरकार द्वारा नार्थ एमसीडी अन्तर्गत विद्यालय मे मान्यता भेट गेल अछि, लेकिन ई जमीन पर एखन धरि नहि उतरल अछि। वृहत् योजना अनुसार एहि लेल जागृति पसारबाक आवश्यकता अछि। एहेन आरो बहुते रास महत्वपूर्ण विन्दु पर कार्य करबाक अछि। मैथिली बहुल्य क्षेत्र मे विद्यापतिक नाम पर सड़क, सलहेशक मन्दिर, भारती-मंडन वाचनालय, वाचस्पति पुस्तकालय आदिक स्थापना बाकिये अछि। योजना सकारात्मक पक्ष संग बनाउ। संयोग नीक कहू जे अहाँ सब कियो दिल्ली सरकारक पिछलग्गू छी तऽ कियो केन्द्रिय सरकारक आ कियो काँग्रेस सहित अनेकानेक दलक झोरा उठबैत छी। चाकरिये करैत जीवन निर्वाह कय रहल छी तऽ जेकरा सँ जखन जे चाहब से करबा सकब, एहेन मजबूत धारणा बनाउ। मैथिली जिन्दाबाद!! मिथिलाक पहिचानक विशिष्टताकेँ जतेक प्रखरता सँ संरक्षित राखब, अहाँक आगामी पीढी ओतबे आत्मसंतोष आ प्रगतिशील बनत, ई विश्वास राखू। जय मिथिला – जय जय मिथिला!!

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