अब्दुल कलाम केँ बेर-बेर सलाम: मिथिला ऋणी अछि

हालहि स्वर्गीय भारतक ११म राष्ट्रपति डा. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम केर बड पैघ लगानी मित्र डा. मानस बिहारी वर्मा बौर (रसियारी) निवासी केर माध्यम सँ मिथिला मे - श्रद्धाञ्जलि लेल सौंसे देश उमैड़ पड़ल

विशेष सम्पादकीय

नहि रहलाह मिसाइल मैन!

kalam presidentभारतक एगारहम राष्ट्रपति डा. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम – यानि – अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम – काल्हि हरिशयनी एकादशी सनक शुभ दिन चलैत-फिरैत, लोकहित मे पूर्वक समान सदिखन तत्पर योगदान करिते – परलोक सिधाइर गेलाह। हिनक जन्म १५ अक्टुबर १९३१ ई. तमिलनाडुक रामेश्वरम् समान पवित्र स्थान पर भेल छल जतय द्वादश ज्योतिर्लिंगक ओ प्रखर स्वरूप स्थापित अछि जिनका मर्यादा पुरुषोत्तम राम स्वयं अपनहि हाथ सँ स्थापना कएने छथि। अब्दुल कलाम एक मुसलमान परिवारक रहितो बच्चहि सँ रामेश्वरम् केर प्रसिद्ध तीर्थस्थल पर हिन्दू समागम सँ अभिप्रेरित अपन बाल्यावस्था मे आर्थिक विपन्नताक सामना करितो औसत बुद्धि सँ अध्ययन करैत प्रखरताक चरम पर पहुँचल छलाह। शायद यैह कारण छलैक जे ओ सदिखन अपन सर्वस्व आर्थिक रूप सँ विपन्न छात्र – अति-पिछड़ा वा दलित वर्ग आदि लेल निछाबड़ कएने छलाह। हुनक योगदान ओना तऽ सगर देश मे भेल, लेकिन मैथिली जिन्दाबाद पर हुनकर मिथिला लेल कैल योगदानक विशेष स्मृति करैत हुनकहि पदचिह्न पर चलि जनमानस मे विज्ञान सहित समग्र शिक्षा सँ क्षेत्रकेँ संपूर्ण साक्षर बनबैत ओहि ऋण सँ ऊऋण होयबाक अपील अछि।

भौतिकी एवं अन्तरिक्ष (उड़ान क्षेत्र) ईन्जिनियरिंग केर पढाई पूरा केलाक बाद रक्षा अनुसंधान तथा विकास संस्थान (Defence Research And Development Organization) तथा भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संस्थान (Indian Space Research Organisation) मे लगभग चारि दशक धरि वैज्ञानिक तथा विज्ञान प्रशासनक तौर पर देशक सेवा कएलनि। भारतीय सुरक्षा प्रणाली लेल मिसाइल केर विकास मे हिनक योगदान उल्लेखनीय हेबाक कारण हिनक उपनाम ‘मिसाइलमैन’ सेहो पड़ि गेल। तहिना पोखरन परमाणु परीक्षण मे हिनक महत्त्वपूर्ण भूमिका रहल आ अपने भारतक प्रखर प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी केर रक्षा सल्लाहकार केर रूप मे सेहो रहलहुँ। 

भारतक एक निर्वाचित राष्ट्रपतिक रूप मे एगारहम राष्ट्रपति सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टीक अग्रसरताक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सहित विपक्ष मे रहल भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस केर समर्थन हासिल केने छलाह। एहि तरहें २५ जुलाई २००२ सँ २५ जुलाई २००७ धरि अपने भारतक महामहिम राष्ट्रपतिक पद पर रहलहुँ। राष्ट्रपतिक पद सँ अवकाश ग्रहण केला उपरान्त अपने सार्वजनिक जीवन मे शिक्षा, लेखन आ जनकल्याणकारी विभिन्न महत्त्वपूर्ण कार्य मे सौंसे देश घूमि-घूमिकय अपन योगदान दैत रहलहुँ।

kalam leaving us
डा. कलाम, अपन कर्म पर डँटल रहैत अचानक एहि संसार सँ विदाई लेबा सँ ठीक पूर्व अस्वस्थताक बात कहैत – लोक सम्हारिते रहल – ओ अन्य दुनियाक बजावा पर चलि देलाह….. अश्रुपूर्ण श्रद्धाञ्जलि!!

एकटा कहबी छैक मैथिली मे – करनी देखबौ मरनी गुणे – ताहि अनुसारे अपने ताउम्र एक सत्य-संत-महात्मा आ राष्ट्रभक्त केर रूप मे रहबाक सत्यतथ्य अपन मृत्युक एहि रूप सँ केलहुँ – जे एहेन पुण्यतिथि हरिशयनी एकादशीक दिन अपन प्रतिबद्ध कर्म केर निष्पादन करिते परलोक गमन कए गेलहुँ। न केकरो कोनो तरहक दिक्कत, न कोनो सेवाक अवसर, आह! एहेन मृत्युक कामना तऽ विरलेक पूरा भेलैक अछि आइ धरि। अपने भारतक सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ सहित अनेकानेक प्रतिष्ठित सम्मान सँ विभूषित रहलहुँ। अपनेक पुण्यात्मा केँ मैथिली जिन्दाबाद आ मिथिलाक प्रत्येक जनमानसक तरफ सँ बेर-बेर प्रणाम अछि।

 

 

मिथिला पर महात्मा कलामक ऋण

kalam with mb vermaदरभंगा जिलाक घनश्यामपुर प्रखंडक एक प्रसिद्ध विद्वत् गाम बौर (रसियारी) सँ डा. मानस बिहारी वर्मा आ डा. अब्दुल कलाम सहयात्री बनिकय उपरोक्त उच्च-मूल्यक संस्थान मे संगहि बहुतो वर्ष धरि कार्य कएने छलाह। २००५ ई. मे डा. वर्मा देशक सेवा सँ अवकाश ग्रहण कएला उपरान्त डा. कलाम द्वारा १९९० ई. मे स्थापित गैर-सरकारी संस्था ‘विकसित भारत फाउन्डेशन’ मे शामिल भऽ गेलाह। डा. वर्मा द्वारा देल एक सूझाव जे अर्जित अनुभव सँ देशक बाल-बालिका केँ प्रेरित केला सँ देश मे वैज्ञानिक आदिक कमी नहि रहत, संगहि एहि सँ बाल-बालिका केँ पढाई-लिखाई मे रुचि जागत, साक्षरता दर मे उल्लेखनीय वृद्धि होयत – ई सब जँचि गेल छलन्हि। ताहि हेतु डा. वर्मा द्वारा चुनल गेल क्षेत्र अपन गृह-राज्य बिहार आ ताहू मे गृह-जिल्ला दरभंगा केँ केन्द्र बनाय आस-पड़ोसक विद्यालयक बाल-बालिका केँ ‘चलैत-फिरैत विज्ञान प्रयोगशाला’ केर प्रयोग सँ सेवाक लेल ‘विकसित भारत फाउन्डेशन’ केर शाखा बिहार (मिथिला) मे सेहो प्रारंभ करबाक लेल सहमति जतौलनि। एहि सँ पूर्व ई फाउन्डेशन मात्र आंध्र प्रदेश मे संचालित छल, परन्तु डा. वर्माक सुझाव सँ डा. कलाम एकर शाखा बिहार आ ताहू मे मिथिलाक विशिष्ट बौद्धिक क्षमताक बात सुनि-मानि एतहु संचालन करबाक लेल सहमति देलनि।

डा. कलाम अपन दरभंगाक दौरा पर छात्र सब सँ भेंट करैत... हाय रे सरस आ सस्नेहिल महात्मा... आब दोसर के? - अश्रुपूर्ण श्रद्धाञ्जलि!!
डा. कलाम अपन दरभंगाक दौरा पर छात्र सब सँ भेंट करैत… हाय रे सरस आ सस्नेहिल महात्मा… आब दोसर के? – अश्रुपूर्ण श्रद्धाञ्जलि!!

डा. वर्माक मुताबिक, एहि प्रयोगशाला आ संस्थानक उद्देश्य केँ मिथिलाक धरातल पर उतारबाक लेल डा. कलाम केँ भेटल सीताराम जिन्दल सम्मानक कुल रु. १ करोड़क राशि सँ समुचित रकमक सहयोग करैत कैल गेल छल। एहि मे बिहार सरकार वा अन्य कोनो स्रोतक योगदान वा सहयोग नहि लेल गेल अछि वा एना कहू जे नहि भेटल अछि। डा. वर्मा हाल तीन प्रयोगशाला (मोबाइल वैन) मे अत्याधुनिक सब इन्स्ट्रूमेन्ट (औजार-उपकरण) उपलब्ध करबैत दरभंगा, मधुबनी आ सुपौल कुल तीन जिलाक लगभग १२०,००० छात्र केँ सुविधा सँ लाभ पहुँचा रहला अछि। एहि लेल अनुकूल इन्सट्रक्टर – उपरकरणक प्रयोगादि बुझेनिहार दक्ष शिक्षक आंध्र प्रदेश सँ आनि मिथिलाक्षेत्रक विभिन्न गामक विद्यालयादि मे मोबाइल प्रयोगशालाक प्रदर्शन सँ धिया-पुता मे विज्ञानक ललक आ शिक्षाक महत्त्व केर प्रसार कय रहला अछि। विदित हो जे ई समस्त क्रियाविधि खास कय दलित, पिछड़ल आ सरकारी विद्यालयक छात्र लेल कैल जाइछ, जाहि सँ विद्यालय मे बाल-बालिका उपस्थिति १०% सँ बढिकय ८०% हेबाक हर्षानुभूति डा. वर्मा अभिव्यक्त करैत छथि। आइ पैछला १० वर्ष सँ ई सुविधा वर्ग ६ सँ १२ धरिक लाखों बच्चा केँ लाभान्वित कय चुकल अछि। करीब २५० विद्यालय मे एकर जिवन्त प्रदर्शनी कैल जा चुकल अछि।

आब तऽ हालात एहेन बनि गेल अछि जे विद्यालय स्वयं विकसित भारत फाउन्डेशन सँ अनुरोध करैत एहि जिवन्त वैज्ञानिक प्रयोगशालाक प्रदर्शनी हुनक विद्यालय मे सेहो करबाक लेल कहि रहल अछि। डा. वर्मा निकट भविष्य मे एहि सेवाक दायरा मिथिला सहित बिहारक आन-आन जिला मे सेहो करबाक लेल इच्छूक छथि। एहि बीच डा. कलाम कतेको बेर दरभंगाक दौरा केलनि आ मौका भेटिते ओ एहि फाउन्डेशनक कार्यशैली आदिक निरीक्षण सेहो केलनि।

मिथिलावासी आ मैथिली जिन्दाबाद केर तरफ सँ अश्रुपूर्ण श्रद्धाञ्जलि: ईश्वर शीघ्रे कोनो दोसरो डा. कलाम नसीब दैथ हमरा सबकेँ

मिथिलावासी लेल देल एहि वरदानक ऋण सँ एकरा आरो वृहत्तर क्षेत्र मे प्रसार करैत डा. अब्दुल कलामक सपना केँ पूरा करैत हुनका प्रति सत्य श्रद्धाञ्जलि होयत। एक बेर महात्मा कलाम केँ एहि धरा सँ परलोकगमन पर पुन: मैथिली जिन्दाबादक संपूर्ण कार्यसमूहक तरफ सँ अश्रुपूर्ण श्रद्धाञ्जलि सुमन अर्पण करैत – समाचार संपादक किसलय कृष्ण आ डा. मानस बिहारी वर्मा केर साक्षात्कार किछु समय उपरान्त पुन: प्रकाशित करबाक सूचना दैत छी। मैथिली जिन्दाबाद!!