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मैथिली जिन्दाबाद – उद्देश्य, योगदान, वर्तमान आ भविष्य

मिथिला मिरर सम्पादक ललित नारायण झा जी द्वारा राखल गेल गोटेक सन्दर्भ पर ‘मैथिली जिन्दाबाद’ लेल हमर विचार निम्नानुसार अछि, अपने सब सेहो पढ़ब त निश्चय एकर उपयोगिता बढ़त ।

मैथिली जिन्दाबाद वेब पत्रिका रूप मे ११ अप्रैल २०१५ केँ विराटनगरक जानकी सदन मे आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली कवि सम्मेलन २०१५ सँ शुभारम्भ कयल गेल ।
मैथिली भाषा-साहित्य संग-संग मिथिला सभ्यता प्रति समर्पित संचारकर्म एकर मुख्य उद्देश्य अछि ।
दुइ देश नेपाल आ भारतक अति प्राचीनतम् भाषा व संस्कृति रूप मे मैथिली व मिथिलाक परिचिति रहितो, दुनू देशक राज्य उपेक्षाक शिकार, प्राथमिक शिक्षा मैथिली मे वा प्राथमिक शिक्षा सँ मैथिलीक अनिवार्यता – दुनू मे सँ किछुओ नहि उपलब्ध रहबाक कारण मैथिलीक पठनीयता – प्रचलन दुनू प्रभावित देखि एहि तरहक समर्पित संचारकर्मक जरूरत बुझैत एकर स्थापना कयल गेल छल ।
मैथिली संचारकर्म मे समाचार, साहित्य, संस्कृति, विचार, धरोहर आ व्यक्तित्व पर केन्द्रित एहि लगभग ६ हजार आलेखक संग्रह कयल जा सकल अछि । नागरिक पत्रकारिताक सूत्र पर संचालित मैथिली जिन्दाबाद वेब पत्रिका मे लेख केर वर्गीकरण मे दर्शन, व्यंग्य, सम्पादकीय, साक्षात्कार, उद्देश्यपरक आयोजन (इवेन्ट्स), मनोरंजन, खेल, समाज, नेपाल, भारत, शिक्षा, अर्थ पर आधारित समाचार-विचार सब समेटल जा सकल अछि । मैथिली जिन्दाबाद पर प्रकाशित सामग्री स्तरीय व सन्दर्भ रूप मे पर्यन्त कारगर हो, से प्रयास कयल जाइत रहल अछि ।
मैथिली मीडियाक भविष्य बहुत उज्ज्वल छैक । पूरा मैदान खाली छैक । जे जतेक सक्रियता आ समझदारी सँ काज करत, ओ ओतेक सफल होयत । पब्लिक मे अपन छवि निर्माण करब आ विज्ञापन जेहेन रेवन्यू (राजश्व) आर्जन योग्य बनब – ई जरूरी छैक ।
विगत किछु वर्ष सँ हमर व्यक्तिगत आबद्धता गोटेक जमीनी सांगठनिक कार्य मे बढ़ि जेबाक कारण मैथिली जिन्दाबाद पर प्रकाशन मे शिथिलता आयल अछि । चूँकि मैथिली जिन्दाबाद एखन धरि कोनो तरहक विज्ञापन आर्जन लेल संगठित प्रयास नहि कय सकल अछि, संगहि समाचार संकलन लेल संवाददाताक संजाल जे अत्यन्त जरूरी अवयव छैक, सेहो सब नहि कयल जा सकल अछि – तेँ, मैथिली जिन्दाबाद केर भविष्य बस सामान्य रूप सँ अपन अस्तित्व बचबैत आर बेसी सँ बेसी सामग्री सब संकलन-प्रकाशन कार्य केँ निरन्तरता दयवला मात्र अछि ।
२०१६ मे पाक्षिक रूप मे दिल्ली सँ प्रिन्ट वर्सन सेहो प्रकाशन करब आरम्भ कयल गेल । मुदा मात्र २ अंक निकालि अपन जेबीक ५० हजार टका गला तत्काल बन्द करय पड़ि गेल ।
एखनहुँ प्रयास मे छी जे नेपाल सँ एकर प्रकाशन विधिवत् आरम्भ करी । ताहि लेल जिला प्रशासन कार्यालय व अन्य वैधानिक निकाय सँ ‘मैथिली एसोसिएशन नेपाल’ केँ प्रकाशक बनाकय आगू बढ़बाक योजना अछि ।

– मैथिली जिन्दाबाद लेल प्रवीण

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