नेपाल मे नव संविधान जारी करबाक ९म् वर्षगांठ

संविधान दिवस नेपाल

आइ ‘संविधान दिवस’ थिक । समस्त नेपाली मे प्रवीणक शुभकामना !!

आइ सँ 9 साल पूर्व आजुक दिवस नेपालदेशक नव संविधान घोषित भेल छल । विभिन्न विरोध आ असंतोष केर बीच नव संविधान नेपाल केँ संघीय लोकतांत्रिक गणतंत्र रूप मे घोषित कयलक ।

समावेशीकरण केर नीक परिकल्पना राखल गेल हमरा बुझने, तथापि जनसंख्या आधार पर प्रतिनिधित्व सँ प्रदेश सीमांकन आ परिसीमन निर्धारण सब मे समस्या रहबाक शिकायत बनल रहल ।

भारत जेहेन महत्वपूर्ण सहयोगी पड़ोसी मित्रराष्ट्रक विशेष दूत केर सलाह केँ खण्डित करबाक आ भारत पर अघोषित नाकाबन्दी आदिक आरोप मढ़बाक नया रणनीतिक कूटनीति प्रयोग करैत जारी नव संविधान आ एकर 9 वर्ष केर प्रतिफल पर समुचित चिन्तन आवश्यक अछि ।

हमरा नजरि सँ असन्तोषक बावजूद संविधानक घोषणा कनेक विलम्ब सँ मुदा जारी करब आवश्यक छल । परञ्च ‘भारत’ जेहेन सहयोगी राष्ट्र जेकर सहयोग पर नेपालक सम्पूर्ण आर्थिक विकास निर्भर करैछ, तेकरा चिढ़ाकय आ मधेशवादी राजनीतिक दल केँ बिना रिझेने संविधान जारी करब कोनो न कोनो तरहें नेपाल मे राजनीतिक विवाद केँ जन्म देलक । यैह विवाद आइ नेपाल मे बहुत रास कमजोरी केँ प्रत्युत्पादक सिद्ध भ’ रहल अछि ।

मुख्य रूप सँ भारत संग कूटनीतिक सम्बन्द मे दरार आयब नेपाल लेल काफी नुक्सानदेह साबित भ’ रहल अछि । आइ नेपालक आर्थिक अवस्था मे कोनो तरहक आकर्षण नहि बचब निश्चित भारत द्वारा उल्लेख्य आर्थिक सहयोगक कमी सँ उत्पन्न भेल एना हमरा बुझाइत अछि । एकर एकटा उदाहरण देब १९९१ ई. मे भारत द्वारा नेपाल संग कयल गेल ब्यापारिक सन्धि केर – जाहि मे नेपाल मे उत्पादित वस्तु लेल भारतीय बाजार खोलब शामिल छल ।

एहि समझौताक वृहत् लाभ नेपाल केँ भेटल आ एतय औद्योगिक क्रान्ति आयल । नव-नव कारखाना खुजल, रोजगार बढ़ल ।

दोसर दिशि नेपाल मे पहिनहि सँ स्थापित अनेकों राजकीय औद्योगिक उपक्रम मे अराजक आ भ्रष्ट राजनीतिक मनोदशाक कारण भारी नुक्सानी आ ओकर बन्द होयबाक दुरुह स्थिति देखय लेल भेटैत अछि । ई संकेत करैत अछि जे वर्तमान राजनीतिक परिवर्तन नीक या फेर संवैधानिक राजतंत्र २०४७ साल सँ लागू भेल छल वैह नीक ? आइ धरि चिन्तनक विषय मे ई तथ्य बनले अछि ।

संगहि, आइ सँ ९ वर्ष पहिने जाहि घोषित संविधान केँ विश्वक सर्वोत्कृष्ट संविधान कहल जा रहल छल, तखन फेर संघ आ प्रदेश केर सरकार स्थिरता नहि पाबि रहल अछि आ बेर-बेर राजनीतिक विवाद मे देश व जनता फँसल अनुभव कय रहल अछि – ई रहस्यमयी सवाल निरूत्तरित देखि रहल छी ।

हर तरहें, नेपाल मे राजनीतिक विवादक अन्त हो, भ्रष्टाचार आ लोभ-मोह सँ सत्ताक संचालन बन्द हो आ संविधान मे अपेक्षित संशोधन करैत देश केँ निकास भेटय – यैह शुभकामना दय रहल छी ।

हरिः हरः!!