प्रो. अमरेन्द्र झा, अन्तर्राष्ट्रीय संयोजक, अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति जानकारी करबैत कहलैन अछि जे २१ जुलाई २०१५ केँ “अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति” केर तत्वाधान मे जंतर-मंतर, दिल्ली पर प्रात: १० बजे सँ सायं ५ बजे तक “विशाल धरना” केर आयोजन अछि। अधिक सँ अधिक संख्या मे मिथिलावासी सँ एहि धरना मे सहभागिता लेल अनुरोध करैत ओ ईहो कहला जे बिना संघर्ष केने कतहु केकरो अधिकारसम्पन्नता नहि भेटलैक अछि। अत: एहि धरनाक कार्यक्रम मे बेसी सँ बेसी जनसहभागिता दैत भारत सरकारक सोझाँ शान्तिपूर्ण ढंग सँ अपन स्वराज्यक अधिकार लेल मिथिला राज्यक स्थापना हेतु माँग करी।
अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति समस्त मैथिली-मिथिला संस्थाक समुच्चय संस्था रहबाक बात ओ बेर-बेर कहैत आबि रहला अछि। संगहि बिना समुच्चय संस्था कोनो माँग केँ सशक्त रूप सँ स्थापित नहि कैल जा सकैत छैक। बेर-बेर किछु लोक अन्य-अन्य नाम सँ समुच्चय संस्थाक नाम परिवर्तन करबाक बात करैत छथि, मुदा एक बेर सऽ दोसर बेर धरि कार्यक्रम करैत हुनका लोकनिक पामर ढील भऽ जाइत छन्हि। एना मे सबहक लेल ई आवश्यक अछि जे एकटा खूट्टा केँ जोर सँ गाड़ैत अपना केँ अधिकारसम्पन्नताक दिशा मे अग्रसर करी। किछु अन्तर्घाती शक्ति द्वारा अलग-अलग मंचक स्थापना केँ ओ ‘रिपल्सिव फोर्स’ कहैत बरसाती बेंग कहैत सबकेँ एक मंच पर अयबाक आह्वान कएलनि। विगत मे बनल मिथिला राज्य निर्माण सेना हो वा अन्य कोनो संगठन, जाबत आपस मे जुड़बाक शक्ति केर विकास नहि करब ताबत कतहु अधिकार लेल उपस्थिति मजबूती सँ स्थापित नहि कए सकब। प्रो. झा जन्तर-मन्तर केर धरना केँ ‘लिटमस टेस्ट’ कहिकय हरेक समर्पित कार्यकर्ता सँ आयोजक केर बैनर वा स्वार्थ नहि देखि बस अपन समर्पण आ मिथिलाक निर्माण टा देखबाक निवेदन केलनि।
ध्यातव्य अछि जे अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति अपन माँग सूची मे निम्न माँग सबकेँ राखि भारत सरकार आ राज्य सरकार सँ मैथिल केँ अधिकारसम्पन्न बनेबाक माँग करैत आबि रहल अछि।
१.) मिथिला राज्यक स्थापना
२.) मिथिलाक सर्वांगीण विकास
३.) मिथिला मे आई०आई०टी० ,आई०आई०एम० आ एम्स केर स्थापना
४.) मिथिला सँ राष्ट्रीय आ अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा
५.) मिथिला क्षेत्र सँ दरभंगा,सीतामढी, मुजफ्फरपुर,भागलपुर आ सहरसा कें स्मार्ट सिटी केर घोषणा
६.) आम, लीची, पान, मखान आ माछ केँ उद्योगक दर्जा दय ओकर वैज्ञानिक आ व्यवसायिक विकास
७.) लघु उद्योग आ गृह उद्योक विकास
८.) मिथिला पेंटिंग के विकास लेल राष्ट्रीय स्तर के संस्थान
९.) मिथिला मे पर्यटन उद्योग के बढावा
१०.) मिथिलाक सांस्कृतिक धरोहर बचेबाक राष्ट्रीय स्तरक प्रयास
११.) निर्मली रेल पुलक निर्माण कय रेल संचालन
१२.) जयनगर आ सहरसा गरीब रथक प्रतिदिन सेवा
१३.) बंद चीनी आ जूट मिल कें जल्द शुरू कयल जाय
१४.) वाराह आ नूंथर डैम सँ पनबिजलीक उत्पादन
१५.) सुगौली संधि मे अंग्रेज द्वारा कयल गेल विभाजित मिथिलाक भूभागक एकीकरण