आगामी २ अगस्त, २०१५ केँ मैथिली साहित्य महासभा दिल्ली द्वारा पद्मश्री डा. उषा किरण खाँ केर ‘मिथिलाक नारी नहि छथि बेचारी’ विषय पर व्याख्यानमालाक आयोजन हेतु आइ कार्यक्रमक रूप-रेखा सहित मैथिल समाजक सहभागिता पर एकटा बैसार कैल जायत। एहि बैसार मे वृहत् सहभागिता लेल दिल्ली विश्वविद्यालय व अन्य शैक्षणिक संस्थान आ साहित्यिक गतिविधि मे सक्रियतापूर्वक भूमिका निर्वहन कएनिहार मुख्य कार्यकर्ता-योगदानकर्ता केँ बजायल जेबाक जानकारी महासभाक संस्थापक संजीव सिन्हा करौलनि अछि।
मैथिली साहित्य महासभाक स्थापना दिल्लीकेँ केन्द्र मानि साहित्यिक संस्कार केर संवर्धन एवं प्रवर्धन लेल कैल गेल अछि, किछेक समयक अन्तराल पर साहित्यिक कार्यक्रम सँ दिल्ली मे लाखों प्रवासी मैथिल केँ अपन भाषिक पहिचान संग जोड़िकय रखबाक महत्त्वपूर्ण कार्य करबाक अछि – भावना व्यक्त करैत छथि सहसंस्थापक अमर नाथ झा।
हालहि दिल्लीक यात्रा पर पहुँचल मैथिली-मिथिला अभियानी अमित आनन्द संग आपसी भेंटघाँटक कार्यक्रम मे स्रोत व्यक्ति लेल मंथन कैल गेल छल। डा. उषा किरण खाँ समान प्रतिष्ठित साहित्यसेवी मैथिलानी संग वार्ता करैत एहि कार्यक्रम लेल समय देबाक अनुरोध कैल गेल छल। डा. उषा किरण मैथिली तथा मिथिला लेल सदिखन उत्साहपूर्वक सहभागिता रखैत छथि, युवा प्रयास केर सराहना करैत ओ सहर्ष एहि अनुरोध केँ स्वीकार केली।
व्याख्यानमाला मे समसामयिक विषय पर विशिष्ट संबोधन सँ समाज केँ प्रेरणाक संचरण होयबाक लक्ष्य राखल गेल अछि। वर्तमान विषय ‘मिथिलाक नारी नहि छथि बेचारी’ डा. उषा किरण द्वारा चुनल गेल अछि। निश्चित रूप सँ एकटा सक्षम आ सामर्थ्यवान् मैथिलानी जे अपन प्रतिभा सँ देशक सोझाँ अलौकिक उदाहरण प्रस्तुत केली, जिनक सुन्दर मैथिली एवं हिन्दी रचना सब लेल साहित्य अकादमी तथा राष्ट्रक गरिमामय सम्मान ‘पद्मश्री’ पर्यन्त सँ सम्मानित कैल गेलनि अछि, ओ एहि व्याख्यान सँ संपूर्ण मैथिल समाजक नारी लेल विशेष संबोधन करय चाहैत छथि।
कार्यक्रमक तैयारी मे सहभागिता पर विशेष जोर देल जा रहल अछि। खासकय मैथिल नारी वास्तव मे बेचारी नहि छथि सेहो एकटा चुनौतिये अछि। दिल्लीक कोनो सभा मे नारीशक्तिक सहभागिताक घोर अकाल देखल गेलैक अछि। जँ नाच-गानाक इन्तजाम छैक तखन तऽ जेन्टलमैन मैथिल सब सपरिवार अबैत छथिन, आ यदि कतहु बौद्धिक विचार गोष्ठी वा साहित्य-संस्कृति चर्चा छैक तऽ जेन्टलमैनो केँ फुर्सत निकालब कठिनाहे होइत छैक। एम्हर विषय केर वजन एतेक गहिंर आ नारीक सहभागिता नगण्य रहला पर कार्यक्रमक लक्ष्य-साधना उचित कोना हेतैक, ई चिन्तन आयोजक लेल गंभीर अछि।
मैथिल नारी लेल आरो यथार्थ चुनौती सब कम नहि छैक। २१म शताब्दी आरंभ भेलो पर मैथिलानी ९५% घरक चौखैटक भितरे सिमित छथि, शिक्षाक अवस्था सेहो बामोस्किल ५% मैथिल नारी केँ उच्च शिक्षा पेबा लेल इच्छाशक्ति आ साधन-स्रोत उपलब्ध होइत छैक। बाल-विवाह सँ जरुर आब शिक्षितवर्ग केँ मुक्ति भेट गेलैन, मुदा विशाल जनसंख्या जे अनपढ-अशिक्षित अछि ओहि वर्ग मे एखनहु ई समस्या बहुत हद तक कायमे अछि। महिला आरक्षण आ पंचायती राज मे पदेन नेत्री बनबाक अवसर मैथिलानी केँ सेहो आगाँ बढबाक अवसर जरुर प्रदान केलक अछि, मुदा ओतहु समस्या मुखिया-पतिक वर्चस्वक बनले अछि।
तथापि डा. उषा किरण खाँ अपन अगाध अनुभव सँ ई स्थापित करती जे मैथिल नारी सचमुच बेचारी नहि छथि। इतिहास सेहो किछु एहि तरहक अनुपम बात सब कहैत अछि। अनेकानेक मैथिली नारी शक्ति सीता, अहिल्या, गार्गी, मैत्रेयी सँ लैत भामती, भारती, ओ आजुक समय धरिक स्वयं डा. उषा किरण खाँ सहित अनेकानेक मैथिलानी जे आइयो मिथिलाक नारी पहिचानक शान बनि विश्व केँ प्रेरित कय रहली अछि – ई सब देखला सँ विषयक प्रामाणिकता सहजहि नव उर्जा एखनहु दैत अछि, निश्चित रूप सँ कार्यक्रम आयोजन उपरान्त एहि सँ मैथिल समाज आरो लाभान्वित हेता, एहि मे दुइ मत नहि।
अत्यन्त सारगर्वित विषय पर राखल गेल ई कार्यक्रम मे सहभागिता एकमात्र मुख्य फोकस अछि आ मिडियाक उपस्थिति जे पहिने नगण्य रहल छल ताहि दिशा मे सेहो आयोजनकर्ता एहि बेर आरो सशक्त हेता। मैथिली जिन्दाबादक तरफ सँ कार्यक्रम सफलता हेतु हार्दिक शुभकामना!! अस्तु!!