विराटनगर, १५ नवम्बर २०२२ । मैथिली जिन्दाबाद!!
हालहि सम्पन्न सवा करोड़ शिवलिंग पूजनोत्सवर (सौराठ) सँ वापस आबि सम्पादक प्रवीण नारायण चौधरी अपन संस्मरण पाठक संग अलग-अलग भाग मे आ अलग-अलग आधारविन्दु पर आधारित लेख (धारावाहिक) प्रस्तुत कय रहल छथि। प्रत्यक्षदर्शी व अनुभवी व्यक्ति (पाठक) अपन विचार सेहो कमेन्ट मार्फत अथवा व्हाट्सअप द्वारा सीधे सम्पादक केँ पहुँचाबी, ओहो सब प्रकाशित करैत मैथिल ब्राह्मणक एक अति-महत्वपूर्ण विरासत व इतिहास केँ पुनः जगेबाक अभियान मे सम्बल होयत।
सवा करोड़ शिवपूजन महायज्ञः सौराठ सभागाछीक ओ अविस्मरणीय नजारा
सौराठ सभागाछी मे आयोजित महायज्ञ केर अभूतपूर्व सफलता सँ भला केकरा प्रेरणा आ नव ऊर्जा नहि भेटल हेतय! हम त स्वयं केँ बड़भागी मानैत छी जे यथासंभव समय लेल उपस्थित हेबाक अवसर प्राप्त कयल आ ‘सम्पूर्ण मिथिला’ केर दर्शन एक्कहि ठाम कय लेल। खास कय केँ वृद्ध-वृद्धा मैथिल ब्राह्मण सभक दर्शन हमरा एतेक नीक लागल जे कि कहू…. ओ सब साक्षात् ३३ कोटि देवी-देवताक रूप मे नजरि पड़लथि। सभागाछी मे आयोजित सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग पूजन मे ओना त लाखों लोकक सहभागिता देखल, लेकिन जे स्त्री व पुरुष पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं व्रत-साधना संग पूजा करय लेल देखाइत छलाह से स्वर्गक सुन्दरता केँ पृथ्वी पर देखबयवला बुझायल। १०० सँ ऊपर पंडाल-घर (कोष्ठ) बनल छल। ४ गोट लाइन त माधवेश्वरनाथ महादेवक प्रांगण मे लगभग १५० मीटर लम्बा-लम्बा देखायल, लगभग ८६ टा पंडाल घर समाहित आ बाकी ८७ सँ आगू १२५ धरिक गिनती वला पंडाल घर प्रवेश द्वार सँ आबय वला रस्ता के पूरब मे बनल छल। सब पंडाल घर मे गाम के नाम लिखल छल। सब गाम सँ लोक सब आयल छलथि। किछु गाम के लोक नहि एबाक सूचना सेहो भेटल, लेकिन जतबे आयल छलथि से एतेक बेसी छल जे एकहु टा पंडाल खाली नहि रहल। तखन फाजिल लोक सब पोखरि महार पर, सीढ़ी घाट पर, मन्दिर प्रांगण मे, यत्र-तत्र बैसिकय बड मनोयोग सँ पार्थिव शिवलिंग निर्माण मे लागि गेल छलथि।
हम करीब ८ बजे प्रवेश कयलहुँ पूजा स्थल मे आ अपन गाम कुर्सों के पंडाल घर ८२ नम्बर पर रहबाक सूचना पाबि ओतय जाय सँ पहिनहि हमर पीसा-ससुरजी श्री राम ठाकुर (पोखरौनी) अपन पंडाल मे हमरा सब गोटे केँ बजबा लेलनि। सम्भवतः हमर गाम के लोक नहि पहुँचि सकलाह…. कारण बाद मे हम जखन कुर्सों के पंडाल देखय गेलहुँ त ओतय कियो चिन्हार लोक नहि देखेलाह… बगले मे दोसर पंडाल घर नदियामी आ जयदेवपट्टी वला देखलहुँ… लेकिन एतहु कियो चिन्हार लोक नहि अभरलथि। एक राउन्ड लगबय मे लगभग १ घन्टा लागि गेल। हजारों के संख्या मे चिन्हार लोक सब भेटैत रहलाह। भीड़ एहेन जे मानव रेलाक धारा बहि रहल छल। ताहि मे कतहु रुकियो नहि सकैत छलहुँ। चलिते रहू। माइक्रोफोन पर सँ यैह बात बेर-बेर अनुरोधो कयल जाइत छलैक जे बस पंडाल के बाहर कियो रुकियौ नहि…. चलिते रहियौ नहि त जाम लागि जायत। से सही मे लोक गज-गज भरल छलथि। सब पंडाल घर मे सैकड़ों लोकक उपस्थिति आ सब महादेव बनबय मे लीन! पूजा पर बैसल पंडितजी लोकनि अपन-अपन तैयारी मे जुटल, चारू दिश महादेव-महादेव केर गूंज आ एम्हर मुख्य मंच पर संकल्पक पूरा तैयारी, लगभग १० बजे संकल्प लय सब पंडाल मे पूजा आरम्भ करबाक निर्देशन देल गेल। तदनुसार पूजा आरम्भ भेल आ बड़ा विधिवत् एवं रमणीय वातावरण मे देवाधिदेव महादेव केर पूजा (महायज्ञ) सम्पन्न भेल।
वेद ध्वनि सँ अनुगुंजित सम्पूर्ण माहौल मे सिर्फ आ सिर्फ महादेव रहथि। सभक ईष्ट आ देवो के देव महादेव प्रति लोकआस्थाक ई अद्भुत नजारा ‘न भूतो न भविष्यति’ वला अनुभूति दय रहल छल। देह सिहरि रहल छल। बेर-बेर मुंह सँ एहि आयोजनक परिकल्पनाकार सभक प्रति अगाध श्रद्धा के भाव निकलैत रहल। जे आयोजक जतहि भेटथि बस हुनका धन्यवाद आ कृतज्ञता ज्ञापित करैत करीब २ बेर चारूकात राउन्ड मारि लघुशंका निमित्त जे बाहर निकललहुँ त फेर दुबारा अन्दर प्रवेश करबाक हिम्मत नहि भेल हमरा।
स्टोरी बहुत लम्बा छैक। एखन ई पार्ट १ पढू आ अपन-अपन अनुभव जरूर लिखय जाउ।
क्रमशः….
हरिः हरः!!