सुभाषचन्द्र झा, सहरसा। १ मई २०२२, मैथिली जिन्दाबाद!!
भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय केर मैथिली विभाग पीजी सेंटर सहरसा केर पश्चिमी परिसर मे शनि दिन मैथिली केर यशस्वी, सुमधुर गीतकार, मुर्धन्य विद्वान, कथाकार, बीएसएस कॉलेज सुपौल केर पूर्व विभागाध्यक्ष एवं पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर धीरेंद्र नारायण झा धीर केर आकस्मिक निधन पर शोक सभा केर आयोजन कयल गेल। बैठक केर अध्यक्षता प्रो डॉ संजय कुमार मिश्र कयलनि। मैथिली केर वरेण्य साहित्यकार एवं अत्यंत प्रसिद्ध कथा संग्रह लतमारा केर कथाकार प्रो धीर बाबू अप्पन बहुमुखी प्रतिभा एवं बहुआयामी लेखन स सदिखन मैथिली साहित्य केँ समृद्ध कयलनि। श्रद्धांजलि व्यक्त करैत डॉ कुलानंद झा कहलनि जे धीर बाबू हमर गुरु आर अभिभावक सेहो छलाह। आकाशवाणी मे लोक गीतक गायन कय असंख्य श्रोताक कंठहार बनल रहलाह। अप्पन गीतक माध्यम स धीर बाबू मैथिली आंदोलन केर सार्थक गति प्रदान कय गामक चौबटिया स राजधानी केर राजपथ तक पहुंचौलनि। ओतहि सशक्त पत्रकारिता मे सेहो धीर बाबू अप्पन सिद्धहस्तता देखौलनि। पूर्व प्राचार्य डॉक्टर डीएन साह कहलनि जे धीर बाबू अत्यंत सहज व्यक्ति छलाह। ओ कतेको समस्या केर अत्यंत सहजता स चुटकी बजा सुलझा देलनि। मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ संजय कुमार मिश्र अप्पन श्रद्धांजलि दैत कहलनि जे धीर बाबू मैथिली आर मिथिलाक साहित्य संस्कृति केर अनन्य उपासक छलाह ।हिनकर निधन स मिथिला मैथिली केर अपूरणीय क्षति भेल अछि। डॉक्टर रंजीत कुमार सिंह कहलनि धीर बाबू एक गंभीर चिंतक छलाह। डॉ रमण कुमार चौधरी धीर बाबू के बहु विद्यावादी रचनाकार कहि कय अप्पन श्रद्धांजलि व्यक्त कयलनि। डॉक्टर नरेंद्र नाथ झा कहलनि धीर बाबू एक सफल शिक्षक आर एक सफल साहित्यकार केर रूप मे मिथिला आर मैथिली मे अपनी ख्याति अर्जित कयलनि। डॉक्टर के एम ठाकुर कहलनि धीर बाबू सन समर्पित कथाकार कवि रचनाकार युगांतर मे ही जन्म लैत छथि। जे अप्पन रचनात्मक क्षमता स समग्र समाज केर एकटा सार्थक दिशा प्रदान करैत छथि। एहि अवसर पर उपस्थित सब अध्यापक लोकनि दू मिनट केर मौन राखि दिवंगत आत्मा धीर बाबू केँ अपन श्रद्धांजलि व्यक्त कयलनि।