चेतना समितिक नींद टूटल: मैथिली हो बिहारक दोसर राजभाषा, संघर्षक आह्वान

chetna samiti patnaविशेष संपादकीय
औझका हिन्दुस्तान मे समाचार आयल अछि जे चेतना समिति पटना द्वारा मिथिलाँचल मे मैथिली माध्यम सँ पढाई करेबाक माँग कैल गेल अछि। मैथिली केँ बिहार राज्यक दोसर राजभाषा बनेबाक माँग सेहो कैल गेल अछि। मिथिलाँचल मे उद्योग-धंधा फलित-फूलित करबाक माँगक संग सब वर्गक लोक केँ एकजुट बनि एहि सब लेल आवाज उठेबाक आह्वान सेहो कैल गेल अछि। एहि समाचार सँ ज्ञात भेल जे काल्हिक वार्षिक आमसभा मे पिछला आय व खर्चक विवरण प्रस्तुति भेल आ नव कार्यकारिणीक चुनाव कैल गेल। पुन: अध्यक्षक रूप मे विजय मिश्र केँ चुनल जेबाक समाचार सेहो भेटल अछि। डा. बासुकीनाथ झा केँ सचिव, उपाध्यक्ष विवेकानंद झा, विवेकानंद ठाकुर आ गणेश खर्गा, संयुक्त सचिव डा. रामानन्द झा ‘रमण’, उमेश मिश्रा, राम सेवक राय निर्वाचित भेलाह अछि। तहिना कोषाध्यक्ष मे योगेन्द्र नारायण मल्लिक, संगठन सचिव जगत नारायण चौधरी, प्रचार सचिव रघुवीर मोची चुनल गेलाह। अध्यक्ष विजय मिश्र मिथिलावासी सँ मिथिलाक विकास मे योगदान देबाक आह्वान सेहो केलनि। एहि अवसर पर दुइ गोट मैथिली पोथीक विमोचन सेहो कैल गेल, एकटा डा. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह द्वारा लिखित ‘मैथिली महाकाव्यक शिल्प विकास मे चाणक्यक योगदान’ आ दोसर पुस्तक युवा कवि अमित मिश्रक ‘अंशु बनि पसरि जाएब’ छल।
चेतना समिति जँ जागि जाय तऽ बड पैघ कार्य संभव हेतैक – मैथिलीक मूल लड़ाई गृह राज्य बिहार मे छैक जे बिहारी षड्यन्त्र सँ अपने राज्य मे राजभाषाक दर्जा आइ धरि नहि भेटलैक अछि। भारतीय राष्ट्रीय भाषा मैथिली आइ सँ १२ वर्ष पूर्व दशकोंक संघर्ष सँ बनि गेल, मुदा बिहार राज्य मे एकरा आइ धरि ओ स्थान नहि देल जेबाक बात हरेक मैथिलीभाषी लेल लाजक बात भेल। चेतना समिति एकटा सबल संस्था आ बहुत पैघ दूरदृष्टि रखनिहार व्यक्तित्व द्वारा स्थापित छैक। मुदा वर्तमान नेतृत्व अपन व्यक्तिगत स्वार्थ मे कतहु न कतहु सार्वजनिक हित केँ दरकिनार करैत रहलैक अछि, ई चौतरफा आरोप सुनल जाइत छैक, देखलो जाइत छैक। मुदा वर्तमान समयक आह्वान गंभीर हो ई कामना कय सकैत छी।
आइ सामाजिक संजाल पर एहि बातक चर्चा देखल जा रहल अछि जे हिन्दुस्तान मे प्रकाशित समाचार मैथिली मे पढेबाक शीर्षक संग पटना सँ प्रकाशित केने अछि। एहि विषय पर आलोचना कएनिहार कतेको रास स्रष्टा अपन तीत-मीठ अनुभव आ चेतना समितिक वर्तमान विपन्न अवस्थाक बात राखि रहला अछि। सत्यनारायण झा लिखैत छथि, “चेतना समिति अपन काज बुझि लोक कय बुझेलक अछि, एहि समिति सँ किछु होबय बाला नहि छै । ई लोकनि कतेको वरख सँ केखनो काल कोनो गप्प कहि दै छथीन, हिनका सभक बात सँ प्रसन्न हेबाक कोनो प्रयोजन नहि छैक ।”
सकारात्मक रूप सँ लेल जाय तऽ ई समाचार केँ उत्साहवर्धक मानि सकैत छी। ओना सत्य नारायण बाबुक बात सँ हमहुँ सहमत छी आ एकटा बहुत महत्त्वपूर्ण समय पर किछु तीत अनुभवो समेटने छी। यैह माँग लऽ के मिथिला राज्य निर्माण सेनाक सेनानी अनुप मैथिल ओहि समय आमरण अनशन पर बैसि गेल छल आर बी चौराहा (पटना) पर आ तहिया यैह संस्था एहि माँग केर मजाक उड़बैत स्वयं अध्यक्ष विजय मिश्रक शब्द मे ७ दिन प्यासल लोक लेल कठोरता देखायल छल। तथापि, यदि आइ ई संस्था जे सचमुच चाहय तऽ कि नहि करत… तेकर मुँह सँ पटना उच्च न्यायालय द्वारा सरकार केँ फटकार लगबैत देखलाक बाद यदि किछु जागृति आ काज करबाक ललक उत्पन्न भेलैक अछि तऽ चलू मानि लैत छी जे ईहो सब किछु करता।
 
मौसम तऽ बदैलिये गेलैक अछि, ओ जागौथ वा नहि जागौथ… मैथिली जिन्दाबाद तऽ भेनाइये छैक। मुदा नीक केला जे पटना केँ रिक्त नहि जाय देलाह आ हम सब उत्साहित भेलहुँ जे मैथिलीक एक डिग्गा संस्था फेर सँ जागल। आह! काका गजेन्द्र नारायण चौधरी सनक वीरपुरुष आइयो जिबैत रहितथि तऽ पटना मे मैथिलीक एहन बदतर हाल नहि होइत। कतेको नीक लोक आइ कटि गेलाह अछि, तहिना सबकेँ पुन: माया बाबु सारा पर सँ आबिकय नहि जगौता… केकरो माया बाबु समान भूमिका निर्वाह करय पड़त। आब मृत्युंजय नारायण मिश्र समान कुबेर मैथिली लेल नहि छथि, सब सियार सब अछि, अपन पेटक चिन्ता मे बेहाल अछि… मुदा स्वयं जानकी आ गौरी जखन बागडोर सम्हारिकय सपुत सब युवाकेँ जगा रहली अछि तऽ चिन्ते कि!!