23 जनवरी 2022 । मैथिली जिन्दाबाद!!
मधुबनी जिला के धकजरी नवटोल गांव सँ माघी कामर यात्रा आरम्भ हेबाक सूचना मैथिली कवि प्रभाकर झा फेसबुक अपडेट मार्फ़त देलनि अछि।
ओ लिखलन्हि अछि,
आइ हम्मर गाम नवटोली, धकजरी राज पंचायतक ४१ गो बम बाबाधाम लेल गाम सँ पैदल चललाह । बाबा बैद्यनाथ बमसबकें रक्षा करथि आ सकुशल बाबा बैद्यनाथकें धाम पहूंचथि । ई सब ३१ जनवरी क’ सुल्तानगंज पहुंचता आ १ फरवरी क’ जल बोझता । बमसब ५ फरवरी क’ बाबा बैद्यनाथकें जलाभिषेक करता ।
यौ बाबा पार लगेबै -२
बमसब चलल दरबार यौ ।
सबटा अहींकें भार यौ ना -२
यौ बाबा——————–
बुझल होयत जे बाबा बैद्यनाथ केर नियमित पूजा अर्चना लेल मैथिल ब्राह्मण अदौकाल सँ अधिकृत छथि, ताहि में जेना मैथिल पंडा लोकनि देवघर में बाबाक ब्रह्म मुहूर्त काल सँ सन्ध्या आरती व शयन आरती धरिक सम्पूर्ण नित्य सेवा करबाक भार वहन करैत छथि, तहिना सावन विशेष के अतिरिक्त अन्य विशेष मास यथा भादव, आश्विन, कार्तिक, माघ आ वैसाख में सेहो विशेष संकल्प सहित मिथिला सँ कमरथुआ लोकनि सुल्तानगंज सँ जल भरि कामर सहित बैद्यनाथधाम तक पैदल यात्रा कयल करैत छथि। बाबा बैद्यनाथ केँ गंगाजल अर्पित करब कामर यात्रा के मुख्य अभीष्ट होइछ। ई परम्परा अदौकाल सँ चलैत आबि रहल अछि। कहल जाइछ जे स्वयं भैरवनाथ बाबा बैद्यनाथ के दूत बनिकय मिथिला आबि अपनहि हाथ सँ बाँस काटि डोम समुदाय सँ कामर के डाली बनबोलनि, कामर बनाय कामरथी ब्राह्मण सँ कामर यात्रा, गंगाजल भरल खजाना लय दुरूह मार्ग नांघि देवघर में बैद्यनाथ केर कामोद लिंग केर पूजा करबाक प्रेरणा देलन्हि। सर्वप्रथम मिथिला के लोक द्वारा ई यात्रा के मार्ग स्वयं कालभैरव केर तीनू रूप काल, बटुक आ आनन्द भैरव संग निर्धारित कयलथि, एहि सन्दर्भ के अनेकों कथा-गाथा आ महात्म्य संग लोकभजन सेहो प्रचलित अछि।
समस्त कामर यात्रा में माघ मास के यात्रा अत्यन्त कठिन होइछ। एहि मास के यात्रा में विधान अनुसार कमरथुआ लोकनि केँ खेत-खरिहान में खुल्ला आकाश में सुतबाक आ गामहि सँ गंगाकात धरि पैदल जाय पुनः जल भरिकय बाबाधाम धरि पैदल यात्रा करय पड़ैछ। एहि यात्रा में कुल 15 सँ 20 दिन केर समय लागि जाइछ। आब बहुत रास धर्मशाला सभक स्थापना भेल अछि, रास्ता ओतेक दुरूह नहि अछि, विधान में सेहो कतिपय संशोधन कय कठिन यात्रा केँ सहज बनायल गेल अछि।
उपरोक्त गाम सँ कमरथुआ सभक प्रस्थानकाल के विहंगावलोकन किछु फोटो सँ करू: