जागि चुकल अछि जानकीभाव – मैथिल महिला आ मिथिलावाद

मिथिलावाद लेल मैथिल महिलाः ५०% सीट आरक्षित करय पड़त
 
मात्र ५ वर्ष पहिने के बात थिकैक। मैथिलीक मंच त छोड़ू, दर्शक दीर्घा पर्यन्त मे महिलाक उपस्थिति नगण्य रहैत छल। मोन पाड़ि रहल छी ‘अन्तर्राष्ट्रीय मैथिल सामाजिक अभियन्ता सम्मेलन २०१६’। जानकीशक्ति केर आह्वान एहि कार्यक्रमक एक अभिन्न हिस्सा छल। डा. चन्द्रमणि द्वारा जानकीभाव आ आजुक महिलाशक्तिक अवस्था पर एकटा बेहतरीन व्याख्यान प्रस्तुत भेल छल। कल्पना कयल गेल छल जे मिथिलाक महिला समाज मे जखन जानकीभाव जाग्रत होयत त ओ लोकनि पुरुष समाज संग अपन सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करती। से ताहि दिनक ओ कल्पना आइ यथार्थता मे परिणति पाबि चुकल अछि।
 
आब स्थिति बदलि गेल अछि। महिला अपन अग्राधिकार केँ नीक सँ मनन करय लागल छथि। हालांकि रूढिवादी परिवारक महिला लेल एखनहुँ पब्लिक प्रोग्राम मे पार्टिशिपेशन दूरूहे छन्हि, लेकिन ओहो सब २०२५ धरि अपन अधिकार हासिल कय केँ रहती, भले एहि लेल पारिवारिक विद्रोह कियैक नहि करय पड़य। तथाकथित सम्भ्रान्त परिवारक महिला लेल घरक चहारदिवारी सँ बाहर निकलब कठिन अछि, लेकिन आभासी पटल (सामाजिक संजाल) पर ई लोकनि निर्धक्क भ’ अपन भावना प्रकट करैत देखाइत छथि। अवसर परिवारक दिश सँ नहियो भेटय त ओ सब कोनो न कोनो बहन्ने मिलन समारोह धरि पहुँचि गेल करैत छथि। हालांकि पुरुष वर्ग मे सेहो रूढिवादिता कम भेल अछि आ दुनियाक गति संग अपन गति केँ ऐक्यबद्ध करैत बढ़बाक प्रेरणा हुनको सब केँ अपन व्यवहार मे बदलाव आनि महिला सब केँ छूट देबाक मानसिकता बनैत देखल जा रहल अछि।
 
महिला समाजक ई सबलताक लाभ मिथिला केँ सेहो भेटय जा रहल अछि। बहुत जल्द मिथिलाक पहिचान संविधान मे सजय जा रहल अछि। मिथिलाक पहिचानविहीनताक अवस्था केँ समाप्त करय मे अन्ततोगत्वा महिलाक नेतृत्व कारगर सिद्ध होयत से नोट कय के राखि लियऽ। जेना सदन मे महिला सदस्यक उपस्थिति लेल आरक्षण के नीति सेहो चर्चा मे अछि, ठीक तहिना मिथिलाक हरेक क्षेत्र मे मैथिल महिलाक अग्रता आ सक्रियता देखल जाय लागल अछि। राष्ट्रीय स्तरपर पुरुषक वर्चस्ववादिता भले खतराक भान करय मुदा महिला साक्षरता, सबलता आ सहभागिताक विद्यमान अवस्था सँ ई स्पष्ट अछि जे ३३% नहि ५०% महिला सहभागिता सुनिश्चित कयलाक बादे आगू कोनो काज होयत। अपन एक परिकल्पना मुताबिक २०२४ आ २०२५ केर भारतीय आम निर्वाचन मे मिथिलावाद लेल कार्यरत हरेक दल केँ आगाह कय रहल छी जे मिथिला लेल राजनीतिक लड़ाई मे ५०% स्थान महिला लेल आरक्षित करू, सफलता अहाँक दुआरि पर स्वतः आबि जायत।
 
हरिः हरः!!