दरभंगा सँ हवाई सेवाक पहिल वर्षगाँठः “आँखिक पाँखि – मिथिलाक उड़ान” पोथी लोकार्पण

फोटोः डा. महेन्द्र नारायण राम

९ दिसम्बर २०२१ । मैथिली जिन्दाबाद!!

फोटोः डा. महेन्द्र नारायण राम

दरभंगा सँ हवाई सेवा आरम्भ होयबाक पहिल वर्षगाँठ पर उद्घाटन हवाई यात्रा पर्यन्त मे सहभागी भेला मैथिली साहित्यकार एवं मणि-श्रृंखलाक दर्जनों पुस्तकक लेखक मणिकान्त झा केर लिखल पोथी “आँखिक पाँखि – मिथिलाक उड़ान” पोथीक समारोहपूर्वक लोकार्पण काल्हि ८ दिसम्बर २०२१ केँ दरभंगा मे कयल गेल अछि।

“एयरपोर्ट निर्माणक बाद के मिथिला” बिषयक संगोष्ठी सह “आँखिक पाँखि:मिथिलाक उड़ान” पुस्तक लोकार्पण समारोह केर आयोजन महात्मा गाँधी शिक्षण संस्थान, वाजितपुर, दरभंगा द्वारा भेल। एकर अध्यक्षता विवेकानंद झा, भा.प्र.से. (से.नि.) तथा उद्घाटन-सह-लोकार्पण कर्ता संजय कुमार झा, मंत्री, जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, बिहार सरकार द्वारा कयल गेल। एहि अवसर पर बीज भाषण विष्णु कुमार झा, वरीय पत्रकार, हिन्दुस्तान टाइम्स कयलनि। तहिना मुख्य वक्ता प्रो. (डा.) विद्यानाथ झा पूर्व प्राचार्य, एमएलएसएम काॅलेज, दरभंगा तथा विशिष्ट अतिथि प्रो. (डा.) अशोक कुमार मेहता, निदेशक, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, लनामियू, दरभंगा, प्रो.(डा.) अशोक कुमार झा, सीएम साइंस काॅलेज, दरभंगा, मणिकांत झा, लेखक एवं चुनाव आयोग आइकाॅन, दरभंगा, श्री सुरेन्द्र कुमार चौधरी, वरीय अधिवक्ता, श्री देव कुमार झा व डा. कन्हैया प्रसाद साह सहित
जदयू प्रकोष्ठ केर पदाधिकारी लोकनिक उपस्थिति छल। मंच संचालन प्रो. (डा.) इन्दिरा झा, अंग्रेजी विभाग, सीएम काॅलेज द्वारा भेल। स्वागत गान डा. सुषमा झा, स्वागत सम्बोधन हीरा कुमार झा, चेयरमैन, महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान तथा धन्यवाद ज्ञापन मैथिलीक वरिष्ठ साहित्यकार डा. महेन्द्र नारायण राम कयलनि। समारोह मे उपस्थित समस्त अतिथि लोकनि केँ मिथिलाक पारम्परिक सम्मान शैली मे सम्मानित सेहो कयल गेलनि।
विदित हो जे केन्द्र सरकारक उड़ान परियोजना आ देश केर अनेकों नव हवाईअड्डा चालू करबाक योजना अन्तर्गत दरभंगा सँ हवाई सेवा आरम्भ भेल। एहि लेल क्षेत्रीय राजनेता संजय झा केर योगदान शुरुए सँ बहुत रहलनि। एहि क्षेत्रक विकास मे दरभंगा एयरपोर्ट आ हवाई सेवाक बहुत पैघ योगदान होयबाक दृष्टि आ ताहि पर एक वर्ष मे प्राप्त सफलता दिश इशारा करैत आगामी समय मे एकर सकारात्मक उपलब्धि एहि क्षेत्र केँ आर बेसी भेटत ताहि मे कोनो दु मत नहि, ओ अपन सम्बोधन मे ई भाव रखलनि।