मैथिल ब्राह्मण महासभाक अध्यक्ष संग साक्षात्कारः सन्दर्भ मिथिला अध्ययन केन्द्र

४ दिसम्बर २०२१ । मैथिली जिन्दाबाद!!

मैथिल ब्राह्मण महासभा नेपाल द्वारा प्रस्तावित ‘मिथिला संस्कृति अध्ययन केन्द्र’ केर स्थापनाक पुनीत उद्देश्य प्रति किछु लोक मे भ्रम केर स्थिति आ सोशल मीडिया मे एहि सम्बन्ध मे अन्हेरक आलोचना व विरोध आदिक स्वर गोटेक भाषा-संस्कृति अभियानी द्वारा सेहो होइत देखि ‘मैथिली जिन्दाबाद’ द्वारा महासभाक अध्यक्ष श्री भगवान् झा संग एक लाइव अन्तर्वार्ता काल्हि ३ दिसम्बर २०२१ केँ सम्पन्न भेल। महासभा अध्यक्ष श्री झा द्वारा स्पष्ट कयल गेल जे जनकपुर मे पर्यटक संग अध्येता सभक वास्ते एकटा महात्वाकांक्षी परियोजनाक रूप मे ई अध्ययन केन्द्र केर स्थापना कयल जा रहल अछि जाहि मे मिथिलाक सब जाति-समुदायक विशेषता आ मिथिला मे विद्यमान् संस्कृति पर आधारित कथा-वस्तुक प्रदर्शन कयल जायत। हुनका संग भेल बातचीत के सारांश निम्न अछिः

भगवान् बाबू संग भेल साक्षात्कार – भाग १

हमः सोशल मीडिया पर अपनेक द्वारा प्रस्तावित कार्यक विरोध आ आलोचना कियैक भ’ रहल अछि?

भगवान् झाः किछु आदमी जे ई बात उठेला जे मिथिला संस्कृति अध्ययन केन्द्रक स्थापना ब्राह्मणक संस्था द्वारा कियैक कयल जा रहल छैक से सवाल नहि उठेबाक छलन्हि, एहि सँ हम सब काफी दुःखी छी। हम सब त सभक सहभागिता आ प्रोत्साहन सँ ई पुनीत काज समस्त मिथिलावासी लोक, प्रदेश आ देशक हित लेल करबाक वास्ते आगू आयल छी। आन कियो संस्था, समूह अथवा व्यक्ति या फेर राज्य केर कोनो निकाय द्वारा एहि तरहक आवश्यक कीर्ति करैत नहि देखि हम सब आगू एलहुँ एकटा वृहत् योजनाक संग आर एहि लेल सभक समर्थन व सहयोग सेहो भेटि रहल अछि। एहि अध्ययन केन्द्र मे मिथिलाक हरेक जाति केर विशिष्टता झलकाबय वला मिनिएचर (लघु चित्र) केर प्रदर्शन कयल जायत। एतय मिथिला मे भेल अनेकों बौद्धिक कार्य, साहित्य लेखनादिक व्योरेवार जानकारी सेहो उपलब्ध करायल जायत। मिथिला सँ लोप भ’ रहल विभिन्न चीज-वस्तु आ जीवनशैली देखाबयवला लघु चित्र सब सेहो राखल जायत जाहि सँ एहिठामक नव पीढ़ी संग बाहर सँ एनिहार पर्यटक केँ सेहो जानकारी उपलब्ध होयत। 

हमः बहुत सुन्दर लागल अपनेक प्रस्ताव। सोशल मीडिया पर जे सब सवाल उठेला से सब कहियो अपने सँ एहि सब सम्बन्ध मे कोनो तरहक जिज्ञासा कयलाह?

भगवान् झाः मिथिला संस्कृति अध्ययन केन्द्र बनेबाक निर्णय आइ सँ २ वर्ष पूर्वहि कयल गेल छलैक। एहि लेल वृहत् बैसार आ विमर्श कयल गेलैक। एहि मे राष्ट्रीय नेतृत्व सँ स्थानीय नेतृत्व धरिक व्यक्तित्व लोकनि भाग लेलथि। महन्थ ठाकुर, राजेन्द्र महतो, प्रदेश सरकारक प्रतिनिधि, स्थानीय तह केर प्रमुख (मेयर) लोकनि आ बुद्धिजीवी समाजक लोक सब सहभागी भेल छलाह। ई कीर्ति निर्माण लेल सभक सहमति, समर्थन आ सहयोगक प्रतिबद्धता हमरा सब केँ जनादेश रूप मे प्राप्त भेल। एहि भवन मे मिथिलाक संस्कृति अध्ययनक अलावे सब देवी-देवताक स्थापना आ विवाह, मुड़न, उपनयन लेल सब सामग्रीक उपलब्धता सहित आमजन लेल सुविधा उपलब्ध करायल जायत। एकर एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य ईहो छैक जे भारत, अमेरिका आ युरोप आदि सँ एनिहार पर्यटक सब केँ जनकपुर मे जानकी जीक दर्शन के अलावे आरो किछु दर्शनीय-रमणीय स्थल उपलब्ध करायल जाय। एखन लोक भारतहि सँ एतेक पैघ संख्या मे अबैत अछि आ दर्शन कय केँ पुनः वापस चलि गेल करैत अछि। जनकपुर मे एहेन चीज के अभाव छैक जे लोक केँ दुओ दिन रुकय लेल आकर्षित करय। एहि मिथिला संस्कृति अध्ययन केन्द्र पर्यटक लेल आकर्षणक केन्द्र बनय से योजना अछि।

हमः एतेक नीक प्रस्ताव आ योजना रहितो ई विवादक विषय कहिया आ के बनेलकैक?

भगवान् झाः कोनो विवादक विषय नहि थिकैक ई। दुइ-चारि गोटे केँ एहि सँ विमति भ’ सकैत छन्हि, लेकिन एहि लेल हमरा सब केँ प्रदेश सरकार आ स्थानीय तहक सरकार सब सँ जनादेश भेटल अछि। एहि लेल प्रदेश सरकार, स्थानीय सरकार आ देशक पैघ-पैघ हस्ती सभक सहमति सँ हमरा सब केँ अगुवाई करबाक लेल कहल गेल अछि। एहि वास्ते हम सब २६ जिला मे अपन संगठन-शाखाक माध्यम सँ घर-घर सँ ईंटा संग्रह करबाक अभियान चलेलहुँ अछि। पहिने हम ब्राह्मण समुदाय आपस मे कोष संग्रह करब, पुनः जरूरी पड़ला पर आरो समुदाय सभ सँ सहयोग संकलन करब।

क्रमशः – साक्षात्कार भाग-२ दोसर लेख मे!!