मैथिली मिथिला के हित पर सार्वजनिक विमर्श
फेसबुक मैथिली-मिथिला लेल नव प्राणाधार सिद्ध भेल अछि। विगत १० वर्ष मे एकर लाभ भाषा संग संस्कृति आ समग्र पहिचान केँ भेटलैक अछि एहि मे कोनो दुइ मत नहि अछि।
‘हम सब मैथिल छी’ समूह सेहो काफी लोकप्रियता हासिल कयलक, स्वयं ग्रुप केर ई दाबी रहल अछि जे ‘मिथिला-मैथिलीक समर्पित सभ सँ पैघ ग्रुप’। लगभग ४ लाख सदस्यक समूह संख्या हिसाबे त निश्चिते अपन सही दावी कएने अछि।
ग्रुप संचालक श्री सुनीत ठाकुर जी दिल्लीक मैथिली-मिथिला प्रगति मे सेहो बढि-चढिकय सहभागिता दैत आयल छथि आर अपन मातृभाषा लेल हिनकर समर्पण केँ हम सब बहुत आदर करैत छी। जानकी जी केर कृपा हिनका पर बनल रहय, एहिना दिन-दोब्बर-राति-चौब्बर प्रगति करैत रहथि।
विगत किछु समय सँ हमर सहभागिता एहि समूह पर सिर्फ संख्यात्मक उपस्थिति अनुसारे पैघ संख्याक दर्शक बीच सूचना प्रवाह करबाक संग कोनो प्रेरणास्पद नैतिक कथा आदिक सन्दर्भ मे उपयोग करबाक नीति पर चलैत आबि रहल छी। लेकिन कय बेर एना लागल जे एहि ठाम हमर सब पोस्ट एप्रूव नहि कयल जाइत अछि। लेकिन पैघ भाइ समान एडमिन ‘सुनीत ठाकुर’ प्रति मोन मे सन्देह आनब से उचित नहि लागय, चुप रहि जाइत छलहुँ।
काल्हि २ गोट अति महत्वपूर्ण सूचना सहितक पोस्ट हम व्हाट्सअप आ फेसबुक सब तैर पोस्ट कयल। स्वाभाविके तौर पर ‘हम सब मैथिल छी’ समूह पर सेहो कयल। लेकिन आइ टटका-टटकी चेक कयलहुँ जे सूचना प्रवाहक लाभ कतेक लोक उठौलनि, नहि उठौलनि… त देखिकय घोर विस्मय भेल कि हमर ओ पोस्ट्स केँ एप्रूवल नहि देल गेल।
बड़ा शालीनतापूर्वक ‘प्रिय सुनीत भाइ…’ चिट्ठी लिखि पूछला पर कहला जे ‘दोसर समूहक लाइव’ केँ एप्रूव नहि करैत छी, बाकी सब करैत छी। हम कनेक जिरह कयल जे लाइव नहि करू लेकिन महत्वपूर्ण सूचना केँ त एप्रूव कय सकैत छी जाहि सँ बेसी लोक ओहि सूचना सँ लाभ उठा सकथि।
लगे हाथ ईहो कहि दी जे हमर वा हमरा सँ जुड़ल कोनो अभियान केर अन्तिम सत्य सिर्फ आ सिर्फ मैथिली-मिथिलाक हित होइछ, लोककल्याण होइछ आर उपरोक्त दुइ सूचना क्रमशः ‘ग्लोबल मैथिल’ केर वेबिनार जे ‘कोरोना आ जनजीवन’ सँ जुड़ल अछि जे रवि दिन ‘मैथिली जिन्दाबाद’ पेज सँ लाइव कयल जायत से छल आ दोसर ‘गीता सन्देश’ जे ‘मैथिली एसोसिएशन नेपाल’ द्वारा आयोजित अछि जे विभिन्न मीडिया व पेज पर प्रकाशित कयल जायत से छल। ई दुनू पोस्ट केँ एप्रूव नहि कय हमरा बुझने सूचना सँ वंचित रखबाक आ एकटा पैघ संख्या केँ उपरोक्त दुइ महत्वपूर्ण कार्यक्रम मे जुड़य सँ सेहो वंचित राखल जेबाक काज भेल जेकरा ‘मैथिली-मिथिलाक हित या पक्ष’ मे नहि मानल जा सकैछ।
लेकिन सुनीत भाइ केर जवाब जे आयल ताहि पर सार्वजनिक चर्चा आवश्यक बुझि रहल छी। कम सँ कम एहि माध्यम सँ सुनीत भाइ सहित ओहि समस्त सज्जन केँ उचित मार्गदर्शन हेतनि कि ‘मैथिली-मिथिलाक हित’ केवल अपनहि बौद्धिक परिवेष्ठन सँ नहि अपितु आजुक खुल्ला मीडिया आ सोशल मीडिया युग मे कम सँ कम लोकोपकारी सूचना केर प्रवाह बेसी सँ बेसी कयल जेबाक चाही। हमरा नहि लगैत अछि जे सुनीत भाइ केर तर्क जे आन ग्रुप के लाइव ५०० गोट समूह पर अबैत अछि तेँ एक दिश सँ सब केँ डिलीट कय दैत छी….! ई असान्दर्भिक लागल। सूचना प्रवाह केर प्राकृतिक न्याय व नियम के विरूद्ध लागल।
संगहि जिरह मे सुनीत भाइ केर अहंकार केर दर्शन सेहो भेल। क्षमा करथि जँ हम हुनकर भाव केँ बुझय मे चूक करैत हुनक अहंकार देख लेने होइ… लेकिन हमरा जे लागल से सार्वजनिक बहस लेल सार्वजनिक मंच मे खुलेआम राखि रहल छी। पाठक लोकनि अपन विचार आ निर्णय दय सकैत छथि। जनता जनार्दन होइछ, हमरो मार्गदर्शन होयत जँ हमहीं गलत होयब। ॐ तत्सत्!!
अपने लोकनि पूर्ण निरपेक्ष भाव सँ मैथिली-मिथिलाक हित मे अपन विचार राखी से निवेदन करैत छी। सभक उचित मार्गदर्शन हो।
हरिः हरः!!