कोविड १९ के नया स्वरूप – सभक प्राणक रक्षा हो

एखन जे नवका स्ट्रेन आयल अछि से काफी खतरनाक अछि, जेना कि टेलिविजन पर चलि रहल विशेषज्ञ सभक विमर्श आ बहस सँ ज्ञात होइत अछि। मीडिया हाइप सेहो छैक, ई हमरा अपना बुझाइत अछि… ततेक बेसी हवा बहा देलकैक अछि जे संक्रमणक कनिकबो सन्देह होइत देरी डर सँ बेहाल भऽ जाइत अछि। मनोवैज्ञानिक रूप सँ सेहो साँस लेबय मे दिक्कत होइत छैक, ई बात हम सब अपन अपन अनुभव सँ बुझि सकैत छी। दम घुटनाय – मनुष्य जीवन मे कतेको क्षण मे सामान्य व्यक्ति केँ सेहो भऽ जाइत छैक। जेना खायकाल मे सरकनाय, सुतल मे अफरात भोजनक ढकार सँ सरकनाय, भीड़भाड़ मे साँस लय मे कतेको लोक केँ तकलीफ, बदलल मौसम मे साँस लय मे समस्या, वातावरण मे औक्सीजनक कमी या प्रदूषित हवाक कारण साँस मे समस्या… कतेको स्थिति मे लोक केँ साँस लय मे समस्या होयबाक अवस्था देखल जाइत छैक। हम सब धियापुता रही आ पानिक खेल मे सेहो कनिकबो मुरी कियो गोंति दियए त साँस टूटय जेकाँ आ छटपटाहट ओहिना मोन अछि। कोरोना वायरस केर असर सेहो एहि साँस केँ अवरूद्ध करैत अछि, यानी नरेटी दबेबाक काज करैत अछि… आर एहि लेल हमरा लोकनि दम सधबाक आ प्राणायाम करबाक अभ्यास सँ साँस प्रक्रिया पर नियंत्रण कय सकैत छी त जरूर वायरस केर प्रभाव सँ लड़बाक सामर्थ्य भेटत।
एखन धरिक अध्ययन सँ हमरा यैह बुझायल अछि जे यदि शरीर केँ निरोग रखने छी, ब्लड प्रेशर, सुगर, आस्थमा (दम्मा), आदि केँ कंट्रोल कएने छी त एहि वायरस सँ लड़य मे सक्षम होयब। यदि पहिने सँ कोनो बात लेल शरीर अवाह या घवाह बनेने छी, संगहि मनोवैज्ञानिक तौर पर सेहो एकरा सँ संघर्ष करबाक मानसिकता नहि बनेने छी, तखन अहाँ एहि महामारी सँ पार नहि उतैर सकब। ई जानलेवा सिद्ध होयत। भगवान नहि करथि जे केकरो लेल ई जानलेवा हो! हम प्रार्थना करैत छी आ आग्रह जे शरीर केँ निरोग रखबाक लेल सब कियो अपन खान-पान आ शारीरिक व्यायाम, योग, प्राणायाम आदि पर सजगता सँ समय खर्च करू। एखन तरुआ-बघरुआ, मुर्ग-मसल्ला पर कम आ ताजा फल, साग-सब्जी, शाकाहारी भोजन पर जरूर ध्यान दियौक। गर्म पानि सेवन करू। काढा पीबू। सूप पीबू। गला साफ राखू। फेफड़ा साफ राखू। पूर्ण तैयार अवस्था मे रहू। सभक लेल शुभकामना। ई कोरोना सँ सभ कियो अपन प्राण के रक्षा कय सकी – हमहुँ संघर्ष कय सकी – सभक लेल बेर-बेर शुभकामना!!
हरिः हरः!!