सुभाषचन्द्र झा, सहरसा। २० दिसम्बर २०२०। मैथिली जिन्दाबाद!!
15 जनवरी स 27 फ़रवरी तक चलत श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान

ओ ईहो कहलन्हि जे एकरा लेल हमरा केवल पाइ आ निधि-दानी नहि अपितु समय-दानी बनबाक चाही। भगवान् श्रीरामक जन्मभूमि एक बेर पुन: प्राप्त कय देशक सम्मान केर रक्षाक लेल हिन्दू समाज पाँच सदी तक संघर्ष कयलनि। मुंबई, दिल्ली, चेन्नई आ गुवाहाटी केर आईआईटी, सीबीआरआई रुड़की, लार्सन एंड टूब्रो एवं टाटा केर विशेषज्ञ इंजीनियर मंदिरक मजबूत नींवक ड्राइंग पर परामर्श कयल जा रहल अछि । बहुत जल्द नींवक प्रारूप सामने आबि जायत। संपूर्ण मंदिर पत्थरक बनत। प्रत्येक मंज़िलक ऊँचाई 20 फ़ीट, लंबाई 360 फ़ीट आ चौड़ाई 235 फ़ीट होयत। देशक वर्तमान पीढ़ी एहि मंदिरक इतिहासक सच्चाइ स अवगत करयबाक योजना बनल अछि । कश्मीर स कन्याकुमारी एवं अटक स कटक तक देशक कोनो कोण नहीं छोड़ल जायत । अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, अंडमान, निकोबार आ कच्छ केर रण स पर्वतीय क्षेत्र तक सम्पूर्ण भारत में विहिप कार्यकर्ता पहुँचि कय राम मंदिरक साहित्य दय हुनकर सहयोग लेल जायत । लोकक प्रबल इच्छा अछि जे भगवानक जन्मभूमि पर मंदिर शीघ्र बनय। एहि लेल जन-संपर्क अभियान में लाखों कार्यकर्ता जुटताह आ समाजक स्वेच्छा स सहयोग करताह कियैक त काज भगवान केर छन्हि आ भगवानक काज में धनक कमी नहि रहत। आर्थिक विषय में पारदर्शिताक लेल न्यास 10, 100 आ 1000 रुपैयाक कूपन व रसीद छप्पल अछि ।