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नक्शा संशोधन बाद नागरिकता विधेयक नेपाल में

नक्शा संशोधन उपरान्त नागरिकता संशोधन

आइ नेपाल मे ट्रेन्ड कय रहल अछि ‘वैवाहिक अंगीकृत नागरिकता’ लेल ७ वर्षक निवास प्रमाणपत्र। सत्ताधारी नेकपाक सचिवालय द्वारा सम्बन्धित संसदीय समिति केँ अंगीकृत नागरिकता प्रदान करबाक लेल कम सँ कम ७ वर्षक बसोवास प्रमाण होयब आवश्यक अछि। यानि विदेशी नागरिक संग विवाहक बाद जखन ७ वर्ष तक नेपाल मे रहती तखन मात्र नेपालक नागरिकता लेल आवेदन स्वीकार कयल जायत।

भारत मे सेहो नागरिकता अधिनियम, १९५५ अन्तर्गत जन्मक आधार वा वंशज आधारक संग पंजीयन द्वारा सेहो नागरिकता प्राप्तिक तरीका उपलब्ध अछि, जाहि मे विदेशक नागरिक जँ कोनो भारतक नागरिक सँ विवाह कय केँ ७ वर्ष धरि भारत मे रहबाक प्रमाणपत्र सहित आवेदन करत तखनहि ओकरा नागरिकता प्रदान कयल जा सकैत छैक।

नेपालक प्रबुद्ध लोक भारतक उदाहरण दैत नेपाल केर अंगीकृत नागरिकता केँ ७ वर्ष पछाति देबाक बात करैत छथि। लेकिन नेपाल मे जाहि तरहें नागरिकता बिना कोनो काज नहि कयल जा सकैत छैक, उच्च शिक्षा तक प्राप्ति लेल कियो बिना नागरिकता कतहु आवेदन नहि कय सकैत अछि, तेना भारत मे अनेकों तरहक पहिचान पत्र केँ मान्यता भेटल छैक जेकर आधार पर अहाँ नागरिक लेल उपलब्ध सामान्य सारा सुविधा प्राप्त कय सकैत छी।

नेपालक नागरिक लेल भारत द्वारा ओ समस्त अधिकार देल गेल छैक जे एक भारतीय नागरिक लेल उपलब्ध अछि। किछेक विशेष क्षेत्र छोड़ि नेपालक नागरिक भारत मे सरकारी नौकरी सेहो प्राप्त कय सकैत अछि। नेपालक समस्त औद्योगिक उत्पादन भारतीय उत्पादन आ उत्पादक समान कर भुगतान कय विशाल भारतीय बाजार केर लाभ सेहो उठबैत अछि। सब सँ पैघ बात जे नेपालक वीर जवान केँ भारत अपन देशक सैन्य सुरक्षा तक लेल नियुक्ति दैत छैक। भारतक कोनो नगर या महानगर में नेपाली नागरिक केँ ओकर ईमानदारी आ बहादुरी संग परिश्रमी होयबाक कारण तुरन्त नौकरी भेटि जाइत छैक। आइ करीब 40 सँ 50 लाख नेपाली भारत मे रोजगार करैत नहि केवल अपन बल्कि अपन देशहु लेल वैदेशिक मुद्रा अर्जन करैत अछि।

नेपाल आ भारत बीच भेल 1950 केर शान्ति आ मैत्री समझौता में उपरोक्त सारा अधिकार नेपाली लेल भारत मे आ भारतीय लेल नेपाल में देल गेलैक अछि। भारतीय नागरिक खास कय सीमावर्ती क्षेत्र सँ नेपाल में रोजी रोटी लेल अबैत रहल अछि। 1950 केर आसपास त नेपाल में विभिन्न विभाग सभ में विशेष योगदान देबाक लेल विशेष तौर पर आमंत्रित आ आकर्षित करैत भारत सँ बजाकय नेपाल में बसायल सेहो गेल। कय टा खिस्सा प्रचलित अछि। आजुक अरबपति उद्योग परिवार कहियो लोटा लय केँ नेपाल एलाह। जुट आ सोना समान हैसियत सँ व्यापार करय। हाल साल धरि व्यापारिक सम्बन्ध सँ मित्रता परवान चढ़ैत देखि रहल छी। लेकिन कालान्तर में भारतीय ऊपर शंका आ अविश्वास करबाक राजनैतिक हल्ला मचैत रहल, वर्क परमिट जारी करबाक, पहाड़ सँ बैलेबाक, बिन बातक बात पर जिल्लत आदिक घटना सेहो भेल।

रोटी संग बेटी केर विवाह एक-दोसरक देश मे होइत रहल। खासकय सीमाक्षेत्र केर लोक दुनू पार एक्के भाषा, भेष आ भूषण केर होयबाक कारण खुजल सीमा में ऐतिहासिक समझौता आ विश्वास संग नेपाल आ भारतक सम्प्रभुता केर रक्षक बनिकय विलक्षण मैत्री बनेलक। मुदा किछु समय सँ एहि विलक्षणता पर किछु राजनीतिकर्मी केर नजरि लागि गेलैक अछि। आब त सीमाक्षेत्र केर लोक सेहो बेटी-बेटा के सम्बन्ध भारत-भारत आ नेपाल-नेपाल में अपने-अपने जोतय करय लागल अछि। तथ्यांक निरीक्षण करब, सर्वेक्षण करब त निश्चित ई घटोत्तरी विगत केर 3 दशक व ताहू में पिछला 1 दशक में सर्वाधिक प्रभावित भेल अभरत।

एकर कारण की? एकर कारक के? शासक वर्गक आशंका, काठमांडू केर दुविधा। नीतिकार में सीमाक्षेत्र केर लोक पर अराजक आ विखंडनकारी राजनीति केर शोर सँ सेहो ई सम्बन्ध कमजोर भेल अछि। मधेश आन्दोलन केर अपव्याख्या आ गोटेक राइट टू सेसेसन (पृथकतावादी) मांग रखनिहार सेहो उत्प्रेरक केर कार्य कयलक। दिल्ली आ काठमांडू केर हवाहवाई राजनयिक व कूटनीतिक बात विचार आ व्यवहार एहि जड़ि केँ विगत में अवहेलना कयलक। ख्याली पुकाव खूब पकायल गेल।

लेकिन ई नव वातावरण केकरा लेल कतेक हितकर अछि एहि पर दूरदर्शी विचारक मौन अछि। भारतीय कूटनीतिक वर्ग में एहि दिशा में देरी सँ मुदा सोचनाय शुरू भ चुकल अछि। विगत तनावपूर्ण सम्बन्ध में भारत द्वारा जनस्तरिय सम्बन्ध केँ सर्वाधिक महत्वपूर्ण कहैत नेपालक उकसाहट के बादो शालीन आ गम्भीर बयान व व्यवहार देखल जा रहल अछि। पैघता सँ पैघ कहाइत अछि भारत। नेपालक दावी पैघ मुदा व्यवहार में ओछ्ता सँ आन्तरिक प्रतिरोध व आलोचना खेपि रहल अछि।

मीडिया सँ लैत नीति निर्माता लोकनि कतबो वोकल होइत रहथि, आइ 70-80 वर्षक इतिहास में परिवर्तनशील राजनीतिक अवस्था स्वयं गवाही दैत अछि जे नेपाल व नेपाली लेल ई लोकनि कतेक सार्थक सिद्ध भ सकलाह। खलिया वर्तन ढंढन बाजय, किछु तहिना खोखला चिन्ता आ बेसुमार राजनीति देखैत छी एतय। कहू, एतेक संघर्षक बल पर बहाल नव संघीयता आ संविधान, दुइ तिहाई बहुमत केर सरकार, सुखी नेपाली समृद्ध नेपालक सपना मात्र हवाहवाई सिद्ध भ रहल अछि। चीन, अमेरिका, यूरोप, जापान, भारत, कोन राष्ट्र नहि अछि सहयोगी, मुदा विगत समय केर पूर्ण बहुमत के सरकार कोनो चमत्कार नहि कय पाबि रहल अछि। ऊपर सँ भारत संग अराड़! एहि सँ होयत की!😊

हरिः हरः!!

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