बाबा बैद्यनाथक दर्शन
माता सतीक हृदयस्थल पर विराजित मनोकामना लिंग – रावणेश्वर लिंग देवाधिदेव महादेव केर गाथा आ महत्ता के नहि जनैत होयब! खास कय मिथिलावासी – सम्पूर्ण मिथिलाक लोकजीवन मे बाबा एक-एक साँस मे रहैत छथि। किसान, मजदूर, विद्यार्थी, विद्वान्, कवि, राजनेता, सभक आशा छथिन देवाधिदेव महादेव केर ई महत्वपूर्ण स्वरूप – कय टा नाम सँ प्रसिद्ध, बैजू बाबा, बैद्यनाथ, आदि सँ चिर-परिचित आ सभक मोनक इच्छा केँ पुरेनिहार बाबा भोलेनाथ छथि।
पूर्वोत्तरे प्रज्वलिका निधाने सदा वसन्तं गिरिजा समेतं।
सुरासुराराधित पाद्य पद्मं श्री बैद्यनाथं तमहं नमामि॥
सुर-असुर सभक आराधित छथि बैद्यनाथ। साक्षात् जगदम्बाक ‘सती अवतार’ केर शरीरक हृदयस्थल पर विराजित रहबाक कारण ‘हृदयपीठ’ सेहो कहाइत अछि देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथक पवित्र स्थल, जतय गेला सँ मायक ममता आ स्नेह भेटिते टा छैक। कहल जाइत छैक न – पुत्र कुपुत्रो भऽ जाय मुदा माता कहियो कुमाता नहि होइत छथि। तहिना बाबाक दरबारक मुख्य धात्री जगज्जननी जगदम्ब सभ भक्त-आस्थावान लेल अवलम्ब थिकीह आर वैह सभक मनोकामना पूर करय लेल मुख्य प्रेरणा बनैत छथि। बाबाक दरबार मे गेनिहार करोड़ों भक्त केर मुंह सँ अनायासे सुनय लेल भेटतः
बाबा बाबा सब कहे माई कहे न कोइ
बाबा के दरबार मे माई कहे सो होइ!
अपन निजी अनुभव सेहो बाबाक दरबार साल मे बेर-बेर यत्नपूर्वक पहुँचबाक अछि। सावन मास मे देश-विदेशक करोड़ों श्रद्धालू-भक्त लोकनिक संग बाबाधामक यात्रा एकटा अलगे आनन्दक भाव दैत अछि। तहिना आश्विन-कार्तिक मे सेहो पहुँचब परिवारक संग बाबाक भक्तिक अलग अनुभूति प्रदान करैत अछि। आर, माघ मासक पूर्णिमा दिन गंगा स्नान करैत ‘जय सीताराम जय जय सीताराम’ केर महामंत्रक कीर्तन-जप सहित बाबाक बाट मे चारि-पाँच दिनक साधना सेहो एहि जीवन, तन आ मन केँ पवित्र करयवला होइत अछि।
बाबाक बाट मे चलबाक कय गोट लाभ त प्रत्यक्षे भेट जाइछ। शरीररूपी नाव मे बीमारीरूपी कतेको छिद्र केँ भरबाक अवसर बाबाधामक कामर यात्रा सँ अवस्से टा होइत छैक। अलाइ-बकच सोच आ विचार सँ मुक्ति चाही तऽ कामर उठा लिअ। ‘बोलबम-बोलबम‘ केर नारा सिर्फ नारा नहि बल्कि मस्तिष्क केँ साधनारत बनेबाक एकटा विलक्षण शैली थिक। एहि सँ एकाग्रता, धीरता आ स्थिरता हर तरहक उपलब्धि यथाशीघ्र होमय लगैत अछि। तदोपरान्त पहिनहि सँ दिमाग मे भरल कय गोट गन्दगी – अशुद्ध बात-विचार, काम, क्रोध, लोभ, मोह, ममत्व सँ वैराग्यताक प्रत्यक्ष अनुभव भेटि जाइत अछि। आध्यात्मिक उपलब्धिक संग भौतिक शरीर लेल स्वास्थ्यक अनुपम भेंट आर कतहु शायदे भेटत, लेकिन बाबाधाम केर यात्रा – बैद्यनाथ केर दर्शन मे ई सब तुरन्त भेटि जाइत अछि।
महादेव केँ ३ वस्तु अत्यन्त प्रिय छन्हि। गंगाजल, बेलपत्र आ गो-दुग्ध। बाबाधामक यात्रा मे गंगाजल केर खजाना भरिकय बड़ा पवित्रता सँ लोक नाम जप, कीर्तन-भजन आदि करैत यात्रा करैत रहैत अछि। कय प्रकारक व्याधि-रोग सब शरीर मे प्रकट होइत रहैत छैक। मोन थाकि जाइत छैक। शरीरक धौजन भऽ जाइत छैक। लेकिन गंगाजलक भार (कामर) केर संकल्प एहि सब मनःस्थिति पर हावी रहैत छैक। कोहुना त जेबाके अछि, बाबाक जयकारा – बमकाराक सहारा अछि।
चलय चलू बाबाधाम सब कियो चलय चलू
सुमिरैत बाबा नाम सब कियो चलय चलू
आइ बाबाक शुभ दर्शन सभक लेल शुभ हुअय, एहि बहन्ने हमरो आइ एतेक रास बात फुरल से कृतज्ञ भेलहुँ।
हरिः हरः!!