दुर्गा पूजा (नवरात्र) उपहार
आइ सँ शुरू भेलनि भगवतीक विशेष पूजा-अर्चना। हमर गाम, अहाँक गाम आ सभक गाम मे महादुर्गा भगवतीक स्मरण-पूजन मे लोक सब लागि गेल अछि।
बुझले होयत जे असुर (राक्षस) सभक अत्याचार पराकाष्ठा नांघि गेलाक कारण जनता त्राहि-त्राहि कय रहल छल। ऋषि-मुनि, ज्ञानी, विद्वान्, संत, समाजसेवी, बड़-बुजुर्ग सब चिन्तित रहथि। राक्षस सभक अगुआ चण्ड, मुण्ड, शुम्भ, निशुम्भ, महिषासुर, रक्तबीज आदि कइएक योद्धा सब अपन बल, पौरूष ओ सिद्धिक कारण बाकी प्रजा पर बहुतो तरहक हिन्सा, हत्या, जबरदस्ती करैत छल। मानवताक विरुद्ध कतेको तरहक गतिविधि कदापि समाज आ मानवताक हितपोषण करनिहार ऋषि-मुनि-ज्ञानी केँ नीक नहि लगैत छन्हि। ओ सब तुरन्त कोनो न कोनो उपाय करबाक लेल व्यग्र होइत समाधानक दिशा मे डेग बढबैत छथि।
दुर्गा सप्तशती – अर्थात् ७०० सौ श्लोक मे वर्णित भगवतीक महिमाक वर्णन पढब त पता लागत जे भगवती केना अपन अलग-अलग रूप मे असुर सब केर संहार कयलनि। कहल जाइत अछि जे ‘दुर्गा सप्तशती’क निरन्तर पाठ करब तँ हमरो-अहाँक जीवन मे असुरादिक प्रभाव घटत, सुख आ शान्तिक अनुभव बढत। ई बहुत पैघ सत्य थिकैक। ई हमरा जेहेन कतेको लोक जे बच्चे सँ भगवतीस्थान पूजा-पाठ करय मे रुचि रखैत रहल होयब से सब जरूर जनैत होयब। भगवती केँ चाहे जेना हो बस स्मृति मे आनिकय हुनकर शक्तिक अनुमान करैत अपन जीवन लेल कल्याण करबाक प्रार्थना करब सेहो हमरा सभक कल्याण अवश्य करैत अछि।
एहि वर्ष आजुक दिवस २९ सितम्बर रवि दिन सँ कलशस्थापन करैत भगवतीक विभिन्न ९ चर्चित स्वरूपक विशेष पूजा-अर्चना आरम्भ भेल अछि। आइये ‘कलशस्थापना’ केर संग बलुवाह माटिक आधार पर जयन्ती सेहो पाड़ल जाइत अछि। जयन्ती जौ केर बिया बाउग करैत पाड़ल जाइत अछि। यैह जौ अंकुरित होइत ९ दिन मे पियर-हरियर रंगक छोट-छोट गाछक रूप मे विकसित भऽ जायत। भगवतीक नौवो रूपक पूजा-पाठ पूरा भेलाक बाद आखिरी दिवस ‘जतरा’ दिन – यानी भगवतीक प्रस्थान सवारी करबाक दिन जयन्ती काटल जाइत अछि। महामारी आ अशान्तिक संग सामूहिक मानव कल्याण लेल प्रसिद्ध महामंत्र केर जाप करैत हम-अहाँ जयन्ती चढाकय भगवती सँ विशेष प्रार्थना करैत छी। ओ महामंत्र थिक –
ॐ जयन्ती मंगलाकाली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते॥
ई नवरात्र सभक लेल कल्याणमयी हो ताहि लेल विशेष शुभकामनाक संग अपनहि एक रचना जेकर रेकर्डिंग २०१७ मे भेल छल, से आब ‘शर्मा क्रिएशन्स’ द्वारा विजुअल केर रूप मे सेहो रिलीज कयल गेल अछि। एहि मे भाइ निराजन मेहता ‘मनजीत’ केर निर्देशन आ संतोष मंडल, सूरज झा सुमन, समीक्षा शर्मा, सपना झा सहित कतेको रास भाइ-बहिन कलाकार सब अभिनय कयलनि अछि। माँ कंकालिनी भगवती (भारदह) केर पृष्ठभूमि मे ई विजुअल रेकर्डिंग कयल गेल अछि। युट्यूब पर एतय ई उपलब्ध अछिः https://youtu.be/9vSq0YQjqnc
हमर आग्रह जे एहि भजन केँ जरूर अपने लोकनि सुनी, आरो लोक केँ सुनाबी, आर अपन मैथिली कलाकार सभक मनोबल केँ बढाबी।
जय मिथिला जय जानकी!!
हरिः हरः!!