विशेष सम्पादकीय
सुनबा मे आयल अछि जे भारतक जनगणना लेल सूचना संकलन करबाक प्रक्रिया शुरू अछि। २०२१ केर फरवरी धरि ई कार्य संपूर्ण कयल जेबाक परम्परा मुताबिक भारतीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी कयल गेल निर्देशन अनुसार प्रश्नक सूचीक संग सूचना संकलन करनिहार ठाम-ठाम पर घुमि-घुमिकय सूचना संकलन कय रहला अछि।
विदित हो जे दर्जनों प्रश्नक उत्तर सीधा जनसंवाद मार्फत संकलित करबाक वैधानिक निर्देशनक बावजूद सूचना जुटेनिहार लोकनि बहुत कम समय मे अपन कार्य आधा-अधूरा मे पूरा करबाक कार्य करैत छथि। स्वयं हमरो-अहाँक घरक किछु सूचना संवाहक सब सँ एहि सम्बन्ध मे प्रश्न पूछब त पता चलत जे कतेको रास प्रश्नक उत्तर अन्दाजहि पर भरि देल जाइत छैक। केकरो पता बदलि जाइत छैक तथापि ओकर गिनती पहिने रहि रहल स्थान पर सेहो कय देल जाइत छैक। आमदनी केकर कतेक छैक, ताहि सब मे अनठेकानी कोनो अंक भरि देल जाइत छैक। एहि तरहक कतेको रास त्रुटिपूर्ण सूचना सँ भरिकय देशक विधि-व्यवस्था केँ प्रभावित कयल जाइत छैक, जे सच मे देशक स्वास्थ्य आ आर्थिक प्रगति लेल नीक बात नहि भेल।
मैथिली भाषाभाषी लेल अपन भाषा लिखेनाय अनिवार्य
जनगणना कोनो देश मे नीति बनेबाक मुख्य आधार होइछ। जनगणना सँ भेटल तथ्यांक-आंकड़ा देशक वास्तविक स्थिति सोझाँ अनैत छैक। एहि आधार पर सरकारी निकाय संग-संग समाजशास्त्री, विचारक, इतिहासकार, राजनीतिक लोक व समस्त सरोकारवला देशक विकास आ प्रगति लेल उपयोग करैत अछि। एहि आंकड़ा सँ कुल जनसंख्या, कोन आयुक कतेक लोक, कोन भाषाक प्रयोग कयनिहार कतेक लोक, कोन धर्म केर कतेक लोक, कतेक शिक्षित, कतेक पुरूष, कतेक महिला, कतेक विवाहित, कतेक अविवाहित, विभिन्न समय-अन्तराल मे केकर केहेन स्थिति, रोजगारक अवस्था, केकर कि रोजगार, कुल २९ सवाल पर आधारित छल २०११ केर जनगणना…!
एहि वर्षक प्रश्नावलीक विषय मे अध्ययन करब शेष अछि, परञ्च मैथिलीभाषाभाषी सँ एतबे कहय चाहब जे जाहि तरहें हमर-अहाँक भाषा केँ समृद्धि सँ विपन्नता दिश ठेलल गेल अछि, ताहि मे हम-अहाँ आबो जँ सावधान नहि होयब त अधिकारविहीनताक अवस्था सँ कियो नहि बचायत। एखन त लोकपलायनक दंश झेलिये रहल छी, आगू आरो कइएक रोग आ संक्रमण हमरा-अहाँकेँ कमजोर करत। आर्थिक अवस्था मे सेहो सही आ सटीक सूचना भरल गेल वा नहि, ताहि पर ध्यान दियौक। कारण आबयवला दिन मे जाति सँ बेसी आर्थिक आधार पर सरकारी सुविधाक वितरण होयबाक संभावना बेसी होयत।
हरिः हरः!!