नव ‘सखी-बहिनपा’ समूह बनेबाक स्पष्टीकरण संग आगामी कार्ययोजना पर वाणी भारद्वाज

३ जून २०१९. मैथिली जिन्दाबाद!!

नव सखी-बहिनपा केर स्थापनाकर्ता ‘वाणी भारद्वाज’

हालहि समाचार मे आयल छल जे सामाजिक संजाल सँ धरातल पर सक्रिय मिथिलानी विशेष समूह “सखी-बहिनपा” मे आन्तरिक विभाजन सँ समूह २ ठाम विभाजित भऽ गेल अछि। विदिते अछि जे पहिने श्रीमती आरती झा “सखी-बहिनपा” समूह केर निर्माण फेसबुक सँ कयलीह, प्रथम दिन सँ हुनकर विचार छलन्हि जे एहि ग्रुप पर मैथिली भाषा छोड़ि अन्य कोनो भाषा मे वैचारिक सम्प्रेषण केँ मान्यता नहि देल जायत। कालान्तर मे एकटा मुख्य कारण ईहो जे भाषाक स्वतंत्रता आ विचारक स्वतंत्रता देल जाय, तथा दोसर प्रमुख कारण जे सिर्फ ढकोसला करबाक वास्ते देखाबटी-बनाबटी बात आ प्रदर्शनकारी सोच-विचार सँ ऊपर ठोस काज सेहो कयल जाय, ताहि सब तरहक आपसी वाद-विवाद सँ अन्ततः “सखी-बहिनपा” दुइ भाग मे विभक्त भऽ गेल अछि। दोसर भाग मे नवगठित “सखी-बहिनपा” भारतक उत्तर प्रदेश केर एक प्रमुख नगर वाराणसी सँ सोसाइटीज एक्ट अन्तर्गत पंजीयन सेहो करा लेल गेल। तहिना विभिन्न स्रोत आ स्वयं पूर्व समूहक संस्थापिका द्वारा देल गेल फेसबुक लाइव मार्फतक जानकारीक आधार पर ज्ञात भेल अछि जे प्रथम समूह सेहो भारतहि केर कोनो जिलान्तर्गत स्वयं केँ पंजीकृत करौलनि अछि। एहि बीच आपसी वाद-विवाद सँ व्यक्तिगत उपरौंझ मे फँसैत ई बहस मैथिली जिन्दाबाद केर संपादक प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा फेसबुक पर सेहो लिखल गेल छल जाहि मे अनेकों सम्बन्धित ओ गैर-सम्बन्धित मैथिली-मिथिलाप्रेमी लोकनि भाग लय अपन-अपन विचार रखने छलाह। तखन, दोसर समूह केर संस्थापिका वाणी भारद्वाज अपन स्थिति स्पष्ट करैत कहने छलीह जे जखन पहिल समूह मे हुनकर अभिव्यक्ति आ वैचारिक स्वतंत्रता पर अनावश्यक सेन्शरशीप (बन्धेज) लगाओल गेल, एतबा नहि, ग्रुप सँ रिमूव तक कय देल गेल, तखन “सखी-बहिनपा” नाम सँ दोसर प्रारूप मे ठोस कार्य करबाक निमित्त एकरा विधिवत पंजीकृत कराकय आवश्यक कार्यवाही ओ चलौलनि। एहि सन्दर्भ हुनकर विस्तृत विचार मैथिली जिन्दाबाद केँ मैसेज मार्फत जे प्राप्त भेल आर हुनका संग भेल वार्ताक सम्पादित अंश निम्न अछि। सखी-बहिनपा मे विभाजन एबाक, नव समूह बनबाक आर नव कार्यक्रम योजना पर प्रकाश दैत वाणी भारद्वाज मैथिली जिन्दाबाद केँ जानकारी दैत कहलीह –

“सखी बहिनपा वाद विवाद मे फंसल त कोना?? ई समूह कहिया बनल वा किए से हमरा सच मे बेसी नहि बुझल अछि। मुदा देखिकय खूब नीक लागल, सब मिथिलानी लोकनि केँ एना एकठाम देखि, गाम-घर जेकाँ माहौल, हँसी-चौल करैत महिला, सब बड नीक लागल। बहुतो हेरायल-भटकल जेकाँ, कोन गाम सासुर – कोन गाम नैहर… ईहो ठीक। हमरो पालन-पोषण बेसीकाल बहुते रास शहरहि मे भेल छल, त एना लागल जे बचपनक संगी सब भेटलीह। मुदा किछुए समय बात, ओ जे कहबी अछि “ढेर जोगी मठ उजाड़” – सैह एतहु होइत देखायल। एडमिन्स लोकनिक एतय शासन चलय लागल। कोनो संस्था वा ग्रुप पढल लिखल एडमिस्ट्रेसेशन्स सँ कोना मायने राखैत छैक, से हमरा बुझाय लागल।
पहिल तकरार हमरा एहि ग्रुप सँ तहिया भेल जहिया आरती झा सब केँ कहलथिन्ह जे स्त्री केँ समाज मे की भूमिका ताहि पर अपन विचार राखू, ओहि समय मोन होयत मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केर कांड, कतेको लड़की लापता छलय, एतेक तरह केर लड़की संग दुर्व्यवहार… हमरा ई घटनाक्रम आ समाचार ओहि समय मे मोन केँ काफी व्यथित कय देने छल। सब आइ-माइ अपन-अपन विचार आरती जीक प्रस्ताव पर लाइव आबिकय दय रहल छलखिन्ह… हम आरती केँ लिखलहुँ जे आइ एतेक बलात्कार जे भऽ रहल अछि ईहो मे स्त्रियहि केर अहम् योगदान छैक, सिर्फ मुजफ्फरपुर कांडहि टा नहि। से बात आरती अपना पर लैत प्रतिक्रिया देलखिन्ह जे हम कहिया केकर बलात्कार केलहुँ से वाणी हमरा कहलीह…। ओहि दिन हम ओ कतेक शिक्षित छैथ से बुझि गेलहुँ। दोसर बात, कियो नेहा झा छलथि, ओ अपन वाल पर सखी बहिनपा सं सम्बन्धित नकारात्मक बात सब लिखने छलीह। तेकरा आरती स्क्रीन-शौट लय ग्रुप मे देलनि जे एहि बातक संज्ञान सब कियो ली, ताहि पर सब सखी लोकनि अनाप-शनाप लिखय लगलीह। ई बात हमरा बहुत बेजाय लागल। हम ओहु मे आरती के लिखलहुँ, अहाँ कियैक सब सखी केँ हुनका पर हुलका देलहुँ? ईहो गप्प केँ ओ सब बड तूल देलनि। हम समय-समय पर एकटा सुझाव दैत छलियन्हि जे अहाँ सब सखी केँ नीक स्ट्रेंग्थ (शक्ति) अछि, आब अहाँ लोकनि एहि शक्ति केँ सार्थक दिशा मे लगेबाक सोच बनाउ। जेना सखी-बहिनक गीतनाद केँ अपन बैनर अन्तर्गत म्यूजिक रेकर्डिंग कय केँ सीडी तैयार कराउ, जे नीक रचना करैत छथि हुनकर पोथी छपबाउ, आरो बहुत बात। गरीब बालिका केँ सब कियो उच्च अध्ययन मे आर्थिक मदति, आदि कतेको बात! मुदा हम तामेतक आरतीक पैघ दुश्मन भ गेल रहियनि। हम तकर बाद निष्क्रिय सदस्य जेकाँ भऽ गेल रही। हम अपन समाज सेवा मे नीक सँ संलग्न भ गेलहुँ। हमर अपन अल्पकालिक आ वैकल्पिक समय बिताबय वला किछु उद्यम सब सेहो अछि, जेना मधुबनी पेन्टिंग्स केर अर्डर समय सँ पूरा करनाय सेहो अछि। छोटकी बेटीक पढाई पूरा करेबाक जिम्मेदारी अलग हमहीं देखैत छी।
मार्च मे आरती झा केर माता जीक निधन पर पोस्ट नहि भेजय पर हमरा रहल नहि गेल। हम सखी बहिनपाक लेल ऐना हुए तकर आग्रह केलहुँ, छाया झा हमरा मैसेन्जर मे जबाब देलीह जे जेना राम केँ भगवान आ सीता केँ भगवती तहिना सखी बहिनपा केर देवी आरती छथिन्ह। एहि पर हमरा छाया सँ बहुत बहस भेल। आखिरी बहस जेकर बाद हमरा आरती रिमूव केलक। छाया केँ एक टा पोस्ट जे ३० अप्रैल क मधुबनी काली मंदिर मे मिलन केर सम्बन्ध मे हमरा किछु-किछु सुनल छल ताहि पर आर पता चलल जे ३ मई केँ दरभंगा मे सेहो मिलन छैक। ताहि मे एक टा प्रतीक चिह्न (मोमेन्टो) जे हुनकर पसंदक आर एक टा तौनी मधुबनी पेन्टिंग केर हुनकर डिमान्ड छन्हि, ताहि पर हमरा रहल नहि गेल आर हम ओहि मे लिखि देलहुँ जे छाया दी अहूँ केँ आरती दी वला बीमारी लागि गेल की… भोरका पोस्ट पर ८ या 9 बजे आरती आ मनोरमा आबि हमरा जबाब देलीह, बहुते बात आब मोनो नहि अछि, आर ओकर बाद हमरा रिमूव कय देलनि। पहिने हम लिखलहुँ जे एहि बीच हम समाजसेवा मे रत रहय लगलहुँ, हमर पालन-पोषण गाम मे भेल अछि, गाम घरक बेबसी आ आर्थिक कमी हम असगरो मे सोचैत रहैत छी.. मुदा कोना-कि कयल जाय एतबेमे उलझल रहैत छी।
आरती रिमूव केलीह आर तेकर तुरन्त बाद हम रजिस्ट्रेशन दिश ध्यान देलहुँ। हम वकील सं गप्प कय एहि नाम केँ रजिस्टर्ड करबेलहुँ। समाज मे बहुतो सामाजिक समस्या आदि विषय (सोशल काउजेज) सभ अछि, सबटा दूर भेनाय एक गोटे सँ संभव नहि होयत। हमर दिमाग मे ई आयल जे एकल असहाय महिला अभिभावक (Single parent women) केँ हमरा सब कोना स्वाबलंबी बनायल जाए, एहि दिशा मे सोचि रहल छी। आर दोसर कन्या अनाथालय केर स्थापना लेल सेहो। एहि क्रम मे हमरा बहुत सुलझल महिला लोकनि संग संम्पर्क मे अयलहुँ। एक पर एक सफल उपाय-उपक्रम (ideas) भेटय लागल। ओहि मे लीना दीदी, निशा बहिन, सबिता बहिन, रूबी जे फकरा केर खान छैक, किरण झा सेहो मदद करतीह, किछु लघु उद्योग केर आर बहुत रास बात चिन्तन-मनन चलि रहल अछि। सोचिते टा रहला सं त नहि होयत, कोना हेतैक से देखबाक छैक। एक टा बात विशेष जे मात्र महिला सब मिलिकय करतीह। जुलाई मे हम शपथ ग्रहण कार्यक्रम करब वाराणसी मे, आर ओतय सँ अग्रगामी कार्यक्रमक योजनाक विकास होयत। आरो योजना पर क्रमशः प्रकाश दैत रहब।”