भामती वाचस्पति महोत्सव

भारत मे आम निर्वाचन आ आदर्श संहिता लागू होयबाक कारण पूर्व निर्धारित समय मे कार्यक्रम राज्य निकाय द्वारा कराबय मे काफी दिक्कत आयल, लेकिन मात्र २ दिन पहिने ई आयोजन १ दिनक देरी अर्थात् १७ मार्चक बदला १८ मार्च सँ कयल जेबाक निर्णय जिला प्रशासन मधुबनीक तरफ सँ भेटलाक बाद अत्यल्प समय मे जेना-तेना एहि बेरुक आयोजन कयल जा रहल अछि। एहि सँ पहिने ई निश्चित छल जे आयोजक समिति द्वारा उपलब्ध करायल गेल नाम, वक्ता, कवि, विद्वान् आदि केँ जिला प्रशासन द्वारा आमन्त्रित कयल जायत, लेकिन चुनावी माहौल मे ई सब निर्णय सही ढंग सँ सही समय पर नहि हेबाक जानकारी भेटल अछि। तखन आयोजन येनकेनप्रकारेण हेबाक अछि, आर संयोजक सहित आयोजक समितिक समस्त पदाधिकारी एहि लेल जी-जान सँ लागिकय सब कार्य पूरा कयलनि अछि।
काल्हि मिथिलाक आर्थिक विकास विषय पर विमर्श ११ बजे भिनसरे शुरू होयत। एहि सत्र मे विभिन्न सामाजिक अभियन्ता लोकनि सहभागी रहैत अपन विचार रखैत एकटा ठोस कार्ययोजना राज्य निकाय केर सोझाँ रखता। तदनुसार दोसर सत्र भाषा-साहित्य आ समाज पर आधारित होयत जाहि मे गणमान्य विद्वान् लोकनि केँ आमन्त्रित कयल गेल अछि। काल्हिक अन्तिम सत्र परम्परा मुताबिक कवि सम्मेलनक होयत। भामती-वचास्पति मिश्र केर जीवन पर आधारित बात-विचार सँ लैत मिथिलाक समग्र स्थिति पर चर्चा-परिचर्चा एहि महोत्सवक विशेषता रहि आयल अछि जे एहि वर्ष सँ राज्य सरकार केर तरफ सँ आयोजन कयल जाय लागल अछि।
हरिः हरः!!