चेतना समिति पटना द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मैथिल संस्था सम्मेलनक आयोजन पटना मे मार्च ९ तथा १० तारीख राखल गेल। एहि सम्मेलन मे चारि गोट महत्वपूर्ण विषय केँ केन्द्र मानिकय चारि महत्वपूर्ण विज्ञजन-अध्येता केँ प्रस्तोता बनाकय मिथिलाक यतास्थिति केँ जस केँ तस रखैत आगामी बेहतरी लेल सुझाव आ सलाह बीज-भाषण कयनिहार प्रस्तोताक संग-संग सम्मेलन मे सहभागी कुल ४६ गोट संस्थाक संचालक लोकनि सँ हुनका लोकनिक अनुभव व योजना मुताबिक संग्रह कयल गेल। पाँचम सत्र रहय संस्था सभक आपसी समन्वय सँ आगामी समय लेल एकटा सुनिश्चित कार्ययोजना तैयार करैत विभिन्न कार्यक्रमक क्रियान्वयन हेतु मार्गचित्र तैयार करबाक लेल, सब किछु सफलतापूर्वक संपन्न कयल गेल।
डा. रमानन्द झा रमण द्वारा चारि सत्रक उपलब्धि केँ विन्दुवार रूप मे ड्राफ्ट राखल गेल छल। प्राथमिक शिक्षा मे मैथिली, मिथिलाक आर्थिक विकास लेल अनेकों तरहक कुटीर उद्योग केर स्थापनाक संग अन्य-अन्य उपक्रम सँ आर्थिक प्रगतिक बात, भाषा-साहित्यक विकास एवं प्रसार लेल प्रत्येक संस्था द्वारा प्रकाशन आ पुस्तक बिक्री-वितरण बढेबाक बात, बाढिक स्थायी निदान लेल पोखरि आ चभच्चाक उराही आ कि राज्य संग सहकार्य करैत नदीक पेट सँ बालूक उराही, सुलिस गेट व अन्य संयंत्र केँ सुचारू करैत मिथिलाक पूर्व प्राकृतिक जलधारा केँ समान रूप सँ पसरबाक लेल योजनाक विकास, मिथिलाक कला-संस्कृतिक संरक्षण-संवर्धनक उपाय, युवा, महिला, बाल-बालिका आदि केँ समेटैत मैथिली-मिथिलाक समग्रता केँ बढावा देबाक बात, सौ बीमारीक १ इलाज मैथिली रंगकर्म आ फिल्म केँ बढावा देबाक बात – अनेकानेक बात २ दिनक विमर्श मे कार्यसूची मे सूचीकृत कयल गेल।
सम्मेलनक अन्तिम सत्र मे चेतना समितिक अगुवाई केँ स्वीकार करैत आगामी समय मे कोन-कोन योजना पर केना-केना काज कयल जायत ताहि लेल एक गोट ‘कोर कमिटी’ निर्धारण कयल गेल अछि। एहि सम्मेलन मे जे संस्था सब सहभागी नहि भऽ सकल अछि ताहि सब केँ समेटैत आगामी समय मे मैथिली-मिथिला संस्थाक एकटा विस्तृत विवरण उपलब्ध कराबयवला डायरेक्ट्री केर प्रकाशन कयल जेबाक निर्णय लेल गेल। विदित हो जे चेतना समिति संग आबद्ध होयबाक लेल सदस्यता शुल्क २५०० टका भुगतान कयल जेबाक नियम अछि, संगहि आबद्ध संस्था जाहि कोनो कार्यक्रम केँ मिथिलाक कोनो क्षेत्र अथवा मिथिला सँ बाहरो मैथिली-मिथिला हित लेल वांछित जाहि कोनो कार्यक्रम केर आयोजन-क्रियान्वयन केर प्रस्ताव रखताह ताहि मे चेतना समिति आर्थिक सहयोग सँ लैत वैचारिक आ औपचारिक हर तरहक सहयोग उपलब्ध कराओत। संगहि मिथिलाक एक सर्वथा प्राचीन आ अनेकों ऐतिहासिक योगदान करैत रहबाक कारण अभिभावकीय-संरक्षकीय भूमिका केर निर्वहन करैत अपन सदस्य संस्था संग सहकार्य करत चेतना समिति पटना ई सब बात सम्मेलनक अन्तिम सत्र मे स्पष्ट कयल गेल। संकलित सुझाव आ कार्यक एजेन्डा पर जल्दिये कोर कमिटी द्वारा आपसी विमर्श कय सब काज केँ मूर्तरूप देबाक बात तय कयल गेल अछि।
काफी समय सँ एकजूट होयबाक जनाकांक्षा केँ पूरा करबाक वास्ते चेतना समिति द्वारा सब संस्था केँ एक सूत्र मे जोड़बाक लेल ई एक ऐतिहासिक आयोजन सिद्ध भेल अछि। आब देखबाक ई अछि जे ईहो सम्मेलन सिर्फ बाते-विचार टा भऽ कय रहि जायत या फेर प्रतिबद्धता अनुरूप कार्यक्रमक क्रियान्वय यथार्थ धरातल पर सेहो कयल जायत। पटना संग दिल्ली, जनकपुर, काठमांडू केँ केन्द्र मानि समस्त क्षेत्रीय-उपक्षेत्रीय संस्था केँ जोड़ि केन्द्रीकृत भूमिका निभाबैत भारत ओ नेपाल दुनू देशक साझा भाषा आ संस्कृति मैथिली मिथिला लेल भविष्य मे एक सँ बढिकय एक काज कयल जायत ई तय कयल गेल अछि।
हरिः हरः!!