अश्लीलताक प्रचलन चरम पर रहल युग मे विशुद्ध मैथिली सांस्कृतिक कार्यक्रम करयवला एक गाम

अश्लीलताक पाछू पागल मिथिला मे सहुरिया एक स्वच्छ गाम

परिचय – गामक विशिष्टता आ सांस्कृतिक अवधारणा मे मैथिली-मिथिलाक महत्ता केर

सुन्दर गाम – सहुरिया

रिपोर्टः दिव्यांशु एवं दीनानन्द

एक तरफ जखन अश्लीलता-फूहड़ता गाम-गाम मे प्रचारित-प्रसारित भेल अछि, ताहि ठाम एकटा आदर्श गामक रूप उभरल अछि आर ओकर नाम थिक सहुरिया। मधुबनी जिलान्तर्गत सहुरिया मिथिलांचल केर ओइ गाम मे अबैत अछि जतय मिथिला और मैथिली केर वास्ते विभिन्न योगदान देबय मे कहियो पाछू नहि हँटल। सहुरिया मैथिली संस्कृति, कला और संस्कार सँ भरल गाम अछि आर सब वर्गक लोक केर आपसी तालमेल सँ सुखी सम्पन्न सेहो अछि। ई गाम मैथिली नाटक और मैथिली कीर्तन मंडली लेल प्रसिद्ध मानल जाएछ। एतय सालो भरि अनेकों धार्मिक अनुष्ठान आदिक आयोजन होएत छैक, बहूतो पूजा होइत अछि औऱ सब मिथिला‍-मैथिली केर लेल प्रतिबद्ध छथि।

एतुका कृष्ण पूजा मैथिली कार्यक्रम केर लेल प्रसिद्ध अछि। श्री कुञ्जबिहारी मिश्र, बिक्रम बिहारी, सुनीताजी, कंचनजी, राधे भाइ, जुली झा, अमन पांडेय एवम अनेकों नामी-गिरामी मैथिली कलाकार, गायक लोकनिक कार्यक्रम एहि गाम मे भेल अछि। सबसँ पैघ बात जे वर्तमान युग मुताबिक ठाम-ठाम मे पब्लिक द्वारा माँग कयल गेल भोजपूरी फूहड़ गीत, रेकॉर्डिंग डाँस एहि गाम मे नहि के बराबर होइत अछि औऱ जे होइत अछि ओ हिंदी डाँस रहल अश्लीलता सँ बहूत दूर।

मधुबनी जिलाक एक भव्य स्थान मे सहुरिया गामक प्रसिद्धि अछि। एतय बहुत रास दर्शनीय स्थान जाहि मे महिठाकुर बाबा स्थान प्रमुख अछि। एहिठाम श्रीकृष्ण पूजा – कृष्ण पूजा समिति ब्रह्म स्थान सहुरिया मे आयोजित होइत अछि जाहि मे समस्त ग्रामीण लोकनिक सहयोग होइत छन्हि। तहिना दुर्गा पूजा – दुर्गा पूजा समिति सेहो सम्पूर्ण ग्रामीणक सहयोग सँ आर काली पूजा – काली पूजा समिति द्वारा आयोजित होयबाक संग ग्रामीण नवाह संग कीर्तन – नवाह मंडली व समस्त ग्रामीण द्वारा हरेक वर्ष आयोजित कयल जाइत अछि। पूजा सब केर अवसर पर साथ-साथ बीच‍-बीच मे व्यक्ति विशेष व ग्रामीण दुवारा कथा, झांकी या नाटक सभक आयोजन कयल जाइत छैक।

समय-समय पर रामकथा, भागवत कथाक आयोजन सेहो एतय होइत रहैत अछि। आगामी २५ अक्टुबर केँ एहि गाम मे मिथिलांचल केर सुप्रसिद्ध कलाकार दिलीप दरभंगिया द्वारा सांस्कृतिक आयोजन हेबाक अछि। लगभग १५ वर्ष पूर्व एतय महिठाकुर नाट्यकला परिषद् द्वारा नाट्य प्रतियोगिताक सेहो आयोजन कयल गेल छल जाहि मे १५ अलग-अलग नाट्यसमूह सहभागी भऽ बहुत रास नाटकक प्रदर्शन भेल छलैक।एहि प्रतियोगिता मे कोइलख गाँव केँ प्रथम स्थान भेटल छल।

गामक अगुआ समाज जिनकर भूमिका उपरोक्त आयोजनादि केर संयोजन मे महत्वपूर्ण रहैत अछि, तेहेन गोटेक गणमान्य व्यक्ति प्रति सम्पूर्ण ग्रामीणक आस्था आ विश्वासक सेहो बहुचर्चा होइत रहैत अछि। एहि तरहक किछु लोकक नाम छन्हि – प्रवीण मिश्र, दीनानन्द मिश्र, प्रभाष चन्द्र झा, श्रवण मिश्र, मुकेश मिश्र, डा. ए. एन. मिश्र, पुनियानन्द मिश्र, दिव्यांशु मिश्र, वसिष्ठ मिश्र तथा अन्य। महिला सहभागिताक संग अन्य सर्वहारा समाजक अप्रत्यक्ष योगदान सेहो महत्वपूर्ण रहैत आयल अछि।