दिल्ली सँ मनीष झा बौआभाई केर रिपोर्ट – साभार फेसबुक – जहिनाक तहिना
मैथिली गीत-संगीत विषय पर परिचर्चाक क्रममे डॉ. शेफालिका वर्मा गाम सँ दूर रहबाक दर्दक संगहि मिथिलाक विभिन्न जिला आ गामक लोककेँ मंच पर एक संग जमाजूटकें सेहो एक उपलब्धि मानै छथि। डॉ. प्रकाश झा ‘राग’ आ ‘भास’ सँ संबंधित आवश्यक जानकारी दैत विद्यापति पर्व समारोहक आयोजनमे संगीत मे ‘अमता घराना, दरभंगा’ सन अभूतपूर्व योगदान देनिहारकेँ कतौ याद नै कएल जेबाक बात सँ चिन्ता व्यक्त केलनि। किसलय जी एहिमे ‘पंचगछिया घराना, सहरसा’ केर उल्लेख करैत एकरा सेहो विस्तार देबाक आवश्यकता पर जोर देलनि।
विमलकान्त झा द्वारा संस्कृतमे किछु श्लोकक उदाहरण दैत मिथिलाक भूगोलक चर्च शास्त्रमे कतेको ठाम उद्धृत हेबाक बात कहलनि। दू-तीन टा महत्त्वपूर्ण बिन्दु रखलनि जेना मैथिली भाषा केँ क्षेत्रीय वा जातीय आधार पर संकीर्णता सँ बाहर होमय देल जाय आ मैथिली भाषा सँ प्रसिद्ध भेनिहार कलाकारकेँ अपन भाषाक प्रति विमुख होइत अवस्था सँ असहमति रखैत क्षोभ व्यक्त केलनि।
संगीत सत्रक संचालन संयुक्त रूप सँ किसलय-जानबी केलनि। मूलतः सहरसा-मधेपुरा जिलाक सीमान्त गाम धबौली कहरा निवासी संजीव कश्यप (वर्तमानमे दिल्ली प्रवास) केर गायन पर केंद्रित कार्यक्रम मे अन्य कलाकारक रूप मे स्नेहा आ मोनी झा सेहो अपन प्रस्तुति देलनि। संजीव कश्यप द्वारा विद्यापति रचित ‘तोंहे जुनि जाह विदेश’, ‘खगेंद्र रचित ‘धन्य धन्य हे मिथिला’ आ नवल जी रचित ‘जतय आरि पर छमछम बाजय पायलिया केर बोल’ गीत प्रस्तुतिक बाद मोनी झा द्वारा ‘गणेश वन्दना’ आ एक गोट ‘लोकगीत’ गाओल गेल। स्नेहा झा गाओल गीत ‘गे माइ चन्द्रमुखी सन गौरी हमर छथि’ आ ‘आबि जाउ कटनी मे गाम हे यौ सजना’क प्रस्तुति सभसँ उत्तम रहल। स्नेहा संगीतक विधिवत शिक्षा ल’ रहली अछि आ गायनक बारीकी सँ अपनाकेँ नीक जेँका जोड़ैत एहि कार्यक्रममे उपस्थित दर्शकक मध्य सभसँ बेसी प्रसंशित कलाकार रहली। प्रसिद्ध तबलावादक भोला वर्मा केर म्यूजिकल ग्रुप प्रत्येक कलाकारक संग बेहतरीन तालमेल बैसेबामे सफल रहल।
हमरे अहाँ समाजमे विद्यमान किछु कुपोषित मानसिकताक व्यक्तिक कारणे सम्पूर्ण पुरुष जाति पर प्रश्न उठैत रहल अछि आ से एहि कार्यक्रमक बहन्ने तकर उल्लेख करब सेहो ततबे प्रासंगिक भ’ जाइछ। मंच सञ्चालनमे महिला सहभागिता विरले भेटैछ। खासक’ पुरुष-महिलाक जोड़ीमे एकटा धीरू-रूपाकेँ छोड़ि देल जाए त’ नहिए जेँका। सौभाग्य मिथिला नामक टीवी चैनल द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम ‘मिथिला केँ आँगन सँ’ मे रश्मि-विकाशक युगल संचालन सेहो एकर भूमिका निर्वहन केलक मुदा सेहो कार्यक्रम विशेष मात्र लेल छल। नियमित सञ्चालन मे बहुत दिनक बाद किसलय-जानबी एहिमे सक्रियता बनौने छथि। प्रस्तुति नीक वा अधलाह फराक विषय भ’ सकैछ, मुदा घोघक ओहार आ समाजक कुत्सित मान-मर्यादा सँ बहरा जँ एकटा नारी पुरुखक जोगदान मे समान हस्तक्षेप रखै छथि त’ ताहि प्रयासक सराहना हेबाक चाही नै कि दर्शक दीर्घा सँ पिहकारी वा अनावश्यक टिप्पणी। जखन नारीक स्वाभिमान आहत होइत अछि त’ ओकर रूप केहेन होइछ से जानबी झा केर त्वरित प्रतिक्रिया सँ ओहेन किछु व्यक्ति लेल आगाँ सावधान हेबाक सूचक छल।
उक्त कार्यक्रमक सह-प्रायोजक माँ शारदा रियलटेक आ रामबाबू सिंह केर संयोजन मे विनय ठाकुर, विमल जी मिश्र, अनुज अलभ्य आदिक मेहनैत सँ कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न भेल।