आलेख
– राकेश झा, ठाढी, मधुबनी। हाल – पटना! मई ९, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
दरिभंगा जेकर नस मे मिथिलाक संस्काररूपी रक्तधार बहैत छल, दरिभंगा जेकर विभुति सँ मिथिलाक श्रृंगार बढैत छल, आइ ओ दरिभंगा समयचक्र मे अय तरहें ओझरा गेल जे अपन अतीत केँ पुर्णतः बिसैर भांग-गांजाक मद मे वर्तमानोक रोटी, कपङा आ मकानक जरूरत केँ पूरा नय कय पाबि रहल अछि।
दुपहरिया में ताशक दरिभंगिया बादशाह, सांझ में नशाक गुलाम बनि अपन राइत असफल जीवन सँ उत्पन्न कुंठाक पलंग पर अगिला दिन करोङपति बनैक स्वप्न देखि बिताबैत अछि। ऐगला दिन फेर सं वैह बादशाह, बीबी, गुलाम आ भांग-गांजा केँ सलाम।
तखन दोष केकर? सरकारक? जे दरिभंगा केँ स्मार्ट सिटी लिस्ट मे शामिल नय केलक? या दोष हमरा एहन दरिभंगियाक जे स्मार्ट सिटी मे रहबाक कबिलताइ नहि देका पाबि रहल छी। पहिले अहां स्मार्ट बनु! जहिया स्मार्ट बनि गेलौं तहिया दरिभंगा केँ स्मार्ट सिटीक दर्जा लेल सरकारी सार्टीफिकेटक कोनो जरूरत नय। दरिभंगा स्वस्फुर्त स्मार्ट भऽ जायत।
आऊ आब बात करी कि स्मार्ट केना बनब!!
आजुक समय में स्मार्टक पैमाना शिक्षा, स्वास्थ आ रोजगार सँ अछि। शिक्षा मानव समाजक ओ एन्टीबायोटिक अय जे सब बीमारीक इलाज भऽ सकैत अछि। ताहि लेल एकरा ठीक केनाइ सब सं बेसी जरूरी अछि। एहि लेल अपने किछ करय पड़त कियैक तऽ सरकारी सर्व शिक्षा अभियान खिचड़ीक कटोरा थामि सर्व भिक्षा अभियान बनि गेल अछि आ मनरेगा लेल मजदूर तैयार कय रहल अछि। आइ दरिभंगा मे जतेक प्राइवेट स्कूल अय सभ रुपैया छापय लेल कारखाना बनल अछि। आइयो एकटा कोनो स्कूल Darbhanga DPS केर नाम सँ फेक संस्था खुजबाक समाचार प्रकाश मे आयल अछि। नित्य एहेन गोरखधंधा शिक्षाक नाम पर चलायल जा रहल अछि। लोक भटैक रहल अछि जे कतय अपन बच्चा केँ समुचित शिक्षा दिया सकब। तेकर गलत फायदा निजी शिक्षा संस्थान आ कहि सकैत छी जे शिक्षा माफिया सब उठा रहल अछि।
एहन समय मे सरकारी संस्था केँ फेर सँ दुरुस्त करबाक प्रयोजन सर्वोपरि अछि। सरकार एहि दिशा मे माफियाक कमीशन खाइत कोनो काज शायद करबाक मूड मे नहि अछि। गये दिन हड़ताल आ सुविधा लेल सरकार सँ शिक्षक संघर्ष कय रहल अछि, लेकिन शिक्षाक स्तर मे सुधार वास्ते जनसरोकारक विषय पर केकरो ध्यान नहि छैक। सशक्त-जाग्रत समाज एहि लेल स्वयं जिम्मेवारी उठबैत आइ देशक विभिन्न भाग मे शिक्षाक स्तर मे उल्लेखणीय सुधार केलक कतेको उदाहरण भेटैत अछि। लेकिन कोनो समय शिक्षाक केन्द्र मिथिला आ ताहू मिथिला मे मुख्य केन्द्र दरभंगा जतय समस्त उत्तर बिहार क्षेत्रक संग नेपाल सँ सेहो विद्यार्थी सब शिक्षा ग्रहण करय लेल आबय, ओ सब सँ ज्यादा जीर्ण अबस्था मे देखाय दऽ रहल अछि। आवश्यकता ई अछि जे एतय योग्य अवकाश प्राप्त व्यक्ति सिविल सोसाइटी (नागरिक समाज) केर गठन कय शैक्षणिक संस्थान केँ समय-समय पर निरिक्षण करय। क्वालिटी एजुकेशन (स्तरीय शिक्षा), शिक्षकक दैनिक उपस्थिती, सरकारी योजना केर सही क्रियान्वयन सुनिश्चित करय। युवा समाज एहि लेल विशेष गुरिल्ला दस्ता तैयार करय आ दोषी पर समुचित कार्रबाई लेल सरकारी उच्च निकाय केँ जानकारी करबैत कानून संग सहकार्य करय। एक बेर दरिभंगाक जिम्मेवारी अपने सँ उठेनाय शुरु भेल कि स्मार्टनेस स्वत: चारु बगल चमकय लागत। एतुका बच्चा-बच्चा स्मार्ट भऽ जायत आर दरिभंगा अपने स्मार्ट भऽ जायत। आलोचक कोनो बेजा नहि कहैत छथि जे स्मार्ट सिटी योजनाक ओतय कोन दरकार जाहि ठामक जनता मे भ्रष्टाचार घर कय चुकल हो, केकरा लेल स्मार्ट सिटीक परिकल्पना काजक होयत। आत्मनिरीक्षण करैत एहि तरहें हमरा लोकनि स्मार्ट बनी, ई हमर दरिभंगा समाजक प्रथम माँग अछि। अशिक्षा मुक्त मिथिलाक परिकल्पना संग डेग बढौनाय सेहो एहि अभियानक प्रथम चरण थीक।
जय मिथिला! जय मैथिली!!
(संपादकक नोट: आलेख प्रस्तोता राकेश झा सिवल सर्विसेज परीक्षाक तैयारीक संग शिक्षण पेशा मे पटना मे कार्यरत छथि। हालहि मिथिलाक्षेत्रीय शिक्षा संबंधी समस्याकेँ देखैत एकटा अभियानक स्थापना सेहो केलनि अछि जेकर नाम थीक ‘अशिक्षा मुक्त मिथिला’। एहि लेल हुनकर ई आलेख एकटा आम-आह्वान रूप मे कार्य करत से आशा अछि। मिथिला वास्ते सोच रखनिहार विरले बेटा ठाढ होइत अछि, आ जेकरे मे सोच होइत छैक, ओकरे मे किछु कार्य करबाक तत्परता सेहो अबैत छैक। मैथिली जिन्दाबाद एहेन प्रतिबद्ध विचारक एवं कार्यकर्ताक संग सदैव डेग सँ डेग जोड़ि आगू बढबा लेल तैयार अछि। एहि तरहक अभियान नहि मात्र दरिभंगा मे, बल्कि हरेक जिला मे वर्तमान युवा पीढी तथा अवकाश प्राप्त बुद्धिजीवी केँ चलेबाक लेल बेर-बेर अपील करैत अछि।)