२१ मार्च, २०१८. मैथिली जिन्दाबाद!!
झारखंड सरकार द्वारा मैथिली, मगही, भोजपुरी तथा अंगिका भाषा केँ दोसर राजभाषा केर मान्यता देल गेल अछि। मुख्यमंत्री रघुवर दास सहितक कैबिनेट बैसार द्वारा ई निर्णय लेल गेल। एहि सँ पूर्व झारखंड मे अन्य १२ भाषा केँ राजभाषाक दर्जा भेटि चुकल छल।
साभारः एवेन्यु मेल
राँची, मार्च २१ः झारखंड सरकार द्वारा मैथिली, भोजपुरी, मगही, अंगिका – कुल चारि भाषा केँ दोसर राजभाषाक दर्जा देबाक प्रस्तावना केँ स्वीकृति प्रदान कयल गेल अछि। ई निर्णय मुख्यमंत्री रघुवर दासक अध्यक्षता मे राज्य मंत्रीमंडल केर परियोजना भवन मे बैसल बैसार द्वारा लेल गेल।
राज्य मंत्रीमंडल सचिव एसकेजी रहाते प्रेस केँ बतौलनि जे बिहार राजभाषा (झारखंड संशोधन) अध्यादेश, २०१८ केँ मंत्रीमंडल द्वारा स्वीकृति प्रदान कयल गेल अछि। एहि सँ पहिने १२ गोट भाषा जाहि मे उर्दू, संथाली, मुन्दड़ी, हो, खड़िया, खुर्खु, कुर्माली, कोर्ठा, नागपुरी, उड़िया, पंचपरगनियाँ आ बंग्ला केँ दोसर राजभाषाक दर्जा प्राप्त छल।
सरकारी दस्तावेज अनुरूप एहि चारि भाषा मध्य मगही सर्वाधिक १८.३५ लाख लोक द्वारा बाजल जाइत अछि, तहिना ६.५६ लाख भोजपुरी बजैत अछि आ १.४१ लाख मैथिलीक व्यवहार करैत अछि। अंगिका बजनिहारक कोनो तथ्यांक जनगणना मे नहि भेटैत अछि, लेकिन रहातेक मुताबिक अंगिका गोड्डा, दुमका आ अन्य संथाल परगनाक जिला सब मे बाजल जाइत अछि। ओ ईहो कहलखिन जे जनगणना मे एहि भाषाक कोनो उल्लेख नहि भेटैत अछि, लेकिन एहि परिप्रेक्ष्य मे एकटा अधिसूचना गृह विभाग द्वारा २००९ मे जारी कयल गेल छल जे शिक्षकक बहाली हेतु परीक्षा मे अंगिका भाषाक उम्मीदवार सेहो सहभागी होइथ।