ठाढी, १८ मार्च, २०१८. मैथिली जिन्दाबाद!!
२०१६ ई. मे विद्यावारिधि सर्वतंत्र स्वतंत्र वाचस्पति मिश्र केर प्रतिमा अनावरण पछाति २०१७ आ २०१८ केर एहि वर्षक स्मृति समारोहक आयोजन सेहो भव्यताक संग मिथिलाक प्रसिद्ध ऐतिहासिक गाम ठाढी (मधुबनी) मे संपन्न भेल । कार्यक्रम संयोजक रत्नेश्वर झा मैथिली जिन्दाबाद केँ जनतब देलनि जे एहि वर्षक आयोजन दू-दिना होयबाक कारण पूर्वक तुलना मे बेसी गंभीर आ वृहत् छल । साहित्यिक विमर्श – वाचस्पति मिश्रक व्यक्तित्व-कृतित्वक स्मरणक संग पूर्वहु मे होएत रहल, एहि वर्ष क्षेत्रक आर्थिक पिछड़ापण आ विकासक संभावना पर सेहो चिन्तन-मंथन केलक । बिहार राज्य केर प्रशासनिक अधिकारी, राष्ट्रस्तरीय पुरातत्वविद्, मैथिली एवं संस्कृत साहित्य मे मिथिलाक नाम ऊँचाई पर पहुँचेनिहार सर्जक, कवि, कलाकार, स्थानीय विकास पदाधिकारी आदिक भव्य संगम केर रूप मे एहि वर्षक आयोजन एकटा नव संवाद संचरण करय मे सफल भेल ।
कार्यक्रमक उद्घाटन मधुबनी जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालयक पूर्व कुलपति डा. देवनारायण झा, मैथिली एवं हिन्दी भाषा-साहित्यक जानल-मानल लेखिका पद्मश्री डा. उषा किरण खान एवं संयोजक रत्नेश्वर झा द्वारा संयुक्त रूप सँ दीप्ति प्रज्वलनक संग कयल गेल । पुनः समस्त विशिष्ट अतिथि एवं आमंत्रित अतिथि लोकनि द्वारा वाचस्पति मिश्र केर प्रतिमा पर फूल-माला अर्पण करैत उद्घाटन सत्र मे मन्तव्य देबाक क्रम शुरू भेल छल । जिलाधिकारी अशोक मिथिलाक गौरवपूर्ण इतिहास आर एहि मे विद्वान् मणीषीगणक योगदानक सुन्दर खाका प्रस्तुत करैत पं. वाचस्पति मिश्र केर अविस्मरणीय कृति भामती जेहेन महत्वपूर्ण ब्रह्मसूत्रक टीकाक चर्चा कयलन्हि । डा. उषा किरण खान जे स्वयं भामती उपन्यास केर लेखिका सेहो छथि, हिनका द्वारा पंडित वाचस्पति मिश्र केँ ९म शताब्दी मे स्त्री विमर्श आरम्भ करबाक प्रमाण जे अपन कृत्ति केँ ओ अपन धर्मपत्नीक नाम दय केँ कयलन्हि से कहल गेल ।
एहि अवसरपर मौजूद मुजफ्फरपुर जिलाक अपर समाहर्त्ता डा. रंगनाथ चौधरी ठाढी गामक माटि मे विद्या निहित रहबाक बात कहैत पंडित सहदेव झा केँ विशेष रूप सँ स्मरण कयलन्हि जिनकर कृतित्व सँ आइ वाचस्पति मिश्र ठाढी गामहि केर होयबाक बात प्रसिद्धि पाबि रहल अछि । एसडीओ विमल कुमार मंडल, बीडीओ आलोक कुमार शर्मा, सीओ विष्णुदेव सिंह, प्रो. गीतानाथ झा, प्रो. एल. एन. कर्ण, पं. महेश झा, तुलाकान्त दास, योगेन्द्र दास, प्रदीप दत्त, प्रमुख शुभेश्वर यादव, डा. रेखानन्द, रीना सोपाम, प्रो. विनोद झा, जयकान्त दास, ई. मिथिलेश्वर झा, डा. रामजी ठाकुर, क्षमाधर झा, प्रो. सतीश झा, किशोर झा, विक्रम मंडल, राजनारायण उर्फ छोटू राय, आदि अनेकानेक विद्वान्, समाजसेवी, प्रशासनिक पदाधिकारी, पंचायत सेवक, प्रमुख व्यक्तित्व लोकनिक उपस्थिति समारोह मे चारि चाँद लगा रहल छल ।
डेजी ठाकुर द्वारा भगवती वंदना सँ कार्यक्रम आरम्भ कयल गेल । संयोजक रत्नेश्वर झा पूर्ववत् अपन विलक्षण संबोधन मार्फत आगन्तुक अतिथि एवं विशाल दर्शक-श्रोता लोकनि केँ आयोजनक मूल उद्देश्य पर प्रकाश दैत भव्य स्वागत अभिभाषण रखलन्हि । सुजीत कुमार द्वारा स्वागत गीत गाबिकय सेहो अतिथि लोकनि केँ भामती-वाचस्पति उद्यान् कार्यक्रम स्थल पर स्वागत-अभिनन्दन कयल गेल । पंडित सुरेश मिश्र, काशी नाथ झा, सतीश चन्द्र झा – आयोजन समितिक पुरोधा व्यक्तित्व लोकनि द्वारा जिलाधिकारी सहित समस्त विशिष्ट अतिथि लोकनि केँ पाग-चादर सँ सम्मान कयल गेल । तदोपरान्त दोसर आ तेसर सत्र मे क्रमशः दर्शन साहित्य पर विमर्शक संग मिथिलाक आर्थिक अवस्था विषय पर सेमिनार (गोष्ठी) मे आमंत्रित वक्ता लोकनि महत्वपूर्ण विचार रखलन्हि । पहिल दिनक अन्तिम सत्र मे सांस्कृतिक कार्यक्रमक आयोजन संग कार्यक्रम केँ विश्राम देल गेल । पुनः दोसर दिवस अलग-अलग सत्र मे आर्थिक-सामाजिक-सांस्कृतिक विषय पर सेमिनार, कवि गोष्ठी तथा जनकपुर सँ आमन्त्रित कलाकार टोली द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम संग एहि दुइ-दिवसीय समारोह केँ समापन घोषणा कयल गेल ।
महत्वपूर्ण विषय पर सेमिनारक लाभ
संयोजक रत्नेश्वर झा कहलनि जे एक्के तर्ज पर स्मृति दिवसक आयोजन सँ क्षेत्रक लोक मे नव उत्साहक संचरण कठिन छैक, लेकिन एहि बेरुक आयोजन मे सेमिनार आ सेहो पुरातात्विक महत्ता, आर्थिक पक्ष, साहित्य आ दर्शन सन-सन महत्वपूर्ण विषय पर राखब क्षेत्रक लोक लेल अनेकों विद्वानक विचार सुनब नव प्राण जेकाँ अनुभव देलक । समारोह पुनः अविस्मरणिय आ नव कीर्ति केँ ठाढ केलक । सामाजिक सरोकार केँ समेटब वरदान साबित भेल ।