दरभंगा, १२ मार्च २०१८. मैथिली जिन्दाबाद!!
मिथिला प्राचीन कालेसँ जगत विख्यात रहल अछि। ज्ञान-ध्यानक क्षेत्र में ई सर्वदासँ श्रेष्ठ रहल अछि। जाहि षड्दर्शनकेँ ल भारत विश्वगुरुक पदपर आसीन रहल ताहिमे चारिटाक जन्मभूमि मिथिले रहल अछि। वैदिक कालेसँ मिथिला आ मैथिली अपन स्वतन्त्र परिचिति स्थापित रखलक। मैथिली त्रेता युगेसँ विश्वक मार्गदर्शन करैत रहली। मिथिला पुत्री सीताक नाम मैथिली सेहो छनि आ मैथिली स्वतंत्र ओ प्राचीन भारतीय भाषामे शीर्षस्थ रहल अछि। मैथिलीक अपन स्वतन्त्र लिपि तिरहुता रहल अछि जकरा मिथिलाक्षर सेहो कहल जाइत अछि। तिरहुता मे हज़ारों पाण्डुलिपि आइयो उपलब्ध अछि। मैथिलीक अपन स्वतंत्र व्याकरण सेहो अछि। एकर अध्ययन आ अध्यापन बिहार आ झारखंड राज्यक विभिन्न विश्वविद्यालयमे भs रहल अछि। साहित्य अकादेमी दिल्लीमे 1965 सँ मैथिली प्रतिष्ठित अछि। हजारोक संख्यामे पोथीक प्रकाशन भेल आ भs रहल अछि। साहित्य अकादमी प्रत्येक बरख एक लाख टाकाक मूल पुरस्कार आ 50-50 हजार टाकाक अनुवाद, बाल आ युवा पुरस्कार प्रदान करैत अछि। बिहार आ दिल्लीमे पोथीक प्रकाशन करैत अछि। एकर सभक सुपरिणाम भेल जे 2003 मे मैथिली केँ संविधानक आठम अनुसूचीमे एन डी ए सरकार सम्मिलित केलक। एहि लेल पुर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी, पुर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी आ पद्मश्री सी पी ठाकुरक हमरालोकनि मिथिलावासी ऋणी छी आ रहब। ई समस्त बात आइ प्रेस वार्ता करैत विद्यापति सेवा संस्थानक महासचिव बैद्यनाथ चौधरी बैजू बतेलनि अछि।
ओ कहलनि अछि जे बिहारक वर्तमान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार तत्कालीन रेलमंत्रीक रूपमे जे सहयोग केलनि तकरा कदापि नहि बिसरि सकै छी। एहन स्थितिमे वर्त्तमान केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा माननीय सांसद कीर्ति आजादक प्रश्नक उत्तर मे मैथिलीक प्रसंग देल गेल जनतबमे ई कहब जे मैथिली मौखिक भाषा अछि आ हिन्दीक राजभाषा बनबाक संग देवनागरीमे लिखल जाय लागल भ्रामक अछि। ई हुनका पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहि रहबाक परिचायक सेहो अछि।
बैजू मैथिली लेल मांग रखैत कहलनि जे केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर अविलम्ब एकर परिमार्जन करथु आ सी बी एस ई सहित अन्य पाठ्यक्रममे मैथिली केँ अनिवार्य करथु। केंद्रीय विश्वविद्यालय मे सेहो मैथिलीक पढ़ाई आरम्भ करथु । मिथिलाक्षरक संरक्षण-सम्वर्धनक योजना बनाबथु। संस्थान केंद्र सरकार सँ अपन सभ कार्यालयमे मैथिली अनुवादकक बहालीक मांग करैत अछि। बिहार सरकार मैथिली केँ प्राथमिक शिक्षाक माध्यम अनिवार्य करय आ शीघ्र मैथिली शिक्षकक बहाली करय। मैथिली केँ बिहारक द्वितीय राजभाषा बनायल जाय आ सभ कार्यालय मे मैथिली अनुवादकक बहाली कयल जाय।