एकटा आरो जिज्ञासा…..
मिथिला मे ज्वालामुखी भगवतीक आगमन लखतराज पाण्डे समान अगाध भक्तक कारण भेल। तहिना मिथिला मे ज्वाला माई केर पूजा विधान मे ‘पीर बाबा’ कहिकय एकटा मुसलमान फकीर केँ सेहो मायक असीम भक्त मानिकय इस्लामिक परंपरा सँ बलि-प्रदान दैत देखलहुँ। ज्वाला माई जाहि कोनो मैथिल ब्राह्मण परिवारक कुलदेवी छथि हुनका सब केँ ई सब बात नीक सँ ज्ञात होएत छन्हि, कारण भगवतीक पूजा-आराधना कएने बिना ओ सब कोनो छोटो टा शुभ काज नहि करैत छथि। ईहो बात तय अछि जे जाहि कोनो गाम मे ज्वालामुखी भगवतीक मन्दिर छन्हि – ओतय सब वर्णक लोक केर आस्था ओतबे गहिंर अछि। भगवतीक पीरीक स्वरूप केर पूजा कयल जाएत अछि। कसरर स्थित ज्वालामुखी माईक मन्दिर सेहो अत्यन्त प्रसिद्ध अछि आर कहाँ दिना लखतराज पाण्डे संग जे भगवती अपन मूल स्थान हिमाचलप्रदेशक पहाड़ सँ मिथिला एली त एहि कसरर केर रमणगर उपवन या वन मे रहबाक इच्छा रखली, आर तहिया सँ लखतराज पाण्डे व हुनक संतति सँ पूजित होएत आबि रहली अछि।
ई सब श्रुति इतिहास सँ ज्ञात भेल। मुदा हमर पूरा-पूरा गाथा ज्ञात नहि अछि। यदि कियो भक्त श्रद्धालू माँ ज्वालामुखीक महिमा आ माहात्म्य आदि सँ अवगत होइ त कृपया अपन लेखनीक माध्यम सँ हमरो सबकेँ जनतब दी।
आग्रही-जिज्ञासू-प्रवीण
हरिः हरः!!